मुंबई: गठबंधन टूटने के बाद मोदी सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बीजेपी शिवसेना के गठबंधन टूटने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. गठकरी ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा 'गठबंधन करना है ये दोनों पक्षों का अधिकार है. लेकिन गठबंधन टूटने की वजह जो शब्द हैं, जो शिवसेना की तरफ़ से बोले जाते हैं सामना में लिखे जाते हैं उससे अंतर बढ़ता है. शिवसेना के पच्चीस साल सड़ गए ऐसा कहना गलत है.
महाराष्ट्र में 22 साल पुराना बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन टूट गया. कल खुद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गठबंधन टूटने का एलान किया था. कल एक रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, 'अगर आप मुझे वचन दोगे तो मैं अभी आपको मेरा फैसला बता रहा हूं, इसके आगे शिवसेना अकेली महाराष्ट्र में लड़ेगी. गठबंधन के लिये मैं किसी के भी आगे कटोरा ले कर खड़ा नहीं रहूंगा. इसके आगे जो भी रहेगा वो मेरा और मेरी शिवसेना का रहेगा. किसी से भी भीख नही मागूंगा.' रैली में उद्धव ठाकरे ने सिर्फ गठबंधन तोड़ने का ही एलान नहीं किया था बल्कि बीजेपी पर जमकर बरसे भी थे.
परिवहन मंत्री ने आगे कहा 'अगर गठबंधन नहीं होता तो 1995 मे बीजेपी शिवसेना की सरकार नहीं होती. शिवसेना का मुख्यमंत्री नहीं होता. सरकार में बीजेपी शिवसेना दोनों की मेहनत थी. दोनों ने मिलकर कई चुनाव जीते. लेकिन इस तरह के शब्दों का प्रयोग सहीं नहीं. अटल बिहारी वाजपेयी के जितना ही मान सम्मान हमने हमेशा बाल ठाकरे को दिया.
गठबंधन टूटने पर गडकरी ने आगे कहा 'प्रमोद महाजन जब ज़िंदा थे तब बालासाहेब ठाकरे और प्रमोद जी में ये तय हुआ था कि अगर भविष्य में गठबंधन नहीं होता तो हम एक साथ बैठेंगे चाय पीएंगे और फिर अपना निर्णय अच्छे माहौल में घोषित करेंगे. लेकिन हमारे बीच बस कटुता न बढ़े.
बालासाहेब ठाकरे के साथ हमने काम किया, सभाएं की. कई बार ऐसे प्रसंग आए कि स्थिति ख़राब हुई लेकिन बैठ कर चर्चा करके मार्ग निकाला गया. कटुता बढ़ ने नहीं दी. कभी लिखे गए शब्द बाण या गन की गोली से भी ज़्यादा घातक होते हैं. गठबंधन होता तो हमें अच्छा ही लगता. आगे गठबंधन होगा या नहीं ये महाराष्ट्र के नेता तय करेंगे. लेकिन इस तरह कटुता बढ़ना अच्छी बात नहीं है.