अगरतला: 'लाल गढ़' में बीजेपी का पताका लहराने वाले बिप्लब देब ने शुक्रवार को त्रिपुरा की कमान संभाल ली. शपथ ग्रहण के बाद एबीपी न्यूज से खास बातचीत करते हुए कहा कि राज्य का विकास उनके एजेंडे में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मॉडल को लागू करेंगे.


उन्होंने राज्य में मिली बड़ी जीत और जिंदगी में आए परिवर्तन का श्रेय अमित शाह को दिया और कहा कि त्रिपुरा में वामपंथ का किला ढहाने की जिम्मेदारी चुनौतीपूर्ण थी.


इंटरव्यू की खास बातें-




  • मैं पिछले कुछ सालों में परिवार से काफी दूर हो गया था, बच्चों को समय नहीं दे पाया, मेरी पत्नी ने मेरा बहुत साथ दिया है। अगर मैं उस वक्त इन चीजों के बारे में सोचता तो शायद ये नहीं कर पाता.

  • मेरे ऊपर बड़े और प्रतिष्ठित नेताओं के सम्मान की जिम्मेदारी थी क्योंकि अगर मुझसे कुछ गलत हो जाता तो मेरा तो कुछ नहीं होता, उनके सम्मान पर आंच आती.

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि पिताजी जनसंघ से जुड़े हुए थे, स्वभाविक रूप से अगर वो होते तो मुझे मुख्यमंत्री बनता देख खुश होते और मुझे भी उनका आशीर्वाद मिलता, ऊर्जा मिलती.

  • काम के समय मैं भूल जाता था कि मेरा परिवार भी है. कम समय में हमें सीपीएम जैसे पार्टी से टक्कर लेनी थी, मुश्किल था लेकिन जनता ने साथ दिया.

  • नरेंद्र मोदी ने त्रिपुरा को ‘हीरा’ बनाने का वादा किया है, अमित शाह ने त्रिपुरा को मॉडल स्टेट बनाने का वादा किया है, अब हम त्रिपुरा को ‘श्रेष्ठ त्रिपुरा’ बनाने की दिशा में काम करेंगे.

  • मुख्यमंत्री ने वादा किया कि त्रिपुरा में गुड गवर्नेंस लाएंगे, 7वां वेतन आयोग लागू करेंगे, जिन दो पत्रकारों की हत्या हुई है उनकी सीबीआई जांच कराएंगे और रोजवैली चिटफंड का मामला भी सीबीआई को सौंपेंगे.

  • बिप्लब देब ने कहा कि त्रिपुरा में अब बंगालियों और आदिवासियों के बीच टकराव जैसी स्थिति नहीं है. बीजेपी-इंडिजनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के गठबंधन से त्रिपुरा की जनता खुश है. आईपीएफटी ने अलग राज्य की मांग को छोड़ दिया है लेकिन वो अपनी पार्टी के एजेंडे में शामिल है। हम आदिवासियों का विकास करेंगे.

  • त्रिपुरा में 18 फरवरी को हुए चुनाव बीजेपी-आईपीएफटी गठबंधन ने 59 में से 43 सीटें जीती हैं.