नई दिल्ली: लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती के लिए एक डायरी बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकती है. एबीपी न्यूज़ के पास मौजूद दस्तावेज से खुलासा हुआ है कि मीसा भारती की कंपनी को फर्जी कंपनियों के जरिए कैसे पैसे पहुंचाए गए.


चार्टड अकाउटेंट राजेश अग्रवाल मीसा भारती की कंपनियों के खातों का भी हिसाब किताब रखता था. राजेश अग्रवाल इस वक्त प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में है. राजेश को वैसे तो मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी जैन बंधुओं के साथ मिलकर 8000 करोड़ की धांधली के केस में गिरफ्तार किया गया है. लेकिन जैन बंधुओं के पास से बरामद एक डायरी में कुछ पन्ने ऐसे हैं, जो मीसा भारती के लिए भी मुश्किल का सबब बन सकते हैं.


 


एबीपी न्यूज़ के पास उसी डायरी के हिस्से हैं, जो आयकर विभाग के छापे के दौरान सैकड़ों शैल कंपनी चलाने वाले जैन बंधुओं के यहां से बरामद हुई थी. इसी मे सिलसिलेवार तरीके से लिखा गया है कि राजेश अग्रवाल ने कब-कब कितना पैसा नगद दिया औऱ ये पैसा किस तरह से लालू की बेटी मीसा की कंपनी तक पहुंचाया गया.


एबीपी न्यूज़ के पास मौजूद आयकर विभाग के दस्तावेज के मुताबिक 27 मई 2008 की तारीख में राजेश अग्रवाल के सामने लिखा गया है 60 लाख रुपये. यानी राजेश अग्रवाल से 60 लाख रुपये मिले. इस दस्तावेज के मुताबिक 30 लाख रुपये शालिनी नाम की कंपनी के जरिए मिशेल पैकर्स एंड प्रिंटर्स में ड्राफ्ट के जरिए जमा कराए गए.


तीन जून 2008 के एक और दस्तावेज में भी राजेश अग्रवाल के नाम के आगे 21 लाख रुपये लिखे हैं, यानी राजेश अग्रवाल से 21 लाख रुपये मिले. इसी दिन यानी तीन जून 2008 को ही मनीमाला नाम की कंपनी के जरिए मीसा भारती की कंपनी मिशेल पैकर्स एंड प्रिंटर्स को 30 लाख रुपये भेजे गए हैं.



शालिनी और मनीमाला कंपनियां जैन बंधुंओं की ही कंपनियां हैं, जिसे उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग के मकसद से खड़ा किया था. एसके जैन और वीके जैन ऐसी ही फर्जी कंपनियों के गठन और उसके जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं.


डायरी के मुताबिक, राजेश अग्रवाल ने जैन बंधुओं को पैसे दिए और ये पैसे एसके जैन और वीके जैन की फर्जी कंपनियों के जरिए मीसा भारती की कंपनी में पहुंचाए गए. सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान मिले सबूतों से पता चलता है कि राजेश अग्रवाल ने ये रकम साल 2008 में जैन बंधुओं को उस समय नगद दी थी. साल 2008 में लालू प्रसाद यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री के पद पर थे.


आय़कर विभाग इन्ही पुख्ता सबूतो के आधार पर मीसा भारती से पूछताछ की तैयारी कर रहा है. साथ ही ईडी की हिरासत में मौजूद राजेश अग्रवाल से जांच एजेंसिया जानना चाहती है कि जो रकम राजेश अग्रवाल ने नगदी के तौर पर जमा कराई थी उसे किसने दी थी.