ABP Exclusive: ‘मुझे मार दीजिए गोली, मैं तैयार’, असदुद्दीन ओवैसी ने क्यों कही ये बात?
Asaduddin On BJP B Team: असदुद्दीन ओवैसी ने एबीपी न्यूज के साथ खास बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. उन्होंने संभल हिंसा लेकर मुसलमानों के हक तक की बात की.
Asaduddin Owaisi Exclusive: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा पर राजनीति अपने चरम पर है. आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. इसको लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एबीपी न्यूज के साथ खास बातचीत की. साथ ही उन्होंने बीजेपी की बी टीम को लेकर किए गए सवाल पर भी जवाब दिया.
बीजेपी की बी टीम के लगने वाले आरोपों पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “एक काम कर लीजिए कि असदुद्दीन ओवैसी को बीच चौराहे पर गोली मार दीजिए, मैं मरने के लिए तैयार हूं. ये कहकर मारिए कि इसके मरने के बाद भारत की संसद में मुसलमानों के 40 सांसद जीतेंगे. किसी मस्जिद दरगाह को हाथ नहीं लगाया जाएगा. किसी कैफ को गोली नहीं मारी जाएगी. आप बीजेपी को हरा नहीं पाते तो मेरे ऊपर इल्जाम लगाते हैं.”
संविधान को लेकर क्या बोले ओवैसी?
उन्होंने कहा, “बाबा साहब अंबेडकर ने जो संविधान बनाया था, उसमें हमने जो प्रस्ताना बनाई, उसमें आजादी, भाईचारा और इंसाफ की बात की है लेकिन आज ये सब देखने तक को नहीं मिल रहे. संविधान बनाते हुए बाबा साहब ने लिबर्टी की बात की और आज अगर लिबर्टी रखते हैं तो देशद्रोही कहा जाता है. इंसाफ की बात करें तो कहा जाता है कि आप किसी समुदाय के खिलाफ हैं. भाईचारा की बात करें तो कहा जाता है कि एक हैं तो सेफ हैं या फिर बंटेंगे तो कटेंगे.”
संभल के सर्वे पर उठाए सवाल
एआईएमआईएम चीफ ने आगे कहा, “संभल की जामा मस्जिद को लेकर एक ही दिन में याचिका दायर की जाती है और एक ही दिन में सर्वे का ऑर्डर हो जाता है. ऑर्डर की कॉपी मिलने के डेढ़ घंटे के भीतर सर्वे हो जाता है. हम 75 साल से एक ही कोशिश कर रहे हैं देश के इंसाफ में लोगों का भरोसा मजबूत होता जाए. अब इस तरह के फैसले आएंगे तो वो उस कॉन्फिडेंस को हिलाने का काम कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “कोई ये नहीं कह रहा कि कोर्ट के फैसले पर भरोसा नहीं करते लेकिन हमारी आपत्ति ये है कि हम दूध के जले हैं और छाछ भी फूंक-फूंककर पीते हैं. 1948 में बाबरी मस्जिद को इसी तरह सील कर दिया गया था. वहां पर रोज होने वाली नमाज बंद कर दी गई और पुजारियों की पूजा शुरू कर दी गई. मैंने तो अपनी मस्जिद को खो दिया. फिर 6 दिसंबर को क्या हुआ हम सभी जानते हैं.”
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