Beach Safety in Mumbai: मुंबई (Mumbai) का जुहू चौपाटी(Juhu Chowpatty) पर्यटकों और यहां रहने वालों के बीच काफी मशहूर है. ऐसे में हर शाम यहां भारी मात्रा में लोगों को देखा जाता है. फिलहाल खूबसूरती के लिए पहचाने जाने वाला यह जुहू चौपाटी मानसून के दिनों में काफी खतरनाक साबित होता है. जुहू चौपाटी पर हाल ही में 3 बच्चों की डूबने से मौत हो गयी थी. हर साल बीएमसी(BMC) बीच सेफ्टी (Beach Safety) के नाम पर करोडों रुपए खर्च करती है, फिर भी ऐसे हादसे आए दिन हो रहे हैं.
मुंबई के जुहू बीच चौपाटी पर कुछ दिन पहले ही 3 युवकों की समुद्र में डूबने से मौत हो गई. जिस पर लोगों का आरोप था कि जुहू बीच पर पर्याप्त लाइफगार्ड होते तो उन लड़कों की जान बचाई जा सकती थी. मुंबई के बीच सेफ्टी का जिम्मा मुंबई की बीएमसी के फायर ब्रिगेड विभाग को दिया गया है.
3 सालों के लिए 10 करोड़ का बजट पास
बीएमसी के चीफ फायर ब्रिगेड अधिकारी हेमंत परब के मुताबिक बीच सेफ्टी के लिए 10 करोड़ का बजट 3 सालों के लिए पास हुआ है और सुरक्षा के लिहाज से मुंबई के सभी बीच पर लाइफगार्ड और सुरक्षा के अन्य इंतजाम किए गए हैं.
नजर आए कम लाइफगार्ड
देश की सबसे अमीर महानगर पालिका के अंडर में आने वाले मुंबई के बीच क्या वास्तव में सुरक्षित हैं. इस पर एबीपी न्यूज की टीम ने मुंबई के बीच की पड़ताल की जहां पर बहुत ही कम लाइफगार्ड नजर आए और बोट तो समुद्री किनारों से नदारद थी. बीच पर घूमने आने वाले पर्यटकों से बात करने पर वह बीच सेफ्टी को लेकर निराश नजर आए.
खोखले निकले दावे
जुहू बीच पर कुछ लाइफगॉर्ड(Life Guard) से बात करने की कोशिश की और जानना चाहा कि यहां कितने लाइफ गॉर्ड तैनात हैं. इस पर किसी ने 15 तो किसी ने 25 लाइफगार्ड होने की बात कही, लेकिन पैदल चलकर दूर तक पड़ताल करने पर बहुत ही कम लाइफगॉर्ड नजर आये. इसी तरह से मुंबई(Mumbai) के वर्सोवा बीच(Versova Beach) सेफ्टी की पड़ताल करने पर पाया गया कि समुद्र के किनारे काफी गंदगी जमा हो गई है, वहीं लाइफगॉर्ड बैठे आराम फरमाते नजर आए.
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