नई दिल्ली: भोपाल में विकास के नाम पर कालजयी कवि दुष्यंत कुमार के घर पर बुलडोजर चला दिया गया. उनके संग्रहालय को भी नोटिस दिया गया था. आठ सितंबर को एबीपी न्यूज़ ने अपने कार्यक्रम घंटी बजाओ में खबर दिखायी थी. एबीपी न्यूज़ पर खबर दिखाए जाने के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार की नींद टूटी है. आज मध्यप्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने दुष्यंत कुमार के संग्रहालय का दौरा किया.
विश्वास सारंग ने भरोसा दिलाया कि दुष्यंत की यादों यानि उनके संग्रहालय के साथ नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी. संग्रहालय के लिए नई और इससे भी बेहतर जगह दी जाएगी, इसके लिए उन्होंने सीएम शिवराज को चिट्ठी लिखी है. विश्वास सारंग ने खबर को प्रमुखता से दिखाने के लिए एबीपी न्यूज़ की तारीफ भी की.
साहित्यकारों ने दुष्यंत की यादों को बचाने का संकल्प लिया
इससे दो दिन पहले दुष्यंत के संग्रहालय में भोपाल के सभी साहित्यकार एकजुट हुए. सभी ने मिलकर एबीपी न्यूज़ के कार्यक्रम को देखा. रिपोर्ट देखने के बाद सभी साहित्यकारों ने दुष्यंत से जुड़ी यादों को हर हाल में बचाने का संकल्प लिया.
कुमार विश्वास ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना
महान कवि दुष्यंत कुमार का घर तोड़े जाने पर देश के जाने माने कवि कुमार विश्वास की प्रतिक्रिया भी सामने आई. विश्वास ने शिवराज सरकार पर सवाल उठाए हैं. कुमार विश्वास ने कहा, ''वोटों का फायदा दिखता तो सरकार ऐसा नहीं करती पर दुष्यंत में फायदा नहीं दिखा इसलिए घर तोड़ दिया.''
क्या है पूरा मामला?
भोपाल में स्मार्टसिटी योजना प्रस्तावित है. इस स्मार्टसिटी के लिए पूरे इलाके में पुराने सरकारी मकानों को नोटिस देकर तोडा जा रहा है. स्मार्ट सिटी की इसी तोड़ फोड़ का शिकार दुष्यंत कुमार का मकान हो गया है. इस मकान में दुष्यंत कुमार का परिवार करीब पचास साल रहा. दुष्यंत कुमार की यादों संजोने वाले संग्रहालय को भी नोटिस दिया जा चुका है. एबीपी न्यूज़ ने अपने कार्यक्रम में विकास के नाम पर संस्कृति को खत्म करने की कोशिश की खबर दिखाई थी. जिस पर मध्यप्रदेश सरकार की नींद टूटती दिखाई दे रही है.
आठ सितंबर को एबीपी न्यूज़ पर प्रसारित रिपोर्ट
दुष्यंत कुमार की कुछ चर्चित रचनाएं
हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए
एक गुड़िया की कई कठपुतलियों में जान है
एक गुड़िया की कई कठपुतलियों में जान है
और आज शायर ये तमाशा देखकर हैरान है
एक बूढ़ा आदमी है मुल्क में, या यूं कहो इस अंधेरी कोठरी में रोशनदान है.
कैसे मंज़र सामने आने लगे हैं
गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं
अब तो इस तालाब का पानी बदल दो
ये कमल के फूल कुम्हलाने लगे हैं