नई दिल्ली: देश का बजट सामने आ चुका है. सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि इस बजट में पूरी तरह से विकास पर फोकस किया गया है. इस बजट को सरकार की तरफ से अर्थव्यवस्था पर लाने वाला बजट बताया. लेकिन इसी बजट पर विपक्ष के कई सवाल हैं. इन सब पर चर्चा के लिए एबीपी न्यूज़ के जन मन धन e-कॉनकलेव में विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी.


चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर टाटा प्रोजेक्ट्स के हिमांशु चतुर्वेदी, फाउंडर चेयरमैन सिग्नेचर ग्लोबल के प्रदीप अग्रवाल और चेयरमैन और को-फाउंडर, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रामदेव अग्रवाल ने अपनी राय दी.


बजट के बाद बाजार की प्रतिक्रिया


बजट के बाद से बाजार में उछाल देखने को मिला और ये बुधवार को भी जारी है. इस पर रामदेव अग्रवाल ने कहा कि ये बजट काफी उत्साहजनक आया है. बजट से पहले ये चर्चा थी कि कोरोना को लेकर सरकार कोई टैक्स लगा सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इससे राहत मिली.


वहीं प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि ये इस दशक का पहला बजट है और साथ ही साथ इतिहास का पहला डिजिटल बजट है. सबसे ज्यादा जोर इंफ्रास्ट्रक्चर पर दिया गया है. आज किसी भी देश की रीढ़ उसका इंफ्रास्ट्रक्चर है. सरकार के बजट से लगता है कि वो फ्रंटफुट पर आकर काम करना चाहती है.


बजट पर अपनी राय देते हुए हिमांशु चर्तुवेदी ने कहा कि इस बजट से सीमेंट सेक्टर, स्टील सेक्टर और एमएसएमई सेक्टर को इस बजट से काफी सपोर्ट मिलेगा. ये बजट ‘आपदा में अवसर’ बनाने वाला है. ये काफी बोल्ड बजट है और वित्तमंत्री को इसके लिए बधाई है.


एक वित्त वर्ष में कितने रोजगार के मौके हैं?


इस सवाल के जवाब में प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि रोजगार पैदा करने के लिए ये बजट लाया गया है. इस बजट में जो इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो पैसा खर्च होगा वो नीचे से शुरू होगा. सबसे ज्यादा पैसा जो नीचे लेबर है उसके हाथ में जाएगा. अगर वो उस पैसे को जाकर खर्च करता है तो पूरी इकॉनमी पर इसका असर होगा. वो उस पैसे से बाजार में सामान खरीदेगा तो हर इंडस्ट्री को सीधे और परोक्ष रूप से प्रभावित करेगा. उन्होंने कहा कि कोई एक आंकड़ा देना तो मुश्किल है लेकिन पिछले पांच-छह फाइनेंशियल ईयर में इस बार ये सबसे बड़ा रोजगार का साल हो सकता है.


वहीं रामदेव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना की वजह से जो नौकरियां गई थीं...जैसे जैसे इकॉनमी बढ़ेगी ये सुधरेगा. इस बजट के बाद हर सेक्टर में डिमांड बढ़ेगी. कोविड के दौरान देश में जो बीस-तीस लाख नौकरियां चली गई थीं, वो सबसे पहले वापस आनी चाहिए. अगर ये बजट अगले एक-डेढ़ साल में वो सारे जॉब्स रीस्टोर कर सके तो ये बहुत बड़ी उपलब्धि होगी.


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