नई दिल्ली: बजट पर चर्चा के लिए एबीपी न्यूज़ के जन मन धन e-कॉनकलेव में कई विशेषज्ञों, विपक्ष के नेताओं और सरकार के मंत्रियों ने अपनी बात रखी. सभी ने बजट पर अपनी राय बताई. सत्तापक्ष ने इसके फायदे गिनाए तो वहीं विपक्ष ने सवाल खड़ें किए. इसी कड़ी में  केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी एबीपी न्यूज़ ने खास बातचीत की. सोमवार को पेश हुए बजट में एक बड़ा हिस्सा जल  शक्ति मंत्रालय को भी मिला है.


गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि कल वित्तमंत्री ने देश के सामने जो बजट रखा है उसे अत्यंत साहस से भरे कदम के रूप में देखा जाना चाहिए. पूरी दुनिया कोरोना के आपदा से जूझ रही है. दुनिया की बड़ी से बड़ी अर्थव्यवस्था को इस दौरान हमने लड़खड़ाते और सिकुड़ते हुए देखा है. ऐसे समय में सरकार का अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना विजन और लक्ष्य था. ये बड़ी चुनौती थी. इस चुनौती को पार करने के लिए ये साहसिक बजट बनाया गया.


जल शक्ति मंत्रालय की आगे की योजना क्या है?


इस सवाल के जवाब में गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “दो विषय पर प्रमुखता के साथ काम कर रहे हैं. पहला जल संरक्षण और संचय और दूसरा हर घर तक पीने लायक पानी पहुंचाना. पीएम नरेंद्र मोदी ने 2019 में लाल किले की प्राचीर से जल जीवन मिशन ग्रामीण की घोषणा की थी. देश के 19 करोड़ घरों में से आजादी के बाद तक 17 फीसदी से कम घरों तक पीने का पानी पहुंच पाया था. साल 2024 के दिसंबर तक हर घऱ तक पानी पहुंचाने के लक्ष्य के साथ हमने काम करना शुरू किया. हमने एक साल में तमाम चुनौतियों के बावजूद तीन करोड़ तीस लाख नए कनेक्शन देने में सफलता हासिल की है.”


विपक्ष के आरोपों पर क्या बोले केंद्रीय मंत्री?


विपक्ष सरकार पर संपत्तियों को बेचने का आरोप लगा रही है. इस पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि कुछ लोगों का आलोचना के लिए आलोचना करना स्वभाव बन गया है. उन्होंने कहा कि जहां तक अर्थव्यवस्था के रोडमैड का सवाल है, जब दुनिया की सारी अर्थव्यवस्थाएं सिकुड़ रही थीं तब भारत के प्रधानमंत्री ने जिस संकल्प के साथ काम किया उससे भारत में सबसे तेजी से रिकवरी हुई. हमने अर्थव्यवस्था को तेजी से रिस्टोर करने में कामयाबी हासिल की. इसलिए ये सवाल खड़े करना कि हमारे पास रोडमैप नहीं है, ये ठीक नहीं है.


मिडिलि क्लास को बजट से क्या मिला?


गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “कुछ लोग ऐसे हैं जो देश को अलग-अलग क्लासेज में बांटकर उनके बीच में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए नाराजगी का संदेश पैदा करने का प्रयास करते हैं. महामारी के समय में एक पैसे का नया टैक्स बढ़ाए बिना सरकार ने अपने बजट के साइज को 34 फीसदी तक बढ़ाया है. इसके लिए देश के हर तबके को सरकार की सराहना करनी चाहिए. जहां तक किसानों का सवाल है, उनके बीच गलतफहमी पैदा करने की कोशिश की गई. कल की बजट के बाद किसानों के बीच नई चर्चा शुरू हुई है. सरकार ने एमएसपी की लागत को डेढ़ गुना किया. सरकार ने एक हजार नई एपीएमसी को मजबूत करने की बात कही है.”


राजस्थान में क्या तख्तापलट हो रहा है?


इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान में जब से सरकार बनी थी उस दिन से ही ये विग्रह का शिकार है. आपसी मतभेद की वजह से राजस्थान को जो कीमत चुकानी पड़ी है वो सब जानते हैं. छह-आठ महीने पहले उनके विधायक और उपमुख्यमंत्री नाराज हो गए थे. उस दौरान हम पर कई तरह के आरोप लगाए गए. लेकिन इसमें से किसी ने किसी तरह की शिकायत दर्ज कराई कि हमने उन्हें रोका है? सबने तो ये कहा कि हम आलाकमान से बात करने आए थे और हमारी बात हो गई. बाद में उनकी एकता के कशीदे पढ़े गए और आज भी पढ़े जा रहे हैं. ये पति-पत्नी के झगड़े में पड़ोसी को दोष देने वाली बात थी.


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