Jan Man Dhan e-Conclave Live Updates: सीताराम येचुरी बोले- हम बजट बनाते तो सरकारी निवेश बढ़ाने और इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर फोकस होता
JAN MAN DHAN e-Conclave: एबीपी न्यूज ने आज जन मन धन e-कॉनकलेव का आयोजन किया है. इस खास कार्यक्रम में पक्ष-विपक्ष और विशेषज्ञों से नए बजट में खूबियां और खामियों को समझने की कोशिश होगी.
सीताराम येचुरी ने कहा, "चार साल पहले आपने कह दिया था कि पांच ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बन जाएगी...2022 में आपके कह दिया कि किसानों की आमदनी दुगनी हो जाएगी. 2022 तो आ ही गया. बजट पेश हो गया और बजट में किया क्या किसानों के लिए? उल्टा." उन्होंने कहा कि मैंने बहुत बारीकी के साथ बजट को देखा पर कुछ नज़र नहीं आया, हो सकता है चश्में की पावर बदल लें हम, लेकिन इस बजट के अंदर कुछ नज़र तो नहीं आ रहा है.
सीताराम येचुरी ने कहा कि हमने यूपीए के वक्त में भी ऐसे रास्ते बताए थे. इसलिए मनरेगा आया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस मानी और मनरेगा आया. यहां पर आप कितना भी दवाब डालिए ये सरकार मानने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार मनमाने ढंग से चल रही है. उन्होने बजट को आर्थिक विषमता का विष करार दिया.
सीताराम येचुरी ने कहा कि हम अगर ये बजट बनाते तो हमारा पूरा का पूरा फोकस ये रहता कि सरकारी निवेश बढ़ाओ और इंफ्रास्ट्रक्चर बनाओ, उससे लाखों की तादाद में नई नौकरियां पैदा होंगी. जब वेतन नौजवान के हाथ में आएगा तो वो जब खर्च करने लगेगा तो बंद कारखाने खुलने लगेंगे क्योंकि देश में मांग बढ़ेगी. ये था रास्ता.
क्रिप्टो पर मनीष तिवारी ने कहा, "कानून आया नहीं और आपने टैक्स पहले लगा दिया." उन्होंने कहा कि कभी कभी वित्त मंत्रालय आनन फानन में ऐसा काम कर देता है जिसके ऊपर गहराई से सोच नहीं बनी होती और ये डिजिटल ऐसेट के ऊपर टैक्स लगाना एक ऐसा ही कदम है.
बजट कॉन्कलेव में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार की आमदनी घटती जा रही है और सरकार का खर्चा बढ़ता जा रहा है. 25 सालों के ब्लू प्रिंट वाले बजट के सवाल पर उन्होंने कहा, "ये सब राजनीतिक भाषण है. कुल मिलाकर सरकार की अवधि पांच वर्ष होती है और बजट की अवधि एक साल होती है. तो जब आप बजट देश के सामने रखें तो आपको एक साल की बात करनी चाहिए. चलिए आप पांच साल तक की बात कर लीजिए. आप तो 25 साल की बात कर रहे हैं."
राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को प्रमोट करने की जिम्मेदारी सरकार की है. सरकार हमें सब्सिडी दे.
राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के बच्चों के मोबाइल का खर्चा सरकार को करना चाहिए, क्योंकि जब से घर से पढ़ाई शुरू हुई है तब से इंटरनेट का खर्चा बढ़ गया है. सरकार स्वास्थ्य पर खर्चा करे. वो इसपर ध्यान दे.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम किसानों के फसलों की बात ना करें तो क्या करें. सरकार बताए कि उसने पिछले साल कितनी खरीद की थी.
कांग्रेस की नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ये शून्य बजट है. ये बजट किसके लिए बनाया गया है. सरकार ने रोजगार के लिए क्या किया. आम लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है.
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वो बताए कि उसने आम आदमी के लिए क्या. आज महंगाई चरम पर है. आम जनता आंकड़े नहीं खाती है. महिलाओं को घर चलाने में दिक्कत हो रही है.
निशिकांत दुबे ने कहा कि सरकार ने महंगाई और रोजगार को सुरक्षित किया है. शायद दुनिया में ऐसा कोई उदारहण नहीं है. विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है.
कांग्रेस नेता रंजीत रंजन ने कहा कि 25 साल की नहीं, आज की बात की जाए. सरकार आज का ब्लूप्रिंट बताए. सरकार बताए कि उसने रोजगार के लिए क्या कदम उठाए हैं.
सचिन पायलट के बीजेपी में शामिल होने के एक सवाल के जवाब में नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सचिन पायलट मेरे छोटे भाई जैसे हैं. वह बीजेपी में शामिल होंगे या नहीं, इसपर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. लेकिन कोई भी व्यक्ति अगर बीजेपी में आकर देश की सेवा करना चाहता है तो उसका स्वागत है.
कृषि मंत्री तोमर ने आगे कहा कि हम किसानों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि देश में फर्टिलाइजर की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी. सरकार ने हाल के दिनों में कई फसलों पर एमएसपी बढ़ाई है. सिचांई और पेयजट सरकार की प्रार्थमिकता है. हम हर क्षेत्र में संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
कृषि मंत्री ने कहा कि पराली जलाना किसानों के लिए सुविधानजनक तो है लेकिन फायदे मंद नहीं है. पराली जलाने से धरती जलती है ऐसे में उर्वर्क घट जाती है, जिससे किसानों को नुकसान होता है.
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने सरसों के तेल में मिलावट को बंद किया है. सरसों का तेल अच्छा है, इसलिए महंगा है. पहले हम खाद के लिए आयात पर निर्भर थे. देश में खाद की कोई कमी नहीं है. दो दिन बाद भी मिला लेकिन खाद मिल गया. खाद खरीदने के लिए आज सरकार किसानों को सब्सिडी दे रही है. हम किसानों को कोई कमी नहीं होने देंगे.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जितने भी कृषि उत्पाद हैं, उनमें हम दुनिया की तुलना में पहले या दूसरे नंबर पर है. आज आयात पर देश की निर्भरता कम हुई है. सरकार का लक्ष्य ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने का है. देश में जरूरत के हिसाब से दलहन की पैदावार नहीं हुई है. सरकार ने ऑयल पाम मिशन की योजना बनाई है, जिससे तेल के दाम कम होंगे.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस बजट में कृषि क्षेत्रा का बजट बढ़ाया गया है. इससे कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे. सरकार ने चौतरफा विकास करने के लिए बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की है. इस बजट से अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी. सरकार का लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करने का है.
बजट का चुनाव पर प्रभाव पड़ने को लेकर पायलट ने कहा कि बजट अब एक इवेंट बन गया है. दो घंटे भाषण होता है फिर लोग बात करते हैं, इसके बाद सब खत्म. आम आदमी को बजट में कोई राहत नहीं मिली है. इसलिए यूपी पंजाब समेत सभी चुनावी राज्यों में बीजेपी की हार तय है. चुनाव में इसका कोई असर नहीं होगा.
सचिन पायलट ने आगे कहा, जब सत्ताधारी दल के ही विधायक मंत्री पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, तो आप समझ सकते हैं कि यूपी में इस बार जनता बदलाव के मूड में है. ऐसा कोई राज्य नहीं है और ऐसा कोई दल नहीं है, जहां लोग चुनाव से पहले पार्टी ने छोड़ते हों. ये अंतिम बार नहीं हो रहा और ना पहली बार हो रहा है.
यूपी चुनाव को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि यूपी में कांग्रेस बहुत मजबूती से लड़ रही है. यूपी में मुद्दों को लेकर भटकाया जा रहा है. वहां लखीमपुर खीरी में जो हुआ या उन्नाव में जो हुआ, सबको लेकर प्रियंका गांधी ने आवाज उठाई. इसका फायदा हमें चुनाव में जरूर मिलेगा और कांग्रेस के वोट शेयर में इजाफा होगा.
सचिन पायलट ने कहा कि मैं कर्म योगी और मेहनती हूं. मुझे मेरे भविष्य और लक्ष्यों के बारे में पता है. मैं पार्टी के लिए काम कर रहा हूं. मुझे उम्मीद है कि जनता हमें फिर से जीताएगी. हम इस बार एक बार बीजेपी, एक बार कांग्रेस वाले रूटीन को तोड़ देंगे.
सचिन पायलट ने कहा कि अगर देश की जीडीपी की तुलना करनी है तो चीन की अर्थव्यवस्था से करें. सरकार आज हर संपत्ति का निजिकरण कर रही है. इससे सिर्फ कुछ लोगों को फायदा हो रहा है. इससे अमीर और गरीब की खाई खाई बढ़ रही है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने बजट को लेकर कहा है कि इस बजट में कुछ नहीं है. आम आदमी के लिए कोई घोषणा नहीं की गई. बजट सिर्फ आय और खर्च का हिसाब नहीं होता. इस वक्त देश में तीन मुद्दे अहम हैं. महंगाई, बेरोजगारी और किसान. इन तीनों के लिए बजट में कोई घोषणा नहीं की गई. सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है. सरकार ने मनरेगा जैसी योजना का बजट भी घटा दिया है. बजट में जनता को सरकार से बहुत उम्मीदें थी, लेकिन सब धरी की धरी रह गईं.
कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वैक्सीन अगर भारत में नहीं बनती तो क्या होगा. आज सभी को वैक्सीन मुफ्त दी जा रही है, क्योंकि ये भारत में बनी है. अबतक वैक्सीन की 150 से ज्यादा डोज़ लगाई जा चुकी हैं और अब बच्चों को भी वैक्सीन दी जा रही है. ये सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है.
कृषि क्षेत्र को लेकर वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि किसानों के लिए पहले से कई योजनाएं चल रही हैं. अब बजट में उन योजनाओं को और मजबूती प्रदान की गई है और ज्यादातर योजनाओं का बजट बढ़ा है. सरकार टैक्नोलॉजी के जरिए कृषि क्षेत्र का विकास करेगी. मनरेगा को लेकर मंत्री कराड ने कहा कि ये योजना ग्रामीण क्षेत्र के लिए बेहद जरूरी योजना है.
बजट में कोई चुनावी वादा नहीं होने को लेकर वित्त राज्य मंत्री कराड ने कहा कि पीएम मोदी का एक ही मंत्र है सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयार. ये बजट किसी एक राज्य का बजट नहीं है. ये पूरे देश का बजट है. ये देश को विकास की ओर ले जाने वाला बजट है, इससे सभी को फायदा होगा, चुनाव तो बाद की बात है. पहले जनता का विकास, जनता की समृद्धि ही सरकार का लक्ष्य है.
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि क्रिप्टो को सरकार ने मंजूर नहीं किया है, लेकिन सरकार ने कहा है कि जो भी डिजिटल करेंसी आएगी वो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से गवर्न होगी. मुझे यह बताने में खुशी हो रही है कि अब देश का हर गरीब बैंक अकाउंट खोल रहा है. अब जन धन योजना की वजह से बैंक वाले लोगों का अकाउंट खोलने के लिए गली-गली जा रहे हैं. इस योजना से 44 करोड़ खाते खोले गए हैं.
वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने कहा कि इस बजट से आम आदमी की जेब में पैसे आएंगे. आईटीआर में अब दो साल तक सुधार कर सकेंगे. महंगाई को लेकर कराड ने कहा कि मंहगाई कम करने के लिए सरकार के पास अलग-अलग आइडियाज़ हैं. सरकार महंगाई को कम करने के लिए कई योजनाएं लेकर आई है. सरकार की ओर से महंगाई कम करने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है. इसके लिए सरकार घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है.
वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने कहा कि ये अमृतकाल का बजट है. ये बजट भारत के अलगे 25 सालों के लिए है. इस बजट से एमएसएमई को बहुत फायदा होने वाला है. एमएसएमई को मजबूती मिलेगी तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
इस संबोधन के पीछे पीएम का उद्देश्य पार्टी कार्यकर्ताओं को बजट से जुड़ी तमाम उपलब्धियों की जानकारी देना है जिससे जब कार्यकर्ता जनता के बीच जाएं तो वह नागरिकों को सही जानकारी देने का काम करें. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के मद्देनजर देशभर के बीजेपी कार्यालयों समेत कई अन्य स्थानों पर भी तैयारियां की जा रही हैं. प्रधानमंत्री का संबोधन चुनावी राज्यों के लिहाज से काफी अहम है. 10 फरवरी से उत्तर प्रदेश सहित देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों को लेकर मतदान होना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे देश भर के बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं को वर्चुअली संबोधित करते हुये उनसे बजट की उपलब्धियों पर चर्चा करेंगे. इस दौरान पीएम बजट और आत्मनिर्भर भारत विषय पर देशभर के कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे. एक घंटे के अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को संसद में पेश हुए बजट की बारीकियों के बारे में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे. अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री केंद्र सरकार की उपलब्धियों, जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट में आवंटित फंड और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाए गए तमाम कदमों की जानकारी देंगे.
बैकग्राउंड
JAN MAN DHAN e-Conclave: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट संसद में पेश किया. सरकार का दावा है कि बजट में जो भी प्रावधान हुए हैं, वो देश को आगे ले जाने और देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने में काम आएंगे. बजट में आम आदमी को फिर से मायूसी हाथ लगी, लेकिन सरकार ने कई बड़े एलान भी किए. बजट जैसे मुश्किल विषय पर क्या हैं पक्ष-विपक्ष की राय, आम आदमी से लेकर खास तक, जानिए किसे क्या मिला औक किससे क्या छिना, एक-एक रूपये का हिसाब किताब जन-मन धन कॉन्कलेव में आज दिनभर एबीपी न्यूज़ पर जानिए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में क्रिप्टोकरंसी, 5जी, किसानों से लेकर रक्षा तक कई बड़े ऐलान किए गए. इसके अलावा रेलवे के लिए भी सरकार ने पिटारा खोला है. वित्त मंत्री ने कहा कि 3 लाख में 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेन चलाई जाएंगी. वहीं बजट में रेल मंत्रालय को 140367.13 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष के संशोधित आंकड़ों की तुलना में 20,311 करोड़ रुपये ज्यादा है.
कार्यक्रम में कौन-कौन महमान होंगे शामिल?
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