(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ABP News Jan Man Dhan e-Conclave: क्या गरीबों को मुफ्त वैक्सीन मिल पाएगी? स्मृति ईरानी बोली- मैं स्वास्थ्य मंत्री नहीं, सही जवाब नहीं दे पाऊंगी
ABP News Jan Man Dhan e-Conclave: एबीपी न्यूज ने आज जन मन धन e-कॉनकलेव (JAN MAN DHAN e-Conclave) का आयोजन किया है. इस खास कार्यक्रम में पक्ष-विपक्ष और विशेषज्ञों से नए बजट में खूबियां और खामियों को समझने की कोशिश होगी.
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कुल 34,83,236 करोड़ रुपये के खर्चे का बजट पेश कर दिया है. सरकार और उसके सहयोगियों ने जहां इस बजट को जनता के लिए फायदेमंद बताया है, वहीं विपक्ष ने इसे खराब और देश को गुमराह करने वाला बजट करार दिया है. इस बीच आज आपने पसंदीदा चैनल abp न्यूज़ पर दिनभर बजट का विश्लेषण किया जाएगा.
एबीपी न्यूज ने आज जन मन धन e-कॉनकलेव (JAN MAN DHAN e-Conclave) का आयोजन किया है. इस खास कार्यक्रम में पक्ष-विपक्ष और विशेषज्ञों से नए बजट में खूबियां और खामियों को समझने की कोशिश होगी. एबीपी न्यूज़ के जन मन धन e-कॉनकलेव में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बजट को लेकर विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया और बजट की बारीकियां समझायीं.
स्मृति ईरानी ने कहा, ''यह जन के मन का बजट है, महिलाओं उत्थान का बजट है. कल जब वित्त मंत्री ने पोणष 2 की बात की. इसमें कैसे स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ हम समावेशी तरीके के काम करेंगे, इसका रास्ता साफ हुआ है. हमारे देश में कुपोषण सालों पुरानी चुनौती है. कई लोगों को भ्रम होता है कि पोषण सिर्फ खाने से जुड़ा है. लेकिन प्रधानमंत्री जी ने नेतृत्व में हमने पोषण के कई आयामों को हमने छुआ है. स्वस्थ्य भारत अभियान इसके प्रमुख हिस्सा है. पोषण अभियान को आत्मनिर्भर स्वस्थय भारत से जोड़कर सरकार ने एक प्रशासनिक समन्वय का एक और उदाहरण पेश किया है. जिसके तहत राज्य और केंद्र मिलकर पोषण से लड़ेंगे और इसके खत्म करेंगे.''
विपक्ष के सबकुछ बेचने के आरोपों पर स्मृति ईरानी ने कहा, ''विपक्ष और विशेषकर राहुल गांधी देश की जनता को भ्रमित करना चाहते हैं कि सरकार के विनिवेश के तरीके से देश को बेचने का काम हो रहा है. और सरकार के नेतृत्व से कई सारी चीजें छूट जाएंगी. क्या जब मनमोहन सिंह विनिवेश कर रहे थो तो वो देश को बेच रहे थे? घाटे में चल रही संस्थाओं को करदाताओं पर बोझ बनाकर रखना अच्छी सरकार का नेतृत्व नहीं है. सरकार के कदम देखकर जनता का भी सरकार पर विश्वास बढ़ा है. सरकार सुशासन के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रही है. विपक्ष ने पिछली बार भी इसी फॉर्मूले को आजमाया था लेकिन जनता ने चुनाव में नकार दिया. मुझे विश्वास है कि राहुल गांधी जब तक कांग्रेस को लोकसभा शून्य पर ना पहुंचा दें वो थकेंगे नहीं.''
स्मृति ईरानी ने कहा, ''मुझे लगता है कि बजट पर चर्चा के लिए विपक्ष से जिस तरह की गंभीरता की जरूरत है राहुल गांधी इन अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाए हैं. कई विशेषज्ञों ने कहा है कि कई उनकी प्रथामिक रुचि भारतीय राजनीति में नहीं हैं. उन्हें अपने परिवार के चलते राजनीति में हिस्सा लेना पड़ता है, शायद उसी का यह प्रतीक है. हम कोविड के दौर से गुजर रहे हैं, साल 2020 हमारे लिए कठिन साल रहा है. लेकिन राहुल गांधी इस गभीरता की अपेक्षा पर खरे नहीं उतरते.''
फ्री वैक्सीन को लेकर स्मृति ईरानी ने कहा, ''मैं स्वास्थ्य मंत्री नहीं हूं इसलिए इसका सही जवाब नहीं दे पाऊंगी. लेकिन कल जब वित्त मंत्री ने वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ की घोषणा की तो इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा भी अगर स्वास्थ्य मंत्रालय को जरूरत होगी तो उपलब्ध करवाए जाएंगे. इसके हमें सूक्ष्म दृष्टि से नहीं देखना चाहिए. कल नेशनल हेल्थ मिशिन के अलावा जो आत्मनिर्भर स्वस्थय भारत की घोषणा की तो यह प्रधानमंत्री जी के बड़े स्वप्न को साकार करने की दिशा में कदम है.''
किसान आंदोलन और किसानों के लिए बजट में घोषणाओं पर स्मृति ईरानी ने कहा, ''मैं कल वित्त मंत्री जी ने एमएसपी से जुड़ी टिप्पणियां जिसे कांग्रेस ने अभी तक नकारा नहीं है. कांग्रेस जब सरकार में थी तब एमएमपी के लिए कितना खर्च हो रहा था, इसका उल्लेख कल वित्त मंत्री जी ने किया. उन्होंने दाल, गेहूं और धान की बात की लेकिन कपास में भी कांग्रेस के मुकाबले मोदी सरकार ने किसानों को फायदा पहुंचाया है. सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कीं, कांग्रेस ने कभी इसकी बात नहीं की.''
आंदोलन को लेकिन उन्होंने कहा, ''अगर आप सड़क पर उतरे हैं तो सोचें किया किसानों को सीधे पैसा भेजा गया उससे ना खुश हैं. क्या आप इस बात से नाखुश हैं कि 25 हजार करोड़ कपास के किसानों के खाते में गया है. क्या आप इस बात से नाखुश हैं कि नीम कोटेड यूरिया से किसानों को फायदा पहुंच रहा है. जो लोग आंदोलन कर रहे हैं उन किसानों बारे में तो सोचें जिन्हें फायदा हो रहा है.''