नई दिल्ली: बजट पर चर्चा के लिए एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम जन मन धन e-कॉनकलेव सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि सरकार के इस बजट से कुछ अच्छा ढूंढना बड़ा मुश्किल काम है. आज जिस हालत से आर्थिक व्यवस्था गुजर रही है वो एक तीव्र मंदी है. इस मंदी से अगर बाहर निकलना है तो सरकारी खर्चे को बढ़ाना चाहिए. बजट में सरकारी खर्चे के आंकड़े वही है जो पिछली बार थे. इसलिए जो ‘वी शेप’ रिकवरी की बात हो रही है वो नहीं होगा. ये ‘के शेप’ रिकवरी होगी.
ये अर्थव्यवस्था का आत्मसमर्पण है
सीताराम येचुरी ने कहा कि के शेप रिकवरी का मतलब है कि जो अमीर है वो अमीर होता जाएगा और जो गरीब है वो गरीब होता जाएगा. बजट में जो भी प्रावधान किए गए हैं उसका मकसद बड़े पैमाने पर निजीकरण, देश की संपत्ति को बेचना और सभी सेक्टर में विदेशी पूंजी को खुले रूप से अनुमित देना है. ये आत्मनिर्भरता की जगह अपनी अर्थव्यवस्था का आत्मसमर्पण है.
सरकार ने फूड सब्सिडी घटा दी
एबीपी न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने कहा, “आपके देश में किसान संघर्ष चल रहा है और आपने खाद सब्सिडी घटा दी. देश के अंदर भुखमरी बढ़ रही है. आपने फूट सब्सिडी घटा दी. पेट्रोल और डीजल के दाम बेतहाशा बढ़ते जा रहे हैं और आपने पेट्रोलियम की सब्सिडी घटा दी.”
सभी को मुफ्त वैक्सीन मिले
वैक्सीन के बजट पर सीताराम येचुरी ने कहा कि आजादी के बाद से अभी तक किसी भी टीकाकरण का खर्चा केंद्र सरकार ही देती है और उसे देना चाहिए. ये सभी के लिए यूनिवर्सल होना चाहिए. इसमें एहसान की बात नहीं है. सबको मुफ्त वैक्सीन मिलेगी या नहीं ये तो समय ही बताएगा. हमारा कहना है कि सभी को ये वैक्सीन मुफ्त में मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जो सक्षम हैं उसकी तादाद हमारे देश में बहुत कम है.
कांग्रेस के बजट और बीजेपी के बजट में क्या अंतर है?
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमने कांगेस के बजट पर भी बहुत विमर्श किया. बहुत सारे बजट के खिलाफ भारत का बंद बुलाया. लेकिन आज का ये बजट उससे कई गुना ज्यादा जन विरोधी है. बेरोजगारी बढ़ी हुई है और ऐसे समय में मनरेगा का बजट कम कर दिया गया है. सरकार के इस बजट को नंबर देना बहुत मुश्किल काम है.