Bombay After Ayodhya: अयोध्या के बाबरी मस्जिद कांड (Babri Masjid Demolition) के बाद किस तरह से मुंबई का माहौल रहा और कैसे मुंबई में लगातार बदलाव हुआ. इस मुद्दे पर लिखी गई एबीपी न्यूज़ के पत्रकार जितेंद्र दीक्षित की किताब 'बॉम्बे आफ्टर अयोध्या' का मंगलवार (13 दिसंबर) को मुंबई प्रेस क्लब में विमोचन किया गया. इस मौके पर मुंबई के पूर्व रिटायर्ड पुलिस कमिश्नर एमएन सिंह के साथ एबीपी न्यूज़ एडिटर-इन-चीफ राजीव खांडेकर मौजूद रहे. 


जितेंद्र दीक्षित की 'बॉम्बे आफ्टर अयोध्या' किताब किस तरह से तमाम पत्रकारों के लिए और मुंबई के बारे में जानने वालों के लिए एक दस्तावेज साबित हो सकती है, इस पर बातचीत की गई. इस मौके पर मुंबई के पूर्व कमिश्नर एमएन सिंह ने बाबरी मस्जिद के बाद किस तरह से मुंबई में हालात रहे और कैसे एक पुलिस कमिश्नर के तौर पर उन्होंने उसे हैंडल किया और किस तरह से मुंबई पुलिस ने काम किया उस पर बात की. साथ ही उन्होंने दाऊद इब्राहिम और अंडरवर्ल्ड का भी जिक्र किया. 


पूर्व पुलिस कमिश्नर ने कही ये बात


पूर्व कमिश्नर एमएन सिंह ने कहा कि दाऊद इब्राहिम जैसे गैंगस्टर तब बड़े हो जाते हैं जब उन्हें राजनेताओं और समाज के प्रभावशाली लोगों का संरक्षण प्राप्त होता है. पुलिस विभाग में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण कुछ अधिकारी बदनाम हो जाते हैं. दाऊद इब्राहिम राक्षस बन गया क्योंकि उसे सामाजिक मान्यता दी गई थी. अच्छे लोग उसके साथ घुलमिल गए. कई बिल्डर्स और फिल्म प्रोड्यूसर्स ने गैंगस्टर्स को पेरोल पर रखा था.


उन्होंने कहा कि राजनेता अपराधियों का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि समाज पर उनकी पकड़ है. उन्हें वोट मिल सकता है. इसमें पुलिस क्या कर सकती है? राजनेता तभी जागते हैं जब बात उनकी गर्दन पर आती है. अब मैंने सुना है कि राजनेता गैंगस्टरों के साथ शामिल हो रहे हैं और उनसे संपत्ति खरीद रहे हैं. 




किताब में इस बारे में लिखा गया


बाबरी मस्जिद कांड के बाद किस तरह से मुंबई में सीरियल ब्लास्ट हुए और किस तरह से मुंबई वासियों ने उसे सहन किया और आगे बढ़ी, उस पर भी बात की गई. जितेंद्र दीक्षित ने किताब में बाबरी मस्जिद कांड के बाद मुंबई में क्या बदलाव हुआ उसके बारे में लिखा है. जो लोगों के लिए एक बड़ी जानकारी साबित होगी. एबीपी न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ राजीव खांडेकर ने जितेंद्र दीक्षित की किताब के बारे में उन तमाम खूबियों को साझा किया. जिसको पढ़ने से कोई भी किताबों का शौकीन मुंबई की उन तमाम चीजों के बारे में जान सकता है जो एक पत्रकार के तौर पर अनुभव किया जाता है. 


राजीव खांडेकर ने किताब की तारीफ की


राजीव खांडेकर ने कहा कि दीक्षित की किताब में पिछले तीस सालों के दौरान मुंबई में हुई घटनाओं के बारे में कई दिलचस्प तथ्य सामने आए हैं. जितेंद्र प्रमोद महाजन हत्याकांड के जांच अधिकारी तक पहुंचने में सक्षम हो गए हैं, जिन्होंने जांच पूरी होते ही इस्तीफा दे दिया था. किताब हमें वास्तविक परिस्थितियों के बारे में बताती है, जिसके कारण प्रवीण महाजन ने अपने भाई को गोली मारी थी.


एबीपी न्यूज़ के पत्रकार जितेंद्र दीक्षित ने अपने पत्रकारिता के कैरियर के साथ अपने लिखने के शौक को किताबों के माध्यम से जारी रखा है. इस कार्यक्रम का संचालन मीडिया जगत से अपना करियर बना कर अब टीवी सीरियल की दुनिया में अपना नाम स्थापित करने वाली चारुल मलिक ने किया. 


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