नई दिल्ली: एक अंग्रेजी अखबार में छपी एक बुज़ुर्ग की तस्वीर सोशल मीडिया साइट्स पर चर्चा का विषय बन गयी है. अख़बार में छपी तस्वीर में एक बुज़ुर्ग बैंक की लाइन में खड़ा रोता दिख रहा है. तस्वीर में गुड़गांव के भीम नगर में रहने वाले 80 साल के नंदलाल हैं जिनसे मिलने एबीपी न्यूज़ गुड़गांव पहुंचा.



एक बेहद छोटे से कमरे में किराए पर रहने वाले नन्दलाल से बात कर हमने उनकी काहानी जानी. करीब 12 साल तक एयरफोर्स में बतौर सिविलियन काम करने के बाद नंदलाल फौज में भर्ती हो गये और देश की सेवा की. नंदलाल के मुताबिक वो नोटबंदी के बाद अपनी पेंशन के पैसे निकालने कई बार बैंक गए और निराश लौटे.


बैंक ने 2 बार उनकी हालत देखकर उन्हें पैसे दिए भी. उन्हें 2 बार पैसे मिले भी 1 बार 5000 रूपये तो दूसरी बार 10 हज़ार रुपये लेकिन बैंक के बाहर लंबी कतार देख कर और वहां हो रही धक्का मुक्की को देखकर इन्हें बहुत दुःख हुआ.


नंदलाल का कहना है कि उनके पैसों पर केवल उनका हक होना चाहिए, वो चाहते हैं कि कम से कम अपने पैसे वो जब चाहें जितना चाहें निकाल सके.


दरअसल नन्दलाल की पत्नी की मौत के बाद उन्होंने 1 बेटी को गोद लिया था जिसे उन्होंने पाल पोस कर बड़ा किया और सही समय आने पर उसकी शादी भी कर दी. अब वो अकेले एक छोटे से कमरे में रहते है.

रिटायरमेंट के बाद उन्हें 8000 के करीब पेंशन मिलती है. 3000 रूपए वो मकान का किराया देते हैं और करीब 6000 रुपये उन्हें दिन-रात खाना बनाकर खिलाने वाली मेड को.



नंदलाल के भतीजे के मुताबिक नंदलाल की बेटी भी महीने में उन्हें करीब 10 हज़ार रुपये भेजती है. बावजूद इन सब के नंदलाल के लिए बैंक से पैसे निकाल पाना टेढ़ी खीर हो गया है और अब वो बैंक में जमा अपने सारे पैसे निकालना चाहते हैं.