ABP Opinion Poll: जानें दिल्ली के किस रीजन में कौन रहा आगे और कौन रहा पीछे
एबीपी न्यूज़ ने सी-वोटर के साथ मिलकर ये सर्वे किया है और इसके लिए 26 जनवरी 2020 से लेकर 4 फरवरी 2020 तक के दौरान लोगों से बात की गई है. सर्वे के तहत दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 11,188 लोगों से बात करके उनकी राय जानी गई.
ABP Opinion Poll: दिल्ली विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. दिल्ली के कुल 1,47,03,692 मतदाता ये फैसला करेंगे कि राज्य की सत्ता पर कौन काबिज होगा. राजनीतिक दल एक दूसरे पर हमलावर हैं और जीत के दावे कर रहे हैं लेकिन फैसला दिल्ली की जनता को करना है. ऐसे में चुनाव से ठीक पहले ABP न्यूज़ ने दिल्ली के जनता की नब्ज को टटोला है और ये पता लगाने की कोशिश की है कि जनता किसे बागडोर सौंपना चाहती है.
दिल्ली के सात लोकसभा क्षेत्रों में आने वाले 70 विधानसभा सीटों के लिए जनता से राय ली गई है. ये सात लोकसभा क्षेत्र चांदनी चौक, ईस्ट दिल्ली, नई दिल्ली, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, नॉर्थ वेस्ट दिल्ली, साउथ दिल्ली और वेस्ट दिल्ली है. 2019 के लोकसभा चुनाव में ये सभी सीटें बीजेपी ने जीती थीं.
इस बार के विधानसभा चुनाव में किसे कितनी सीटें, कितना वोट शेयर (रीजन वाइज)
चांदनी चौक रीजन
सर्वे की मानें तो चांदनी चौक रीजन में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी बाजी मारती दिखाई दे रही है. चांदनी चौक लोकसभा रीजन में विधानसभा की 10 सीटें हैं. सर्वे की मानें तो यहां आम आदमी पार्टी छह से आठ सीटें जीत सकती है. वहीं बीजेपी का आंकड़ा एक से तीन सीट के बीच रह सकता है. कांग्रेस अधिकतम एक सीट जीत सकती है. इस रीजन में आप को 46.9 फीसदी वोट मिल सकता है. बीजेपी को 37.4 फीसदी तो कांग्रेस को 5.1 फीसदी वोट मिल सकता है.
ईस्ट दिल्ली रीजन
सर्वे के मुताबिक ईस्ट दिल्ली रीजन में भी अरविंद केजरीवाल का दबदबा कायम हो सकता है. ईस्ट दिल्ली रीजन में भी विधानसभा की दस सीटे हैं. यहां आम आदमी पार्टी छह से आठ सीटें जीत सकती है. इसके अलावा बीजेपी को इस रीजन में एक से तीन तो वहीं कांग्रेस को अधिकत एक सीट हासिल हो सकता है. इस रीजन में आम आदमी पार्टी को 45.2 फीसदी, बीजेपी को 38 फीसदी को कांग्रेस को पांच फीसदी सीटें मिलने का अनुमान है.
न्यू दिल्ली रीजन
इस रीजन में आम आदमी पार्टी सात से नौ सीटों पर कब्जा जमा सकती है. यहां भी बीजेपी का आंकड़ा एक से तीन सीटों के बीच रह सकता है. सर्वे की मानें तो इस रीजन में कांग्रेस को निराशा हाथ लग सकती है और उसका खाता खुलता नहीं दिख रहा है. न्यू दिल्ली रीजन में भी विधानसभा की दस सीटें हैं. इस रीजन में आप को 45.2 फीसदी, बीजेपी को 38 फीसदी और कांग्रेस को पांच फीसदी वोट मिल सकता है.
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली
सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक नॉर्थ ईस्ट दिल्ली रीजन में बीजेपी आगे रह सकती है. यहां भी विधानसभा की दस सीटे हैं. इस रीजन में बीजेपी चार से छह सीटें जीत सकती है. आम आदमी पार्टी को तीन से पांच सीटें मिल सकती है. वहीं कांग्रेस को अधिकतम एक सीट हासिल हो सकती है. इस रीजन में आप को 46 फीसदी, बीजेपी को 36.8 फीसदी और कांग्रेस को 3.7 फीसदी वोट मिल सकता है.
नॉर्थ वेस्ट दिल्ली
नॉर्थ वेस्ट दिल्ली में आम आदमी पार्टी आगे रह सकती है. आम आदमी पार्टी इस रीजन में सात से नौ सीटें जीत सकती हैं. वहीं बीजेपी को यहां एक से तीन सीटों पर सफलता हासिल हो सकती है. कांग्रेस का इस रीजन में खाता खुलना मुश्किल दिखाई दे रहा है. इस रीजन में भी विधानसभा की दस सीटे हैं. इस रीजन में आप को 48.2 फीसदी, बीजेपी को 32.9 फीसदी और कांग्रेस को 5.5 फीसदी वोट मिल सकता है.
साउथ दिल्ली
साउथ दिल्ली रीजन में आम आदमी पार्टी सात से नौ सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है. सर्वे की मानें तो इस रीजन में बीजेपी को शून्य से दो सीटें जीत सकती है. वहीं कांग्रेस अधिकतम एक सीट पर जीत दर्ज कर सकती है. इस रीजन में भी विधानसभा की 10 सीटें आती है. इस रीजन में आप को 46 फीसदी, बीजेपी को 38.1 फीसदी और कांग्रेस को 3.5 फीसदी वोट मिल सकता है.
वेस्ट दिल्ली
वेस्ट दिल्ली रीजन के अंतर्गत विधानसभा की 10 सीटें आती है. सर्वे के मुताबिक अरविंद केजरीवाल की पार्टी यहां छह से आठ सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है. वहीं बीजेपी दो से चार सीटों के बीच कब्जा जमा सकती है. इस रीजन में भी कांग्रेस का खाता खुलना मुश्किल मालूम पड़ रहा है. इस रीजन में आप को 43.9 फीसदी, बीजेपी को 37.7 फीसदी तो कांग्रेस को चार फीसदी वोट मिल सकता है.
फाइनल आंकड़ा (वोट और वोट शेयर)
सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने का रास्ता साफ दिख रहा है. दिल्ली में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 36 है. चुनाव में आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती दिखाई दे रही है. आप का आंकड़ा 42 से 56 के बीच रह सकता है. बीजेपी के सीटों में इजाफा हो सकता है. बीजेपी का आंकड़ा 10 से 24 सीटों के बीच रह सकता है. वहीं कांग्रेस का खाता खुल सकता है और वह अधिकतम चार (0-4) सीटें जीत सकती है. सर्वे की मानें तो दिल्ली में आम आदमी पार्टी को 45.6 फीसदी, बीजपी को 37.1 फीसदी को वहीं कांग्रेस के खाते में 4.4 फीसदी वोट जाने का अनुमान है. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आप ने 67 सीटों पर कब्जा जमाया था. बीजेपी ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस का खाता नहीं खुल सका था. दिल्ली में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं.
कैसे हुआ ये सर्वे
एबीपी न्यूज़ ने सी-वोटर के साथ मिलकर ये सर्वे किया है और इसके लिए 26 जनवरी 2020 से लेकर 4 फरवरी 2020 तक के दौरान लोगों से बात की गई है. सर्वे के तहत दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 11,188 लोगों से बात करके उनकी राय जानी गई.