ABP Shikhar Sammelan: अगर तीनों कृषि कानून वापस हो गए तो BJP के साथ गठबंधन करेंगे? सुखबीर बादल ने दिया ये जवाब
ABP News Shikhar Sammelan: अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल एबीपी शिखर सम्मेलन में शरीक हुए. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की.
ABP Shikhar Sammelan: एबीपी शिखर सम्मेलन के मंच पर शिरोमणी अकाली दल के प्रमुख और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) पहुंचे. यूपी की लखीमपुरी खीरी की घटना के बाद राज्य सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों पर उन्होंने कहा कि ये टेंपरेरी है, हम इससे संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र की बीजेपी सरकार ने देश में किसान विरोधी माहौल बनाया, ये सब उसी का नतीजा है. पिछले एक साल में छह-सात सौ किसानों की जान चली गई और वो हल निकालने को तैयार नहीं हैं.
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है कि मुल्क में अमन शांति रहे और देश विकास करे. देश का अन्नदाता वो दुखी है, वो ये कानून नहीं चाहता जो उनके ऊपर थोपा जा रहा है, फिर क्यों ये कानून लाये जाए रहे हैं? जब तक सरकार सही फैसला नहीं लेगी, इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी. ये कब तक चलेगा?
अकाली दल के प्रमुख ने कहा कि किसानों में बेचैनी है. ये बेचैनी तब खत्म होगी जब सरकार फैसला लेगी. लखीमपुर खीरी की घटना के बाद यूपी सरकार की तरफ से किए गए मुआवजे के एलान पर उन्होंने कहा कि क्या एक जान की कीमत 45 लाख है? इससे और बुरी बात क्यो होगी कि अब देश में किसानों की जान की ‘कीमत’ लगाई जा रही है.
सुखबीर बादल ने कहा कि एनडीए की सहयोगी पार्टियां छोड़कर जा चुकी हैं. मौजूदा सरकार सहयोगी दलों को ‘सहयोगी’ नहीं समझती. अब जो एनडीए है वो बीजेपी है. हमारी जो गठबंधन था वो उसूलों पर टिका हुआ था. हमने पंजाब को देखकर गठबंधन को इतनी देर (पांच साल) चलाया.
अगर तीनों कृषि कानून वापस हो गए तो क्या बीजेपी के साथ गठबंधन करेंगे?
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब बात बहुत आगे निकल चुकी है. अगर ये कानून वापस भी ले लेंगे तो क्या किसान सरकार को माफ करेंगे? कोई नहीं माफ करेगा.
आप सरकार में थे, किसानों का मूड देखकर विरोध किया?
अकाली दल के प्रमुख ने कहा कि हमने पहले दिन से ही विरोध किया. जब कैबिनेट में ये बिल आया उसी समय विरोध किया. बादल ने बताया कि कृषि बिल को लेकर सात राज्यों के सीएम का एक ग्रुप बना जिसमें कांग्रेस के दो मुख्यमंत्री कमलनाथ और कैप्टन अमरिंदर सिंह थे. अफसोस इस बात का है कि उन दोनों मुख्यमंत्री ने दो साल तक मीटिंग अटैंड की, सारी बातचीत में हाजिर रहे लेकिन पंजाब और देश की जनता को ये बताया नहीं कि देश में ये कानून आने वाला है. जब कैबिनेट में ये बिल आया तब हरसिमरत कौर बादल ने उसी समय प्रधानमंत्री से कहा कि इसे एक्ट तब बनाए जब आप किसानों से बातचीत कर लें.
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