सवाल- दर्शक कैलाश चंद्र शर्मा ने पूछा है कि लालू यादव पैरोल पर बाहर क्यों आए हैं?


जवाब- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप की 12 मई को शादी है. लालू ने अपने बेटे की शादी में शरीक होने के लिए पैरोल पर रिहाई की अपील की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया है. लालू प्रसाद ने ये आवेदन रांची की जेल के पुलिस महानिरीक्षक को दिया था.

सवाल- दर्शक हिमानी आहूजा ने पूछा है कि लालू कितने दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आए हैं?


जवाब- लालू यादव अपने बेटे तेजप्रताप की शादी में शरीक होने के लिए 3 दिन के लिए पैरोल पर जेल से छूटे हैं. चारा घोटाले में रांची की जेल में सजा काट रहे लालू यादव तबीयत खराब होने की वजह से रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में भर्ती थे.


सवाल- दर्शक नरेंद्र देव ने पूछा है कि लालू किस केस में अंदर गए थे?


जवाब- चारा घोटाले के कुल 6 मामलों में से चार मामलों में रांची की सीबीआई अदालत ने लालू यादव को जेल की सजा सुना रखी है. चारा घोटाले के पहले केस यानि चाइबासा कोषागार से 37.7 करोड़ की अवैध निकासी के दोषी पाए जाने पर लालू यादव को 2013 में सीबीआई कोर्ट ने पांच साल की सज़ा सुनाई थी. दिसंबर 2017 में चारा घोटाले के दूसरे केस यानि देवघर कोषागार घोटाले में लालू को 3.5 साल की सजा सुनाई गई थी. जनवरी 2018 में चारा घोटाले के तीसरे केस यानि चाइबासा कोषागार घोटाले से एक और फर्जी निकासी केस में लालू यादव को 5 साल सजा सुनाई गई थी. इस साल मार्च में चारा घोटाले के चौथे केस यानि दुमका कोषागार घोटाले में लालू को सबसे ज्यादा 14 साल की सजा और 60 लाख रु. जुर्माने की सजा सुनाई गई थी.


सवाल- दर्शक संजीव कुमार ने पूछा है कि क्या लालू को जमानत होगी?


जवाब- बीते दिनों लालू ने अस्थायी जमानत के लिए झारखंड हाई कोर्ट में अपील की थी जिसपर 4 मई को सुनवाई होनी थी. लेकिन पर वहां वकीलों की हड़ताल के कारण अदालती काम 11 मई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.


सवाल- दर्शक हिराला मौर्य ने पूछा है कि चारा घोटाले में अगर लालू को पूरी सजा काटनी पड़ती है तो कितनी बार पैरोल मिलेगी?


जवाब- पैरोल दो तरह की होती हैं- कस्टडी पैरोल, रेग्यूलर पैरोल. कस्टडी पैरोल तभी दिया जा सकता है जब दोषी के परिवार में किसी की मौत हो गई हो, किसी की शादी हो, कोई अपना सख्त बीमार हो. 6 महीने बीतने के बाद ही दूसरे पैरोल की अर्जी दी जा सकती है. रेग्युलर पैरोल दोषी को ही दी जा सकती है. अंडर ट्रायल को नहीं. अगर दोषी ने एक साल की सजा काट ली हो तो उसे रेग्युलर पैरोल दिया जा सकता है.