Delhi Violence: दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दिन हुई हिंसा के मुख्य आरोपी और पुलिस पर गोली चलाने वाले अंसार को लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही हैं. कोई उसे बांग्लादेशी बता रहा है तो कोई रोहिंग्या, लेकिन यह हकीकत नहीं है. एबीपी न्यूज की टीम ने अंसास को लेकर पड़ताल की तो पता चला कि वह पूर्व मिदनापुर के हल्दिया इलाके के कुमारपुर गांव का रहने वाला है. वहां उसका पुश्तैनी घर है. एबीपी न्यूज की टीम ने उस गांव में जाकर लोगों से बात की. आइए जानते हैं अंसार को लेकर लोगों ने क्या कहा.
लोगों ने कहा- 'अंसार को फंसाया जा रहा है'
यहां जब हमने लोगों से अंसार के मुख्य आरोपी होने पर सवाल किया तो अधिकतर लोगों ने बताया कि उसको जबरन फंसाया जा रहा है. वह ऐसा नहीं है. वह दिलदार आदमी है. अगर उसके पास 50000 रुपये होते हैं तो वह लोगों पर 40000 रुपये खर्च कर देता है. इस घटना में उसका नाम आने से हम सब दुखी हैं.
एक महीने पहले ही गया था गांव
लोगों ने बताया कि अंसार एक महीने पहले ही यहां आया था. वह कुछ दिन रहा और फिर चला गया. उसने बकरीद में फिर से आने की बात कही थी, लेकिन हम नहीं जानते थे कि वह इस तरह फंस जाएगा. वह बहुत दान करता है. वो तो फसाद को रोकने गया था, लेकिन उसे ही फंसा दिया गया है.
'सब पार्टी से मिलता है, लेकिन राजनीति नहीं करता'
जब हमने लोगों से उसके किसी पार्टी से जुड़े होने पर सवाल किया तो लोगों ने बताया कि, वह सब पार्टी के साथ रहता है. आम आदमी पार्टी के साथ भी, तो बीजेपी के साथ भी. वह सबके साथ उठता-बैठता है, लेकिन पॉलिटिक्स नहीं करता.
'कबाड़ के काम से बन गया कारोबारी'
लोगों ने अंसार के काम के बारे में भी बताया. लोगों का कहना था कि वह पहले कबाड़ का काम करता था. धीरे-धीरे उसका काम बढ़ा और अब वह बड़ा व्यापारी हो चुका है. अब उसके कई काम हैं. वह हर त्यौहार पर यहां अपने परिवार के साथ आता है और कुछ समय बिताता है.
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