ABP Shikhar Sammelan Highlights: नीति आयोग की बैठक के बहिष्कार पर विपक्ष को नड्डा की फटकार, बोले- बाबा को खुश करने के लिए...
ABP Budget Conclave Highlights: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में बजट पेश किया. बजट पर चर्चा के लिए ABP ने शिखर सम्मेलन किया. इसमें तमाम नेताओं ने अपनी बात रखी.
बजट के विरोध में इंडिया गठबंधन के दलों ने नीति आयोग की बैठक का बहिस्कार करने का फैसला लिया है. इसपर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, "नीति आयोग में कांग्रेस पार्टी की सरकार से कोई नहीं आएगा. तो ठीक है कांग्रेस का तो रवैया ही है न आगे बढ़ना न बढ़ने देना, लेकिन बालक को खुश करने के लिए बाकी भी उस लाइन में लग जाएं ये पहली बार देखा है. नीति आयोग की बैठक देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है. देश रुकने वाला नहीं है और देश आगे बढ़ता रहेगा."
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने मोदी सरकार में बदले भारत की तस्वीर बताते हुए कहा, "गांव में लोग मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर और गाड़िया खरीद रहे हैं. उनके पास पैसा कहां से आ रहा है. ये दिखा रहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है. मोबाइल में हम 92 प्रतिशत इंपोर्ट करते थे और आज हम 97 प्रतिशत मैन्युफैक्चर कर रहे हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर में, पांच शहरों में मेट्रो थी आज 20 शहरों में है. 74 एयरपोर्ट थे और अब 149 एयरपोर्ट हैं. आज 706 मेडिकल कॉलेज हैं. हमारा नेशनल हाइवे 12 किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से बनता था आज 28 किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से बनता है."
जेपी नड्डा ने एबीपी शिखर सम्मेलन में कहा कि एक समय में हम डिजिटाइज कर रहे थे तो बोलते थे कि यहां तो लोग अनपढ़ हैं तो कैसे डिजिटाइजेशन होगा. लेकिन आज देखिए सब्जी वाला भी क्यूआर कोड से पैसे ले रहा है. दुनिया का 40 प्रतिशत डिजिटल पेमेंट भारत में होता है.
विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, "बिहार और आंध्र प्रदेश की बात करने वाले भूल गए कि निर्मला सीतारमण ने फरवरी में ही कहा था कि पूर्वी राज्यों को विशेष तवज्जो दी जाएगी. इस बजट में उन्होंने वही किया और पूर्वी भारत के इलाकों को लेकर ऐलान किए."
एबीपी शिखर सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि हम जब विदेश जाते थे तो हमें डिजिटलाइजेशन के बारे में बताया जाता था. आज हम उस डिजिटलाइजेशन के चैंपियन बन गए हैं. देश में ये बदलाव आया है.
शिखर सम्मेलन में जेपी नड्डा ने कहा कि पहले विधायक के कहने पर किसी के घर में बिजली का प्रबंध होता था. उसके लिए भी विभाग बोलता था कि खुद ही खंभा लेकर जाओ और आधे तार की व्यवस्था भी करो. जैसे सरकार की तरफ से मिलने वाली बिजली देकर एहसान किया जा रहा था. लेकिन आज ढाई करोड़ लोगों के घर में सौभाग्य योजना के जरिए बिजली पहुंचाई गई.
बजट को लेकर जेपी नड्डा ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में बजट का साइज बड़ा, आकार बड़ा और आमदनी में भी इजाफा हुआ है.
शिखर सम्मेलन में बोलते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना बताता है कि देश की जनता ने पीएम मोदी की नीतियों को प्यार दिया है. उन्होंने कहा कि जनता ने उनकी नीतियों पर मुहर लगाई है.
केंद्रीय बजट पर अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर की प्रतिक्रिया पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हरसिमरत कौर जब कैबिनेट में बैठी हुईं थीं तब इन्होंने कृषि कानून का स्वागत किया और बाहर जाकर बदल गईं. हमारे लिए ठीक रहा कि इन्होंने गठबंधन तोड़ा. इसी लिए हमारा पंजाब में तीन प्रतिशत वोट बढ़ा और इनकी पार्टी खत्म होने की कगार पर है.
दिल्ली सरकार की बजट पर दी प्रतिक्रिया का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जो कूड़ा उन्होंने नहीं उठाया उसके लिए करोड़ों रुपए दिए. पुलिस के लिए 11 हजार करोड़. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्रीय योजनाओं का पैसा अगर जा रहा है तो वो किसी एक राज्य को थोड़ी जा रहा है. इनको बजट पढ़ना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि विपक्ष को न तो बजट के बारे में कुछ पता है और न ही विपक्ष ने बजट को पढ़ा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बजट के जरिए भारत ने फ्रेजाइल फाइव से तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने की नींव रखी है.
गौरव गोगोई ने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय है कि हर प्रदेश में अगर उनके चुने हुए देश से जहां उन्हें लगता है कि राज्य सरकार का प्रतिनिधि हो तो केंद्र सरकार को इसपर सोचना चाहिए. विदेश मंत्रालय में लोगों की कमी है और उसमें इतनी ताकत नहीं है कि असम-बांग्लादेश, बिहार-नेपाल, तमिलनाडु-श्रीलंका के बीच क्या ट्रेड होना चाहिए ये पता लगा सके. इसलिए ऐसा होना चाहिए. विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी इसपर चर्चा करते हैं और ये कोई नई बात नहीं है.
नीट पर बातचीत करते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, "व्यक्तिगत तौर पर मैं भी शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग करता हूं. वो 2021 से शिक्षा मंत्री हैं. शुरुआत में वो कहते थे कि कुछ हुआ ही नहीं है और समय के साथ बयान बदलते गए. गोगोई ने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान ने एनटीए चेयरमैन को हटा दिया, लेकिन खुद नहीं हटे.
गौरव गोगोई ने नीट मुद्दा उठाते हुए कहा, "नीट पर आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सरकार क्लीन चिट मान रही है. अगर उसे क्लीन चिट मानते हैं तो एनटीए के चेयरमैन को क्यों हटाया."
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने केंद्रीय बजट पर टिप्पणी करते हुए कहा, "अपनी कुर्सी बचाने के लिए सरकार ने सिर्फ दो राज्यों को खुश कर के पूरे देश को नजरअंदाज कर दिया. ये बजट एक कमजोर सरकार का मजबूरी में बनाया गया बजट है, जिसमें उन्होंने सिर्फ दो सहयोगी दलों और दो नेताओं को खुश किया गया है."
शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा, "विपक्ष से मेरी अपील है कि लोकतंत्र में संवाद होना चाहिए. हम दुश्मन नहीं हैं. सारी चीजें ठीक दिशा में चले. विपक्ष के रचनात्मक सुझावों का स्वागत है. असहमती है तो उनके पास लोकतांत्रिक हथियार हैं, लेकिन बस वो दुश्मन न माने."
बेरोजगारी पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "बेरोजगारी भत्ता समाधान नहीं है. मुख्यमंत्री सीखो और कमाओ योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना में दब गई. इस योजना के मुताबिक हमारे युवा अलग-अलग काम सीखते और उनको पैसे दिए जाते. काम सीखने के बाद वो खुद का काम करते. महाराष्ट्र ने भी ऐसी ही योजना शुरू की है उन्हें बधाई."
नीट परीक्षा विवाद को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नीट के मामले में जिसने गलती की उनको सजा दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा उससे ये साफ हो गया है कि सरकार ठीक करने का प्रयास कर रही है.
शिखर सम्मेलन में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भगवान राम हमारे लिए कभी भी चुनाव का मुद्दा नहीं रहे वो हमारी आस्था का विषय हैं. न ही हिंदुत्व हमारे लिए चुनावी मुद्दा है. हिंदुत्व तेरा मेरा नहीं बल्कि विश्व को बंधु बताना है. हिंदुत्व श्रद्धा और आस्था का विषय है हमारे लिए ये चुनाव का विषय नहीं है.
राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस के कद्दावर नेता कमलनाथ को बीजेपी में ले ही आए थे. इसबर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये तो राज की बात है इसे राज ही रहने दो. क्या कमलनाथ एक बार फिर बीजेपी की तरफ जा सकते हैं, इसपर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इसका जवाब तो वो ही दे सकते हैं.
आगामी चुनावों पर टिप्पणी करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि झारखंड के बारे में विश्वास से कह रहा हूं कि इंडिया गठबंधन के कुशासन के कारण वहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने वाली है. वहां बाल्टी में बालू बिक रही है, नोट मंत्रियों के घरों से निकल रहे हैं.
शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कहा, "1962 के बाद पहली बार हुआ है जब लगातार तीसरी बार किसी एक प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार बनी है. जिनको 99 सीटें मिलीं वो सीना फुलाए घूम रहे हैं. सीटें बढ़ सकती हैं, घट सकती हैं, यही तो लोकतंत्र का आनंद है." उन्होंने आगे कहा, "ओडिशा में तो हम कहीं थे ही नहीं, वहां हमारा प्रदर्शन बढ़िया रहा. आंध्र प्रदेश में हमारा प्रदर्शन शानदार रहा. कई राज्यों में हमने क्लीन स्वीप किया. सीटें तो कई राज्यों में बढ़ती घटती हैं. इसमें कोई दिक्कत नहीं है."
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "ये सोच ठीक नहीं है कि कृषि से जुड़े परिवार के सभी लोग कृषि से जुड़ें. हमें कृषि से जुड़े रोजगारों के भार को कम करना होगा. इसका मतलब ये नहीं है कि खेती बेकार है, लेकिन अगर कृषि परिवार के लोग कहीं और जाते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है."
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे शोध संस्थानों में पिछले समय में काफी कम काम हुआ है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के कार्यकाल में रिसर्च का काम बढ़ा है और लगातार नवाचार किया जा रहा है. एक काम हमको और करना है कि खेती में हमें कई सारी चीजें जोड़नी होंगी, जैसे पशुपालन, पोलिट्री और मधुमक्खी पालन वगैरह. ताकि किसानों का लाभ और बढ़े.
किसानों की आय दोगुनी करने वाले मोदी सरकार के संकल्प पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "किसानों की आय पिछले 10 साल में बढ़ी है. कई जगहों पर आमदनी दोगुनी भी हुई है. हालांकि कुछ जगहें छूटी हैं, जहां कोई प्राकृतिक आपदा आई हो या कोई और आपदा रही हो. ऐसा नहीं है कि इस सरकार ने कोई प्रयास ही नहीं किया है. एक नहीं अनेकों उपाय हुए हैं. हां ये मैं मानता हूं कि लगातार काम करने की जरूरत है. कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव है और किसान उसकी आत्मा. इसलिए किसान की सेवा हमारा कर्तव्य है."
मोदी 3.0 के बजट को कुर्सी बचाने वाला बजट बताने के पीछे की वजह बताते हुए मनीष तिवारी ने कहा, "पिछले 10 साल में इन्हें बिहार की याद नहीं आई. वो दशकों से स्पेशल पैकेज मांग रहा है. आंध्र प्रदेश का रिऑर्गेनाइजेशन तो 2014 में हुआ था तो आपको 10 साल से याद नहीं आया. सरकार ने खुद साबित कर दिया है कि ये सरकार बैशाखी से चल रही है और बैशाखी को पैसा देंगे तो सरकार चलेगी और नहीं देंगे तो बैशाखियां कहीं और चली जाएंगी. सरकार जेडीयू और टीडीपी के दबाव में हैं और जब तक ऐसा है तब तक वो इनकी बात मानते रहेंगे."
मनीष तिवारी ने बताया कि जिसको अपना पुश्तैनी घर बेचना होगा वो सबसे ज्यादा ठगा गया है. आपने 2001 एक करोड़ का फ्लैट खरीदा और उसे 2024 में चार करोड़ का बेचते हैं तो आपको चार करोड़ पर कैपिटल टैक्स देना होगा. सरकार ने तो इनहेरिटेंस टैक्स लगा दिया है.
शिखर सम्मेलन में मोदी 3.0 के बजट पर बात करते हुए मनीष तिवारी ने कहा, 'अगर सरकार को अपनी नीतियों पर इतना भरोसा है तो 86 हजार करोड़ क्यों मनरेगा के लिए दिया है. इसका मतलब साफ है कि उनकी योजनाएं सिर्फ घोषणाएं ही हैं. इस बजट से रोजगार नहीं बढ़ेगा. बजट में निजी क्षेत्र को सीएसआर से एप्रेंटिस की बात कही गई है. ये सिर्फ घोषणाएं हैं.'
कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता मनीष तिवारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अनिमयत्ताओं के पीछे सरकार छिप नहीं सकती हैं. 2022 से यूक्रेन-रूस युद्ध चल रहा है. युद्ध वाले देशों की इकोनॉमी भी अच्छा कर रही है. इस बजट में सरकार ने पांच ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का जिक्र नहीं किया.
कांग्रेस के आरोप पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अगर कांग्रेस को लगता है कि बजट उनके घोषणापत्र से कॉपी किया है तो कांग्रेस इसकी तारीफ करे न विरोध क्यों कर रही है.
400 पार का टारगेट पूरा न होने पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहानी सुनाते हुए कहा, "एक छात्र को 99 प्रतिशत की उम्मीद थी और उसको 95 मिला तो वो दुखी हो गया. वहीं जो 35 उम्मीद कर रहा था और 40 आ गया तो वो गांव भर में जुलूस कर रहा है." जोशी ने आगे कहा कि जो 100 भी पार न कर पाया वो हमें ज्ञान न दे. हम अपनी खामियों पर काम करेंगे और बेहतर करेंगे.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बढ़ती महंगाई पर कहा कि 10 साल में औसतन महंगाई 5-6 प्रतिशत है. पिछले साल युद्ध और अल नीनो के कारण दुनिया भर में महंगाई बढ़ी, लेकिन हमारा फिर भी कम रहा. कांग्रेस के समय में तो कई बार 15 प्रतिशत तक पहुंच गया, लेकिन पीएम मोदी के कारण में औसतन 5-6 प्रतिशत रहा.
अखिलेश यादव ने कहा कि वो संसद में अवधेष प्रसाद को अपने पास इसलिए बैठाते हैं क्योंकि बीजेपी वाले बहुत चिढ़ाते थे, जिसका जवाब अवधेष प्रसाद और अयोध्या की जनता ने उन्हें दिया है. अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी विधानसभा में भी अवधेश प्रसाद उनके साथ बैठते थे और दोनों संसद पहुंचे हैं तो उन्होंने अभी भी उनका साथ नहीं छोड़ा.
शिखर सम्मेलन में अखिलेश यादव ने कहा, 'हम पर आरोप लगते थे कि हम जातिवादी लोग हैं. आज कोई सवाल नहीं उठाता. हम पूछते हैं कि आज यूपी की जो टॉप 10 पोस्टिंग हैं वो किसके पास हैं. ये सरकार बहुत बुरी चल रही है और इतना अन्याय है कि कल्पना भी नहीं की जा सकती. समाजवादी पार्टी ने डायल 100 का सबसे अच्छा रिस्पॉन्स सिस्टम बनाया उसको इस सरकार ने बर्बाद कर दिया.'
NEET पर बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि बहुत ज्यादा सेंटर पर बड़ी संख्या में बच्चे पास हुए हैं तो मंत्री जी यूपी में भी ऐसे सेंटर्स बनवा दे. ताकि यूपी के भी सब बच्चे पास हो जाएं. अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार उस संस्था का नाम क्यों नहीं बताती जो परीक्षा करवाती है.
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ भी गठबंधन था और टीएमसी के साथ भी हम चुनाव लड़े. कांग्रेस के साथ गठबंधन है और ममता बनर्जी के साथ संबंध हैं. संबंध भी रहेगा और गठबंधन भी रहेगा. गठबंधन के लिए संबंध नहीं छोड़ सकते.
अखिलेश यादव के राजनीतिक जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव पर समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कहा कि हमने संघर्ष किया है. इस संघर्ष का नतीजा है कि हमें सबसे ज्यादा सीट मिलीं और यकीनन हमें 2027 में हमारी पार्टी की सरकार जरूर बनेगी.
अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को लेकर सोशल मीडिया पर काफी कुछ लिखते रहे हैं. एबीपी शिखर सम्मेलन में उन्होंने मौर्य पर बातचीत के दौरान कहा, "केशव प्रसाद मौर्य के लिए क्या कहना उनके लिए ऑफर चलता रहेगा. उनसे कोई बात नहीं हुई है."
अखिलेश यादव ने कहा कि इसपर मैं कुछ नहीं कहूंगा क्योंकि एक नहीं कई साथी हमें छोड़ कर सरकार बनाने के लिए चले गए हैं. इसमें कुछ बुरा नहीं है वो जब हमारी सरकार बनेगी और वो वापस आएंगे तो हमारा स्वागत है. एक नहीं कई उदाहरण हैं, जहां मंत्री पद के लिए लोग गए हैं और वो मंत्री पद के लिए वापस भी आ सकते हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि जो लोग पार्टी को धोखा देकर गए हैं, उन्हें दोबारा मौका नहीं देंगे.
कांग्रेस के साथ गठबंधन और आगामी उपचुनावों और चुनावों में यूपी के बाहर लड़ने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा, "गठबंधन रहेगा और जहां प्रदेश में पार्टी का संगठन होगा और पार्टी लीडरशिप जीतने लायक होगी तो उनकी बात रखी जाएगी. झारखंड में हमारा संगठन है, लेकिन वहां लोकल लीडरशिप से बात कर के लड़ेंगे. महाराष्ट्र में हमारे दो विधायक हैं और जहां हमारा संगठन होगा वहां राजनीतिक परिस्थितियों में जीत सकते हैं वहां चुनाव लड़ेंगे."
कांवड़ रूट पर नेमप्लेट विवाद पर अखिलेश यादव ने कहा कि जैसे दिया फड़फड़ाता है वैसे ही बीजेपी भी सांप्रदायिक राजनीति को लेकर फड़फड़ा रही है. इसी लिए होर्डिंग्स लगवा रही है. सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद कि उन्होंने इसके खिलाफ फैसला दिया. इस काम के जरिए वो सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहते थे. योगी जी से आप और क्या उम्मीद कर सकते हो. क्यो वो स्मार्ट सिटी बनवाएंगे. उनकी बनाई स्मार्ट सिटी में तो नाव चल रही है.
अखिलेश यादव ने बताया कि वो राम मंदिर दर्शन करने कब जाएंगे. उन्होंने बताया कि भगवान शिव का दर्शन करने के बाद मैं अयोध्या जाऊंगा. भगवान जब बुलाएंगे तब मैं जाऊंगा. बीजेपी के कहने पर मैं नहीं जाऊंगा.
अखिलेश यादव ने शिखर सम्मेलन में कहा, "अयोध्या की जनता ने अवधेश प्रसाद जी को इसलिए जिताया क्योंकि वहां कि जनता के साथ बीजेपी ने धोखा किया. मार्केट वैल्यू पर खरीद नहीं की गई. व्यापारी वर्ग की दुकान तोड़ी लेकिन मुआवजा नहीं दिया. ये जो आपने मुआवजा नहीं दिया उसका परिणाम ये है कि वो अयोध्या से चुनाव हार गए. काशी में प्रधानमंत्री जीते हैं, लेकिन वोटों से हारे हैं."
अखिलेश यादव ने कहा कि मानसून ऑफर के बाद विंटर सेल आएगी. आंध्र प्रदेश और बिहार को आप पैकेज दो, लेकिन अन्य राज्यों के साथ भेदभाव न करें. यूपी के साथ भेदभाव हुआ. न नया एम्स आया न कोई नई यूनिवर्सिटी.
अखिलेश यादव ने कहा, 'किसानों की आय दोगुनी होने की बात करने वालों ने एक नई मंडी नहीं बनाई तो किसान को आय कहां से मिलेगी. किसान अपनी फसल बेचने कहां जाए. किसान को कुछ नहीं मिला.'
अखिलेश यादव ने कहा कि आंध्र प्रदेश और बिहार को बजट दिया लेकिन बाकी को क्या दिया. गोरखपुर और वाराणसी के लोग पानी में न डूबें इसलिए एक-एक हजार करोड़ रुपए दे दो उनको. बिहार बाढ़ में डूबा रहता है उसके लिए नेपाल से बात करना चाहिए. बिहार की बाढ़ रोकनी है तो यूपी की बाढ़ रोकनी होगी. यूपी की बाढ़ नहीं रुकेगी तो पानी बिहार जाएगा और वहां बाढ़ आएगी. ऐसे में आप बिहार को बचाना चाहते हैं तो यूपी को बचाएं.
शिखर सम्मेलन में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हुए और उन्होंने हाल ही में पेश किए बजट पर चर्चा की. उन्होंने कहा, ये इस सरकार का 11वां बजट है और तीसरी बार सरकार बनी है. आप सरकार का घोषणापत्र पढ़ें तो आप समझ जाएंगे कि ये बजट किसके लिए बना है. इस सरकार का डेटा खुद कह रहा है कि रोजगारों में कमी आई है. सरकारी कर्मचारी 8वें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे हैं और सरकार बजट में 5 हजार की नौकरी लेकर आती है. सरकार खुद क्लियर नहीं है. इससे भी पता चलता है कि कितनी नौकरियां गईं होंगी. हर राज्य निवेश के लिए अपने राज्य में काम करता है. उत्तर प्रदेश ने भी किया. पूरे देश में सबसे कम एफडीआई उत्तर प्रदेश में आया है. इस बार की बजट स्पीच आई तो दिखा कि सरकार ने सिर्फ वहीं पैसा दिया जहां सरकार चलाने के लिए जरूरत थी.
बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार से जब हाल ही में पेश किए गए बजट में स्वास्थ्य को दिए पैसे में कटौती की बात की गई तो उन्होंने इसका विस्तार से जवाब दिया. मजूमदार का कहना है कि बीच में स्वास्थ्य के बजट में ज्यादा पैसा देना पड़ा था क्योंकि वो कोरोनाकाल था. इसलिए इसबार स्वास्थ्य बजट में कटौती की गई है.
मणिपुर में शांति आनी चाहिए. सरकार कोशिश कर रही है. सरकार का पूरा ध्यान है मणिपुर पर. इसको सही होने में समय लगेगा. दो कम्युनिटी के बीच जब तक सौहार्द नहीं आएगा तब तक सरकार कुछ नहीं कर सकती.
सुकांत मजूमदार ने कहा, "मैं पहली बार चुनाव जीता तो डीएम मुझसे मिलता नहीं था. पश्चिम बंगाल की सियासत बहुत अलग है. मैं सांसद हूं, मंत्री हूं, लेकिन पश्चिम बंगाल पीएससी से चुनकर डीएम बनने वाले अधिकारी फिर भी मेरे सामने उठकर खड़े तक नहीं होते थे."
शिखर सम्मेलन के चौथे सत्र में बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार शामिल हुए. उन्होंने विपक्ष के आरोपों पर कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि उनके बजट भाषण में दो राज्यों का नाम विशेषतौर पर लिया गया, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि और राज्यों को कुछ नहीं मिला है.
उन्होंने कहा कि अगर मैं राजनीतिक तौर पर जवाब दूं तो हमने तो कम से कम दो राज्यों का नाम ले लिया, ये लोग तो सिर्फ एक परिवार की बात करते हैं. जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार होती है तब ये लोग सिर्फ गांधी परिवार का नाम लेते हैं. और बंगाल में ये लोग सिर्फ बनर्जी परिवार की बात करते हैं.
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा, ये बजट रोजगार औऱ युवाओं का बजट है. इसमें किसानों, महिलाओं के हितों को शामिल किया गया है. एमएसएमई सेक्टर को जिस तरह से बजट में शामिल किया गया है, अर्थव्यवस्था तेजी से दौड़ेगी. हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी मजबूत अर्थव्यवस्था बने, इसके लिए ये बजट मील का पत्थर साबित होगा.
गजेंद्र शेखावत ने कहा, सरकार ने महंगाई को कंट्रोल करने की कोशिश की है और काबू में है. हमारे आंकड़े पर हम गर्व कर सकते हैं और भारत की तरफ विश्व गौरव महसूस कर रहा है. जब भी भारत में कुछ अच्छा हुआ, विपक्ष ने इस तरह का ही व्यवहार किया है. चाहें वैक्सीन बनी हो, सर्जिकल स्ट्राइक हुई हो या कुछ और हुआ हो. इस बजट में क्या 80 मिनट में वित्त मंत्री सब कुछ पढ़ सकती थीं.
उन्होंने बताया, अयोध्या के विकास से जुड़े सवाल पर गजेंद्र शेखावत ने कहा, राम और अयोध्या हमारे लिए राजनीति का विषय नहीं है. ये विषय राजनीति का उन लोगों के लिए जो चुनाव के वक्त हिंदू बन जाते हैं और जगह बदलने पर टोपी बदल लेते हैं.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, आपका धन्यवाद कि आपने विपक्ष के भ्रामक चीजों के बीच ये आयोजन किया. ये बजट एक कन्टीन्यूटी का बजट है.सरकार बनने के बाद एक आंशिक बजट और फिर अगला पूर्ण बजट एक दूसरे को ओवरलैप करते हैं. इस बजट में कोई अमूल चूक परिवर्तन हो ऐसा नहीं था. पिछली बार राज्यों का सहयोग नहीं मिलने से पूरा खर्च नहीं हो पाया था. इस बार पर्यटन मंत्रालय को पहले से ज्यादा बजट मिला है.
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा, मोदी सरकार का लक्ष्य स्थिर है कि भारत को समृद्ध, शक्तिशाली देश बनाना. इसका मार्ग तय है. यह गरीब, किसान, महिलाओं के जीवन को परिवर्तित करके पाया जा सकता है. इसी के मुताबिक, बजट का आवंटन किया गया है. निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया, वह निरंतरता वाला बजट है.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, हम दिल्ली में बैठे हैं. दिल्ली में आम आदमी पार्टी का गठबंधन टूट गया. कलकत्ता में ममता के साथ लड़ाई चल रही है. टूट तो आप गए हैं. गठबंधन तो बिखर गया है और ये कह रहे हैं कि सरकार हमारी गिर रही है. ये लोग दिल्ली में कह रहे हैं कि बिहार को बहुत कुछ दे दिया गया और वहां पटना में लालू कह रहे हैं कि बिहार को सिर्फ झुनझुना मिला है.
एबीपी न्यूज शिखर सम्मेलन में सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, इनके भक्तगण ही इनकी कुर्सी हिला रहे हैं. मिडिल क्लास आपके साथ था. लेकिन अब बजट के बाद उसने आपसे नाता तोड़ दिया है. मिडिल क्लास के लोग लिख रहे हैं कि बीजेपी को वोट देकर गलती कर दी. आप मिडिल क्लास की कमर क्यों तोड़ रहे हैं.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, हमारी ग्रोथ रेट 7.2 है. इनके समय में ग्रोथ रेट 2 प्रतिशत रही है. महंगाई दर भी हमारे समय में कम हुई है. उसके बाद ये बता रहे हैं कि अर्थव्यवस्था में कैसा काम चल रहा है. ये लोग बजट पर सिर्फ राजनीति कर रहे हैं. ये किसानों की बात कर रहे हैं. अगर इतनी चिंता है तो किसानों के लिए एमएसपी पंजाब, कर्नाटक में कांग्रेस शासित राज्य कर दें. ये राज्य ऐसा कदम क्यों नहीं उठा रहे हैं.
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ये कुर्सी बचाओ बजट है. हालांकि, हमें खुशी है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को इस बजट में बहुत कुछ दिया गया. लेकिन हमें उम्मीद है कि अब बिहार में पुल नहीं गिरेंगे. सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, नकल के लिए भी अकल की जरूरत है.
चिराग पासवान ने कहा, कांवड़ यात्रा पर मैंने भी गठबंधन का हिस्सा होते हुए भी इस पर आपत्ति जताई थी. गठबंधन में ये स्वतंत्रता मिलती है कि कोई भी मुद्दे पर हम आपत्ति जताते हैं. ऐसे में समावेशी विकास की ओर ये सोच नहीं थी.इसलिए हमने इसका विरोध किया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसपर रोक लगा दी है.
इस सवाल पर चिराग पासवान ने कहा, बहुत सारे युवा हैं देश में, उन्हें रोजगार की जरूरत है. उनके लिए काम करना ही हमारी प्रथामिकता है. जनता के लिए काम के अलावा और कोई प्राथमिकता अभी मेरी नहीं है.
एबीपी शिखर सम्मेलन में चिराग पासवान ने चाचा पशुपति पारस के साथ रिश्तों पर भी बात की. उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद उनकी चाचा के साथ कोई बात नहीं हुई. उन्होंने कहा, अब मैं बहुत आगे निकल गया हूं. वे बहुत दूर रह गए हैं. अब मेरे लिए इन सब बातों की कोई अहमियत नहीं है.
चिराग पासवान ने कहा, बहुत दिनों बाद मैंने उनसे बात की. मैंने पहले भी कहा था कि वे सदन में आएंगी तो मुझे खुशी होगी. मैं कभी अभिनेता तो बन ही नहीं पाया, नहीं तो ये हाल न होता मेरी पहली फिल्म का. मैं हमेशा नेता ही रहा, क्योंकि मैंने हमेशा राजनीति का ही माहौल देखा और वही मेरे अंदर हमेशा रहा. दरअसल, चिराग पासवान ने अपनी पहली फिल्म कंगना के साथ ही की थी.
इस सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा, हमारे गठबंधन के हर सहयोगी यही कह रहे हैं कि 2025 में गठबंधन नीतीश जी के चेहरे के साथ ही बिहार के विधानसभा चुनाव में जाएगा. हम नीतीश कुमार को सीएम बनाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं.
चिराग पासवान ने विपक्ष के आरोपों पर कहा, विपक्ष के पास कहने को कुछ बचा नहीं है, हकीकत ये है कि पिछले 10 साल में देश जो मजबूत हुआ है, उसके लाभ को सभी को ये बजट देने की बात कर रहा है. इसमें किसान, महिला, मध्य वर्ग सभी का ध्यान रखा जाए.इस बजट में कोई लूप होल नहीं है इसलिए विपक्ष कुछ भी कहेगा.
चिराग पासवान ने कहा, NDA सरकार और मोदी जी की सोच यही है कि कैसे आम लोगों के जीवन को बेहतर किया जाए और लोगों के लिए आने वाले साल बेहतर हों.
बैकग्राउंड
एबीपी न्यूज ने बजट पर चर्चा के लिए बुधवार को शिखर सम्मेलन बुलाया. इस शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने बजट 2024-25 की तारीफ की. इतना ही नहीं चिराग पासवान ने इस दौरान 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में सीएम फेस, कंगना रनौत से मुलाकात और चाचा पशुपति पारस से रिश्तों से जुड़े सवाल पर भी जवाब दिया.
शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र में कांग्रेस की ओर से सुप्रिया श्रीनेत और बीजेपी की ओर से सुधांशु त्रिवेदी शामिल हुए. सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि ये बजट बैशाखियों को साधने वाला बजट है. इस बजट में रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा के बजट में कटौती की गई. इन आरोपों का सुधांशु त्रिवेदी ने इसका जवाब दिया.
एबीपी शिखर सम्मेलन के तीसरे सत्र में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा, बजट को लेकर विपक्ष भ्रम फैला रहा है. इस बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया.
शिखर सम्मेलन के चौथे सत्र में बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार शामिल हुए. उन्होंने विपक्ष के आरोपों पर कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि उनके बजट भाषण में दो राज्यों का नाम विशेषतौर पर लिया गया, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि और राज्यों को कुछ नहीं मिला है.
बजट पर क्या बोले चिराग पासवान?
इससे पहले चिराग पासवान ने कहा, इस बजट में युवाओं, गरीबों, मध्यवर्ग, किसानों की बात की गई है. इस बजट में कोई ऐसी कमी नहीं है कि विपक्ष उसे उठाकर कोई मुद्दा उठाए, इसलिए वे अब इसे कुर्सी बचाओ जैसा नाम दे रही है.
बजट पर एबीपी शिखर सम्मेलन में कांग्रेस के कॉपी पेस्ट वाले बजट के आरोपों पर चिराग पासवान ने कहा, अगर ऐसा किया गया है, विपक्ष ऐसा कह रहा है तो उन्हें खुश होना चाहिए कि इस सरकार ने बजट में सभी की अच्छी बातों को शामिल किया है.
क्या नीतीश कुमार फिर बनेंगे बिहार के CM?
इस सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा, हमारे गठबंधन के हर सहयोगी यही कह रहे हैं कि 2025 में गठबंधन नीतीश जी के चेहरे के साथ ही बिहार के विधानसभा चुनाव में जाएगा. हम नीतीश कुमार को सीएम बनाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं.
कंगना से मुलाकात पर क्या बोले चिराग?
चिराग पासवान ने कहा, बहुत दिनों बाद मैंने उनसे बात की. मैंने पहले भी कहा था कि वे सदन में आएंगी तो मुझे खुशी होगी. मैं कभी अभिनेता तो बन ही नहीं पाया, नहीं तो ये हाल न होता मेरी पहली फिल्म का. मैं हमेशा नेता ही रहा, क्योंकि मैंने हमेशा राजनीति का ही माहौल देखा और वही मेरे अंदर हमेशा रहा. दरअसल, चिराग पासवान ने अपनी पहली फिल्म कंगना के साथ ही की थी.
चाचा संग रिश्तों पर क्या बोले चिराग?
एबीपी शिखर सम्मेलन में चिराग पासवान ने चाचा पशुपति पारस के साथ रिश्तों पर भी बात की. उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद उनकी चाचा के साथ कोई बात नहीं हुई. उन्होंने कहा, अब मैं बहुत आगे निकल गया हूं. वे बहुत दूर रह गए हैं. अब मेरे लिए इन सब बातों की कोई अहमियत नहीं है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -