इलाहाबाद: एबीपी न्यूज के शो घंटी बजाओ का बड़ा असर हुआ है, घंटी बजाओ में हमने आपको दिखाया था कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी यूपी में लड़कियों के सरकारी इंटर कॉलेज में पीने के पानी के लिए आरओ नहीं लगा. अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई की जाए?
कोर्ट ने इक्कीस सितम्बर को प्रदेश के राजकीय बालिका विद्यालयों में पेयजल आपूर्ति के लिए आरओ, वाशरूम, विद्युत आपूर्ति सहित अन्य सुविधाएं महीने भर में मुहैया कराए जाने का आदेश दिया था, जिसका यूपी सरकार ने पालन नहीं किया.
कोर्ट ने सचिव से इस आदेश के अनुपालन में उठाये गये कदमों की जानकारी भी मांगी है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच इस मामले में सात नवम्बर को फिर से सुनवाई करेगी. यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन तथा न्यायमूर्ति राजीव जोशी की खण्डपीठ ने विनोद कुमार सिंह की जनहित याचिका पर दिया है.
कोर्ट ने बालिका विद्यालयों में हैण्डपम्प से पानी आपूर्ति करने पर कड़ी आपत्ति करते हुए आदेश दिया था कि सभी कालेजों में आर.ओ लगाये जाए. अगर निर्धारित समय में कालेजों में आरओ नहीं लगाये जाते तो जिलाधिकारी कार्यालय में लगे आरओ कालेजों में शिफ्ट किये जाए.
इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गयी. सुप्रीम कोर्ट ने डीएम कार्यालय से आरओ निकालकर कालेजों में लगाने के आदेश पर रोक लगाते हुए याचिका हाईकोर्ट द्वारा सुने जाने का आदेश दिया है. जिस पर कोर्ट ने राजकीय बालिका विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा उठाये गये कदमों की जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश दिया है.
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