नई दिल्ली: कभी आपने ऐसी दिल्ली की कल्पना की है जिसमें लाल किला ना हो. एक ऐसे आगरा शहर की कल्पना की है जहां ताजमहल ना हो. क्या आपने भारत के किसी इतिहास की किताब की कल्पना की हैं जिसमें अकबर या औरंगजेब का जिक्र ना हो? क्या ऐसी दिल्ली हो सकती थी जहां लाल किला न होता? ऐसा आगरा शहर जहां ताजमहल ना होता. ये सब हो सकता था अगर 21 अप्रैल 1526 के दिन पानीपत में जो हुआ वो नहीं होता. इस दिन काबुल का राजा बाबर और दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी की सेना के बीच लड़ाई हुई थी. इसे ही पानीपत की पहली लड़ाई कहते हैं.


पानीपत की पहली लड़ाई जैसी दर्जनों दूसरी लड़ाइयों ने भारत के भविष्य को तय किया है. एबीपी न्यूज की नई पेशकश , 'रक्तरंजित',  भारत की इन्हीं निर्णायक लड़ाइयों की असली कहानी बताने जा रहा है. दरअसल ये एतिहासिक लड़ाइयां किसी राजा या बादशाह की हार-जीत तक सीमित नहीं रही है. इन लड़ाइयों ने कई दफा भारत की सरहद ही नहीं, भारतीय संस्कृति की सीमा भी तय की है. 'रक्तरंजित' सीरीज में भारत की निर्णायक लड़ाइयों को प्रामाणिक और तथ्यों के आधार पर पेश किया जा रहा है.


 


'रक्तरंजित'  सीरीज में देश के विश्वसनीय इतिहासकार और सैन्य मामलों के जानकार निर्णायक लड़ाइयों का विश्लेषण कर रहे हैं. युद्ध की पेचीदगियों और तब के हालात को बेहतर तरीके से समझाने के लिए ग्राफिक्स और सैंड आर्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है.


एबीपी न्यूज इससे पहले प्रधानमंत्री, रामराज्य और भारतवर्ष जैसी सीरीज बना चुका है. ये कार्यक्रम गहन रिसर्च और भव्य प्रस्तुति के लिए जाने जाते हैं. एबीपी न्यूज की ताजा पेशकश 'रक्तरंजित' अपनी अनूठी प्रस्तुति के साथ इसी सिलसिले का हिस्सा है.