देश की राजधानी दिल्ली और दिल्ली के करीब एबीपी न्यूज के तीन अंडरकवर रिपोर्टर ने बड़ी पड़ताल की है. पड़ताल में सामने आया कि व्यापारी जीएसटी बचाने के लिए अपने ग्राहकों को कच्चा बिल देते हैं और काला धन पैदा करते हैं.
- फर्नीचर मार्केट कीर्ति नगर (दिल्ली)
एक दुकान में दाखिल होने के बाद एबीपी न्यूज़ के अंडरकवर रिपोर्टर ने कुछ फर्नीचर पसंद किया.
दुकानदार- माल कहीं बाहर जाना है?
रिपोर्टर- बाहर तो नहीं जाना...यहीं दिल्ली में जाना है...वजीरपुर जाना है
दुकानदार- कोई दिक्कत नहीं...दिल्ली-दिल्ली में कोई दिक्कत नहीं.
रिपोर्टर- और अगर दिल्ली से बाहर जाना हो तो?
दुकानदार- दिल्ली से बाहर जाना हो तो कुछ तो लेना होगा. मान लो अगर 50 हजार का माल है तो 20 हजार तक तो लेना होगा जीएसटी दिखाने के लिए.
रिपोर्टर- हां अगर चेकिंग हुई तो
दुकानदार- रास्ते में कोई टेंशन ना आये. माल भी आराम से चले जाए.कोई दिक्कत नहीं है.
- सर्राफा बाजार कूचा माजिनी (दिल्ली)
रिपोर्टर- बिना बिल के लेना है तो फिर पूरा कैश करना पड़ेगा ?
ज्वैलर- वो पूरा कैश करना पड़ेगा...वो मैंने आपको बता दिया कितनी की बैठेगी...61,555
चांदनी चौक का थोक कपड़ा बाजार (दिल्ली)
दुकानदार- 2 सूट लेने हैं आपको...कोई पार्सल तो लेना नहीं है आपको...जिसको पार्सल लेना होता है वो मांगते है पक्का बिल... उनको बाहर भेजना होता है...बिल काट दूंगा....कार्ड लगा दूंगा आपको कच्चे बिल पर.
- दिल्ली के जगतपुरी इलाके में हार्डवेयर की शॉप
दुकानदार- आपको जीएसटी की क्या जरुरत है?
रिपोर्टर- हां हमें जरुरत नहीं है, अगर हम बिना जीएसटी लेंगे तो..
दुकानदार- तब भी ये ही रेट है.
रिपोर्टर- तब भी ये ही रेट है ?
दुकानदार- तब भी ये ही है.
रिपोर्टर- तो फिर वारंटी का कैसे होगा.
दुकानदार- वारंटी में डेट ऑफ परचेज देखी जाती है. मैं आपको वारंटी कार्ड बना कर दूंगा. कोई भी कंपनी वाला आएगा वो सिर्फ डेट ऑफ परचेज देखता है..
GST लागू होने के बाद जुलाई में 94,063 करोड़ रुपए देश के खजाने में आए, लेकिन अक्टूबर में जीएसटी से देश के खजाने में घटकर 83,346 करोड़ रुपए आए.
- दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके में कार एसेसरीज की दुकान
दुकानदार- ये बिल के साथ दोनों पड़ जाएगा आपको आइटम
रिपोर्टर- 18,200 रुपए का
दुकानदार- हां
रिपोर्टर- इसमें जीएसटी शामिल है
दुकानदार- हां
रिपोर्टर- ये कितने का लगाया आपने
दुकानदार- बिल के साथ 52,00…बिना बिल के लोगे तो 47,00 रुपए
- मेरठ में बाईपास रोड पर शादी ब्याह के लिए इस्तेमाल होने वाला पॉपुलर बैंक्वेट हॉल
रिपोर्टर- कितने तक हो सकता है
बैंक्वेट मैनेजर- वैसे तो आप सारा करा लो..मुझे कोई दिक्कत नहीं है…प्लस टैक्स लगेगा आपके ऊपर..जितना आप कहें…
रिपोर्टर- हां
बैंक्वेट मैनेजर- आप एक लाख कराओ… मैं एक लाख कर दूंगा…सवा लाख कहो, सवा लाख कर दूंगा…डेढ़ लाख कहोगे तो डेढ़ लाख कर दूंगा…मुझे कोई दिक्कत नहीं है..उतना टैक्स देना होगा
रिपोर्टर- वैसे जो आम तौर पर बुकिंग होती हैं उसमें कितना?
बैंक्वेट मैनेजर- उसमें तो वो 30-40 हजार की रसीद कटवाते हैं बस…कभी 30 की कराते हैं, कभी 40 की कराते हैं…यही होता है.
देश में इस तरह अलग-अलग जगहों पर एबीपी न्यूज ने पड़ताल की और ऐसी पड़ताल कोई पहली बार नहीं की है. देश के खजाने में सेंध लगाने वालों के बारे में सरकार को हमने पहले भी आगाह किया है.
24 अक्टूबर 2017 को हमने ऑपरेशन गब्बर सिंह दिखाया था, जिसमें सरकार को सचेत किया था कि देखिए प्रधानमंत्री जी, वित्त मंत्री जी, जीएसटी की चोरी किस तरह से हो रही है. लेकिन दो महीने 15 दिन के बाद भी तस्वीर बदली नहीं है. जिसका सबूत हमारी ये पड़ताल है.