Rahul Gandhi : विदेश में राहुल गांधी के 'भारत में लोकतंत्र खत्म' वाला बयान देना सही या गलत? जानें सर्वे के आंकड़े
Rahul Gandhi : राहुल गांधी के यूके में लोकतंत्र खत्म वाले बयान पर एबीपी न्यूज़ ने 10,000 लोगों के बीच सर्वे किया है. आप भी जानिए कि राहुल गांधी के इस बयान पर जनता का क्या कहना है.
Rahul Gandhi : एबीपी न्यूज़ ने देश का मूड जानने के लिए एक सर्वे कराया. जिसमें राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने और राहुल को मिली सजा पर एबीपी न्यूज़ के लिए Matrize ने सर्वे किया है. 30 से 25 मार्च के बीच किए गए इस सर्वे में 10000 लोगों की राय ली गई है. इसमें छह हजार पुरुष, जबकि चार हजार महिलाएं शामिल हैं. सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस हो सकता है.
एबीपी न्यूज के सर्वे में जनता से दूसरा सवाल किया गया कि राहुल ने कहा है कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो गया, उस पर आपकी क्या राय है? सर्वे के मुताबिक, 67% लोगों ने कहा कि विदेश में जाकर भारत के बारे में ऐसा कहना गलत है, वहीं 27% लोगों ने कहा कि बीजेपी राजनीति कर रही है. 6% लोगों ने कहा कि पता नहीं.
राहुल गांधी का क्या था बयान?
दरअसल, राहुल गांधी ने ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है. इसके साथ ही उन्होंने चीन को शांति पसंद देश बताया था. चीन पर दिए गए बयान को लेकर बीजेपी ने राहुल गांधी पर विदेशों में जाकर भारत का अपमान करने का आरोप लगाया था.
वहीं राहुल गांधी ने बीजेपी के पलटवार के बाद अपने दिए हुए इस बयान पर सफाई भी दी. राहुल गांधी ने कहा था उन्होंने (मोदी ने) कहा कि आजादी के 70 साल तक देश में कुछ नहीं हुआ. मुझे याद है कि उन्होंने कहा था कि हमने एक दशक ऐसे ही गंवा दिया है. भारत में अनलिमिटेड करप्शन था. यह सब उन्होंने विदेशों में कहा. राहुल ने आगे कहा जब वह कहते हैं कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ तो क्या यह भारतीयों का अपमान नहीं है. राहुल गांधी ने कहा कि मैंने कभी अपने देश का अपमान नहीं किया है मैं ऐसा कभी करूंगा भी नहीं.
सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. दरअसल, राहुल गांधी ने एक रैली में कहा था कि सारे मोदी चोर हैं. कोर्ट के फैसले के बाद सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द कर दी है. राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से सांसद थे. ऐसे में जनप्रतिनिधि अधिनियम 2015 और धारा 151ए के अनुसार रिक्त सीटों पर उपचुनाव सीट के खाली होने के 6 महीने के भीतर होना चाहिए.