वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन से चल रही तनातनी के बीच भारतीय वायुसेना दिन ही नहीं बल्कि रात में भी अपने ऑपरेशन्स कर रही है. एबीपी न्यूज की टीम वायु‌सेना के पूर्वी लद्दाख स्थित एक ऐसे ही फॉरवर्ड एयरबेस पर पहुंची जो दुनिया में सबसे उंचाई में से एक है. यहां पर रात के अंधेरे में मिग-29 फाइटर जेट, चिनूक, अपाचे, एएलएच-ध्रुव और मी-17वी5 हेलीकॉप्टर्स ऑपरेशन को अंजाम देते दिखाई दिए.


एबीपी न्यूज की टीम फॉरवर्ड एयरबेस पर पहुंची


दरअसल, मॉडर्न वॉरफेयर में अंधकार की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि रात के अंधेरे में फाइटर जेट्स हो या हेलीकॉप्टर बेहद खतरनाक हो जाते हैं. रात में दुश्मन को चकमा देकर हमला किया जा सकता है जिससे काफी सामरिक फायदा मिलता है.


एबीपी न्यूज की टीम जब फॉरवर्ड एयरबेस पर रात के अंधेरे में पहुंची तो चारों तरफ घना अंधेरा था. रनवे पर सिवाय छोटी लाइट्स के कुछ नहीं दिखाई पड़ रहा था. लेकिन इसी दौरान रात के अंधेरे को चीरती हुई एक गर्जना होती है. ये आवाज थी लड़ाकू विमान, मिग-29 (अपग्रेडेड) की. ये अकेला फाइटर जेट नहीं है जो रात के अंधेरे में ऑपरेट करता है.


मिग-29 के अलावा इस एयरबोस से सुखोई, रफाल, मिराज200 और एलएसी तेजस भी रात में कॉम्बेट एयर पेट्रोलिंग करते है‌ं. इ‌सके साथ इसी एयरबेस से हाल ही में अमेरिका से लाए गए चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर भी रात के ऑपरेशन्स करने में सक्षम हैं. रूस के पुराने मी17वी 5 हेलीकॉप्टर्स हो या स्वदेशी एएलएच-ध्रुव हेलीकॉप्टर्स सब नाइट फ्लाइंग कर सकते हैं.


फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर नाइट फ्लाइंग में सक्षम


आपको बता दें कि 1999 में करगिल युद्ध के दौरान भारत के पास एक भी ऐसा फाइटर जेट हेलीकॉप्टर नहीं था जो नाइट फ्लाइंग कर सके. सिर्फ मिराज फाइटर जेट्स ही उस वक्त थोड़ा बहुत नाइट फ्लाइंग कर सकता था. लेकिन आज 20 साल बाद परिस्थितियां बिल्कुल बदल चुकी हैं‌. अब भारतीय सेना का हर फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर नाइट ऑपरेशन्स करने में सक्षम है.