Lawrence Bishnoi Village: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला(Sidhu Moose Wala) की हत्या के मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई(Gangster Lawrence Bishnoi) इन दिनों काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं. हाल ही में उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल से पंजाब लाया गया है. जहां मंगलवार के दिन एक कोर्ट ने लॉरेंस बिश्नोई की पुलिस हिरासत(Police Custudy) को पांच दिन के लिए बढ़ा दिया है.


फिलहाल इन सब के बीच एबीपी न्यूज गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गांव दुतारांवाली में आ पहुंचा है. इसी गांव की गलियों में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का बचपन बीता है. इस गांव की जमीन पर खेलते हुए लॉरेंस बिश्नोई बड़ा हुआ, जहां किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनके गांव से निकलकर एक लड़का इतनी कम उम्र में जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह बन जाएगा.


गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का गांव पंजाब के फाजिल्का जिले में आता है. आज हम जानेंगे कि लॉरेंस बिश्नोई के गांव दुतारंवाली में रहने वाले उनके बारे क्या सोचते हैं और गांव में अभी क्या हालात हैं.वहीं जिस लॉरेन्स बिश्नोई को पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के मर्डर का मास्टरमाइंड माना जा रहा है, उसके बारे में क्या कहते हैं उसके गांव के लोग...


सवाल- सिद्धू मूसेवाला की हत्या बिश्नोई ने करवाई इसपर क्या कहना है?


ग्रामीण- हत्या को लेकर हम कुछ नहीं कह सकते हैं. उस बारे में जो मीडिया दिखा रही है वह हम देख रहे हैं. बाकी आप गांव के बारे में पूछेंगे तो बता देंगे कि क्या है क्या नहीं.


सवाल- लॉरेंस बिश्नोई को लेकर गांव में क्या माहौल है, आखरी बार वह गांव में कब आया था?


ग्रामीण- आखरी बार वह साल 2011 में गांव आया था. उस के बाद गांव में उसका कोई कांटेक्ट नहीं है. किसी ने उसको नहीं देखा. गांव में अच्छा रसूख था उनका, गांव में पढ़ता था खेलता था. क्रिकेट का शौकीन था और खेती भी करवाता था. 


सवाल- आप बता रहे हैं क्रिकेट में शौक था पढ़ाई करता था तो कैसे पढ़ने वाला लड़का गैंगस्टर बन गया?


ग्रामीण- छोटी-मोटी कॉलेज टाइम की लड़ाइयां जो कॉलेज टाइम के ग्रुप जैसे उन छोटी लड़ाइयों में शामिल होने के कारण और बाद में उन मामलों में पुलिस के आ जाने से वह आगे बढ़ता गया और आज इस परिस्थिति में आ गया कि हर जगह उसका नाम आने लगा और वैसे वह ऐसा लड़का नहीं है. गांव में क्रिकेट खेलता था, नशे के बिलकुल खिलाफ था. मुहिम चलाता था, सिस्टम से रहता था. गांव में जैसे नॉर्मल लड़के रहते हैं वैसे रहता था. गांव में उनका किसी से कोई झगड़ा नहीं है. 


सवाल- लॉरेंस बिश्नोई को लेकर बहुत सारी कहानियां सामने आ रही है कि उसको लेकर गांव में खौफ का माहौल है तो क्या पूरा गांव डरा हुआ है अभी


ग्रामीण- गांव क्यों डरा होगा, उन्होंने कभी गांव में किसी को कुछ कहा ही नहीं है. गांव में अच्छे रसूखदार हैं. जैसा कि टीवी में दिखा रहे हैं उनके पिताजी पुलिस कांस्टेबल थे ऐसी कोई बात नहीं है. सौ किले जमीन और पुश्तैनी प्रॉपर्टी उनके पास है. बड़े रसूखदार घर से हैं. गांव में गरीब की हर किसी की मदद भी करते हैं.


सवाल- इस वक्त जो गांव में घर है वहां पर कोई नहीं है?


ग्रामीण- वहां पर पुलिस का पहरा है, पुलिस आती-जाती रहती है और उनके परिवार का कोई भी मेंबर यहां पर नहीं है.


सवाल- आखरी बार कब मुलाकात हुई थी आपकी और जब मुलाकात हुई थी तो क्या बात हुई थी क्या कहता था वह क्या करना?


ग्रामीण- ऐसे कोई ख्वाब नहीं थे उसके, वह नॉर्मल लड़का था. चंडीगढ़ पढ़ता था और गांव में आता था. सबके साथ क्रिकेट खेलने का शौक था उसे, घूमने चले जाते थे. ऐसी कोई बात नहीं थी गैंगस्टर वाली या लड़ाई झगड़े वाली खेल में एक अच्छी रूचि थी उसकी.


सवाल- जैसा कि पुलिस की चार्जशीट की बात करें तो 50 से ज्यादा मुकदमे लॉरेंस बिश्नोई पर है तो क्या हर राज्य की पुलिस गांव में आती है?


ग्रामीण- पुलिस के चक्कर तो आते रहते हैं. कभी किसी राज्य से आ जाती है तो कभी किसी राज्य से आ जाती है. उनके घर पर कोई मिलता नहीं है. वैसे पुलिस तो आती-जाती रहती है. कभी पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से पुलिस के चक्कर तो लगते रहते हैं.


सवाल- कभी क्या आप लोगों ने उम्मीद की थी एक लड़का जो क्रिकेट खेलता है, इतना स्मार्ट दिखता है, वह इतना बड़ा गैंगस्टर बन जाएगा?


ग्रामीण- उसकी गैंगस्टर बनने की ऐसी कोई बात ही नहीं थी और ऐसी कोई सोच ही नहीं थी. आपको मैंने पहले भी बताया वह शौक रखता था. घोड़ियों का शौक था उसे, गांव में घोड़ी पर घूमता था. उसके पास गाड़ी थी, जो लोग जीप अभी रखते हैं. वो 10 साल पहले रखता था. उसे जीप का शौक था. अच्छे नवाबी शौक वाला लड़का था ऐसी कोई बात नहीं थी कि गैंगस्टर बनना है या यह करना है. खेलकूद में अच्छा था.


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