काठमांडू/दिल्ली: नोटबंदी को लेकर एबीपी न्यूज़ ने बड़ा खुलासा किया है. आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी के एलान के बाद भारत में चलन से बाहर हो चुके 500 और 1000 के नोट नेपाल में बदले जा रहे है. एबीपी न्यूज की पड़ताल में निकला है दलाल सिर्फ दस प्रतिशत पैसा ही वापस कर रहे हैं. यानी हजार रुपये देंगे तो 100 रुपए बदले में मिलेंगे. इसके लिए बैकों के दलालों से मिलना होगा.


जितना अमाउंड देंगे उसका सिर्फ 10 फीसदी वापस होगा


एबीपी न्यूज को एक शख्स मिला जिसने दावा किया कि काठमांडू का एक शख्स नोटों को बदल रहा है, लेकिन नोटों को नेपाल के बहरवा तक पहुंचना है. जिसके बाद पुरानी करेंसी देने पर नये नोट दे दिये जाएंगे. उसका कहना था कि अमाउंट ज्यादा होना चाहिए. जितना ज्यादा अमाउंट होगा उतना ज्यादा परसेंटेज मिलेगा. जितना अमाउंट देंगे उसका सिर्फ 10 फीसदी वापस होगा.


पाल सेंट्रल बैक में जमा है 950 करोड़


नेपाल को लगता है कि नेपाल सेंट्रल बैक में जमा 950 करोड़ को एक्सचेंस करने में भारत सहमति दे देगा और इस बाबत आज पहुंचे नेपाल के पीएम प्रदानमंत्री मोदी से बात करेगें. ये कहकर ओली दिल्ली पहुंचे है.


8 नवंबर 2016 की आधी रात से क्या बदला था?


ध्यान रहे कि कालेधन पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 की आधी रात से 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने का एलान किया था. पुराने नोटों को बैंकों में जमा करने की अनुमति दी गई थी और असाधारण जमा आयकर विभाग की जांच के दायरे में आ गयी थी.


सरकार ने नोटबंदी के पीछे की सबसे बड़ी वजह भारतीय अर्थव्यवस्था को लेस-कैश करना बतायी और काले-धन पर रोकथाम लगाने वाला कदम बताया. नोटबंदी के बाद सरकार का मकसद लोगों को डिजिटल पेमेंट के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रेरित करना था. नतीजतन, देश में ई-वॉलेट और कार्ड पेमेंट के इस्तेमाल में भारी इजाफा हुआ. आज भारत में कुल ट्रांजेक्सशन का 5% ट्रांजेक्शन कैशलेस होता है.