Operation RG Kar: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में 8 अगस्त को हुए जूनियर डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर के मामले में देश में उबाल है, जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. आक्रोश की चिंगारी को शोला बना देने वाले इस कांड को लेकर एबीपी न्यूज ने ऑपरेशन किया... ऑपरेशन आरजी कर. इस कांड की कड़ी से कड़ी जोड़ने में इस ऑपरेशन के अहम 8 किरदार मदद करेंगे और हर साजिश का पर्दाफाश होगा.


पहला किरदार


इन किरदारों में सबसे पहला नाम आता है डॉक्टर का. ये वही डॉक्टर हैं जो जूनियर डॉक्टर का पोस्टमार्टम करने वाली टीम में शामिल थीं. वो कहती हैं कि क्राइम सीन को बिगाड़ने का काम किया गया. ऐसे बहुत से लोग क्राइम सीन पर पहुंच गए थे जिन्हें वहां नहीं होना चाहिए था. डॉक्टर ने यहां तक दावा किया कि जो लोग क्राइम सीन पर पहुंचे थे उसमें प्रिंसिपल संदीप घोष के लोग भी शामिल थे.


दूसरा किरदार


एबीपी न्यूज के कैमरे में डॉक्टर संदीप घोष का राइट हैंड कहा जाने वाला शख्स देबाशीष सोम भी कैद हुआ. ये इस ऑपरेशन का दूसरा किरदार है. देबाशीष संदीप घोष का सलाहकार है. वारदात वाले दिन संदीप घोष ने देबाशीष के फोन से कई लोगों को फोन भी किए थे. देबाशीष ने खुलासा किया कि उस दिन घोष से 4 बार बात हुई. देबाशीष को लेकर डॉक्टर ने कहा कि जो संदीप बोलते हैं देबाशीष वही करता है.


तीसरा किरदार


इस ऑपरेशन के तीसरे किरदार हैं फॉरेंसिक एक्सपर्ट हैं. ये 2023 तक आरजी कर मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक एक्सपर्ट थे बाद में उनका ट्रांसफर बांकुरा मेडिकल कॉलेज कर दिया गया. उन्होंने दावा किया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक नेटवर्क चलता है जिसमें पॉलिटिकल हैंड है. वहां पर भ्रष्टाचार तो हो रहा है. उन्होंने ये भी दावा किया कि संदीप घोष पोस्टमार्टम के लिए जो डेडबॉडी आती थीं उनकी वर्कशॉप करते थे.


चौथा किरदार


चौथे किरदार का नाम है डॉक्टर अख्तर अली. ये पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डिप्टी सुप्रिटेंडेट थे लेकिन अब मुर्शिदाबाद में तैनात हैं. उन्होंने दावा किया है कि संदीप घोष एक भ्रष्ट इंसान हैं. उन्होंने इस केस से पहले भी संदीप घोष पर कई आरोप लगाए हैं. उन्होंने तो ये भी दावा किया कि वो डेडबॉडी बेचने का भी काम करते थे. वो स्वास्थ्य मंत्रालय से 15 शिकायतें कर चुके हैं.


पांचवा किरदार


पांचवे किरदार का नाम है डॉक्टर शुभांकर. ये आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व छात्र थे. उनका कहना है कि संदीप घोष प्रिंसिपल बनने के बाद बहुत ज्यादा करप्शन कर रहे थे. उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि अगर किसी को एग्जाम नहीं देना है तो उनका आदमी आकर एग्जाम देता था. इनके खिलाफ 2021 में एक बड़ा आंदोलन भी हुआ था.


छठा किरदार


इस कहानी में छठा किरदार एक मेडिकल छात्र है जिसकी पहचान उजागर नहीं की क्योंकि वो अभी एक स्टूडेंट हैं. इस छात्र ने बताया कि जब कोई नया बैच आता था तो उसके ऊपर कंट्रोल करने का काम किया जाता था, जिसका एक प्रोसेस होता था. ट्रेनिंग दी जाती थी कि क्या करना है, रैगिंग कैसे करनी है, उसका इंट्रो कैसे लेना है.


सातवां किरदार


ये किरदार भी एक स्टूडेंट ही है. उसने भी दावा किया कि मेंटल प्रेशर बनाकर रखा जाता है. जो हॉस्टल में रहते हैं उसके ऊपर तो ज्यादा ही रहता है. इस छात्र का कहना है कि ये एकेडमिक टेरर है. प्रिंसिपल की लॉबी है और लोग उसके लिए काम करते हैं. इतना ही नहीं छात्र ने टीएमसी की यूनिट का भी नाम लिया जो प्रिंसिपल के साथ शामिल है.


आठवां किरदार


आठवां किरदार भी एक छात्र है जिसने डरते हुए स्वीकार किया कि जो प्रिंसिपल के बनाए नेटवर्क का साथ नहीं देता था उसको सजा मिलती थी. इस स्टूडेंट ने दावा किया कि सेंकेंड ईयर में उसे भी फेल कर दिया गया था.


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