ABP News C-Voter Opinion Poll: दिल्ली में फिर आम आदमी पार्टी की बन सकती है सरकार-सर्वे

ABP Opinion Poll Delhi: दिल्ली का दंगल कौन जीतेगा इसे जानने के लिए एबीपी न्यूज के लिए सी-वोटर ने जो सर्वे कराया है उसमें एक बार फिर से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती दिख रही है.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 05 Feb 2020 07:29 PM


इस तरह वोट शेयर और सीटों के अनुमान के आधार पर बात करें तो साफ है कि दिल्ली की सत्ता में आम आदमी पार्टी फिर से काबिज होती दिख रही है. बीजेपी को पिछले चुनाव के मुकाबले फायदा है लेकिन उसे दूसरे स्थान पर संतोष करना होगा. वहीं कांग्रेस सत्ता की रेस में बेहद पिछड़ती नजर आ रही है.
दिल्ली की विधानसभा के लिए वोट शेयर की बात करें तो सर्वे के मुताबिक दिल्ली में आम आदमी पार्टी को 45.6 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है और बीजपी को 37.1 फीसदी वोट शेयर हासिल हो सकता है तो वहीं कांग्रेस के खाते में 4.4 फीसदी वोट शेयर जाने का अनुमान है.


दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों का हाल देखें तो एबीपी ओपिनियन पोल के मुताबिक, सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को कम से कम 42 और अधिक से अधिक 56 सीट मिल सकती है. बीजेपी को कम से कम 10 और अधिक से अधिक 24 सीट पर जीत हासिल हो सकती है. वहीं कांग्रेस को 0 से लेकर 4 सीट पर संतोष करना पड़ सकता है.
साउथ दिल्ली यानी दक्षिणी दिल्ली के वोट शेयर को देखें तो आम आदमी पार्टी को 46 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है और बीजेपी को 38.1 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है. कांग्रेस को 3.5 फीसदी वोट शेयर तो अन्य को 12.4 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है.

साउथ दिल्ली (दक्षिणी दिल्ली) लोकसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी को जबरदस्त सफलता मिल सकती है और ये सात से नौ सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है. वहीं इस क्षेत्र में बीजेपी को शून्य से दो सीटें मिल सकती है. वहीं कांग्रेस अधिकतम एक सीट पर जीत दर्ज कर सकती है.
नॉर्थ वेस्ट (उत्तर पश्चिम) दिल्ली में वोट शेयर की बात करें तो आम आदमी पार्टी को 48.2 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है और बीजेपी को 32.9 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है. इसके अलावा कांग्रेस को 5.5 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है. वहीं अन्य के खाते में 13.5 फीसदी वोट शेयर जा सकता है.

नॉर्थ वेस्ट (उत्तर पश्चिम) दिल्ली में आदमी पार्टी सात से नौ सीटें जीत सकती हैं. वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी को यहां एक से तीन सीटों पर जीत हासिल हो सकती है. कांग्रेस का इस उत्तर पश्चिम में खाता खुलना मुश्किल दिखाई दे रहा है और उसे एक भी सीट पर जीत हासिल होती नहीं दिख रही है.

नॉर्थ ईस्ट (उत्तर पूर्वी) दिल्ली में वोट शेयर की बात करें तो आप को 46 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है और बीजेपी को 36.8 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है. इसके अलावा कांग्रेस के पास 3.7 फीसदी का वोट शेयर जा सकता है और अन्य के पास 13.5 फीसदी वोट शेयर जा सकता है.


सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक नॉर्थ ईस्ट (उत्तर पूर्वी) दिल्ली में बीजेपी आगे रह सकती है. एबीपी न्यूज़ ओपिनियन पोल के मुताबिक, इस रीजन में बीजेपी चार से छह सीटें जीत सकती है. आम आदमी पार्टी को तीन से पांच सीटें मिल सकती है. वहीं कांग्रेस को अधिकतम एक सीट हासिल हो सकती है.
नई दिल्ली संसदीय लोकसभा क्षेत्र की 10 सीटों के वोट शेयर की बात करें तो आप को 45.2 फीसदी वोट शेयर, बीजेपी को 38 फीसदी वोट शेयर, कांग्रेस को 5 फीसदी वोट शेयर और अन्य को 11.8 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है.
नई दिल्ली लोकसभा संसदीय क्षेत्र में भी 10 सीटें आती हैं और नई दिल्ली लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी को 7 से 9 सीट, बीजेपी को एक से तीन सीट मिल सकती है. कांग्रेस का यहां खाता भी नहीं खुलता दिख रहा है.
पूर्वी दिल्ली (ईस्ट दिल्ली) लोकसभा संसदीय क्षेत्र में वोट शेयर की बात करें तो आम आदमी पार्टी को 43.1 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है और बीजेपी को 39.5 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है. इसके अलावा कांग्रेस के खाते में 4.4 फीसदी वोट शेयर जा सकता है. इसके अलावा अन्य को 13.1 फीसदी का वोट शेयर मिल सकता है और ये काफी महत्वपूर्ण हो सकता है.

पूर्वी दिल्ली (ईस्ट दिल्ली) लोकसभा संसदीय क्षेत्र की बात करें तो यहां भी 10 सीटें हैं और यहां आप को 6-8 सीटें जीत सकती हैं और बीजेपी को इस रीजन में एक से तीन सीटों पर जीत हासिल हो सकती है तो कांग्रेस को अधिकतम एक सीट हासिल हो सकती है.
वहीं वोट शेयर की बात करें तो चांदनी चौक लोकसभा रीजन में आम आदमी पार्टी को 46.9 फीसदी वोट शेयर मिलता दिख रहा है और बीजेपी को 37.4 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है. कांग्रेस को 5.1 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है और अन्य के खाते में 10.6 फीसदी वोट शेयर जा सकता है.

ओपिनियन पोल में अब 7 लोकसभा संसदीय क्षेत्रों के आधार पर लोगों की राय पेश की जा रही है. चांदनी चौक लोकसभा रीजन में विधानसभा की 10 सीटें हैं. सर्वे की मानें तो यहां आम आदमी पार्टी छह से आठ सीटें जीत सकती है. वहीं बीजेपी का आंकड़ा एक से तीन सीट के बीच रह सकता है. कांग्रेस अधिकतम एक सीट जीत सकती है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के चुनावी कैंपेन से बीजेपी को फायदा हो रहा है या नहीं तो इस सवाल के जवाब में 53 फीसदी लोगों ने माना कि हां बीजेपी को फायदा हो रहा है. वहीं 29 फीसदी लोगों ने माना कि इससे फायदा नहीं हो रहा है. 11 फीसदी लोगों ने इसका जवाब पता नहीं कहकर दिया.
जब लोगों से पूछा गया कि पीएम मोदी की रैली से बीजेपी को फायदा हुआ है तो इसके जवाब में 61 फीसदी लोगों ने हां कहा, 29 फीसदी लोगों ने नहीं में जवाब दिया और 10 फीसदी लोगों ने पता नहीं में जवाब दिया.
केंद्रीय गृह मंत्री के चुनावी कैंपेन से बीजेपी को फायदा हो रहा है या नहीं तो इस सवाल के जवाब में 53 फीसदी लोगों ने माना कि हां बीजेपी को फायदा हो रहा है. वहीं 29 फीसदी लोगों ने माना कि इससे फायदा नहीं हो रहा है. 11 फीसदी लोगों ने इसका जवाब पती नहीं कहकर दिया.
क्या केजरीवाल पर निजी हमलों से बीजेपी को नुक्सान होगा? इस सवाल के जवाब में 48 फीसदी लोगों ने कहा कि इससे बीजेपी को नुकसान होगा और 24 फीसदी लोगों ने कहा कि बीजेपी को नुकसान नहीं होगा. 4 फीसदी लोगों ने कहा कि कह नहीं सकते.
क्या अरविंद केजरीवाल को आप दिल्ली से बाहरी मानते हैं इस सवाल के जवाब में 21 फीसदी लोगों ने कहा कि हां वो उन्हें बाहरी मानते हैं लेकिन 72 फीसदी लोगों ने कहा कि वो केजरीवाल को बाहरी नहीं मानते हैं. वहीं 7 फीसदी लोगों ने कहा कि इस बारे में कह नहीं सकते.
बीजेपी को इस मुद्दे से फायदा हो रहा है इसके पक्ष में 39 फीसदी लोगों ने हां कहा. 25 फीसदी लोगों ने माना कि शाहीन बाग के मुद्दे से आम आदमी पार्टी को फायदा हो रहा है. शाहीन बाग के मुद्दे से कांग्रेस को फायदा हो रहा है ये 4 फीसदी लोगों ने कहा.

शाहीन बाग का मुद्दा राजनीतिक मोहरा बन गया है या नहीं जब इसके लिए लोगों से बात की गई तो 83 फीसदी लोगों ने कहा कि हां, 9 फीसदी लोगों ने कहा कि ये मुद्दा राजनीतिक मोहरा नहीं बना है. वहीं 8 फीसदी लोगों ने कहा कि पता नहीं.

एबीपी न्यूज के सर्वे में शाहीन बाग का धरना सही है या गलत इसके लिए जब लोगों से बात की गई तो 27 फीसदी लोगों ने इसे सही बताया और 62 फीसदी लोगों ने इसको गलत बताया है. इसके अलावा 11 फीसदी लोगों ने कहा है कि उन्हें इसके बारे में पता नहीं है.
इस सर्वे के तहत दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर लोगों से बात की गई है और इसके लिए 11 हजार से ज्यादा लोगों की राय ली गई है.
दिल्ली की जनता 8 फरवरी को अपनी नई सरकार चुनने के लिए वोट करेगी. कल दिल्ली चुनाव के लिए प्रचार थम जाएगा.

बैकग्राउंड

Delhi Election: दिल्ली का दंगल अपने चरम पर पहुंचता दिख रहा है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार कल थम जाएगा और इसके बाद 8 फरवरी को होने वाली वोटिंग के लिए दिल्ली की जनता तैयार है. देश की राजधानी दिल्ली के लोग 8 फरवरी को अपना मतदान देकर दिल्ली की नई सरकार का रास्ता साफ करेंगे.


 


साल 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटों पर जीत हासिल हुई थी और इस बंपर जीत के साथ आप ने दिल्ली में सरकार बनाई थी. बीजेपी को 3 सीटों पर जीत मिली थी और कांग्रेस पार्टी का खाता नहीं खुला था. इस बार के ओपिनियन पोल में क्या तस्वीर बनती दिख रही है, अब से थोड़ी देर बाद पता चल जाएगा.


 


सैंपल साइज
एबीपी न्यूज़ ने सी-वोटर के साथ मिलकर ये सर्वे किया है और इसके लिए 26 जनवरी 2020 से लेकर 4 फरवरी 2020 तक के दौरान लोगों से बात की गई है. इस सर्वे के लिए 11,188 लोगों से बात करके उनकी राय जानी गई है. सर्वे के तहत दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लोगों से बात की गई है.

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