पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई के महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कराए गए abp सी-वोटर्स के ओपिनियन पोल के दौरान लोगों से कई दिलचस्प सवाल चुनाव को लेकर पूछे गए हैं. इन सवालों में मोदी सरकार की लोकप्रियता और केन्द्र सरकार के कामकाज के साथ ममता बनर्जी की लोकप्रियता और बंगाल सरकार के कामकाज से तुलना की गई है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इस बार राज्य में किसकी सरकार बन सकती है? और किसकी लोकप्रियता किस पर भारी पड़ सकती है?


केन्द्र सरकार से कितना खुश


ओपिनियन पोल के मुताबिक, केन्द्र सरकार के कामकाज से पश्चिम बंगाल की जनता 33 फीसदी बहुत संतुष्ट हैं जबकि 38 फीसदी संतुष्ट है. हालांकि, ऐसे 27 फीसदी लोग हैं जिन्होंने केन्द्र सरकार के कामकाज को लेकर असंतुष्टि जाहिर किया है.


मोदी से 74 फीसदी खुश


केन्द्र सरकार की तुलना में बंगाल में पीएम मोदी से लोग ज्यादा खुश नजर आ रहे हैं.  वहां की 37 फीसदी जनता मोदी से बहुत संतुष्ट और 37 फीसदी संतुष्ट नजर आए. यानि, राज्य के 74 फीसदी लोग मोदी से संतुष्ट है. जबकि मोदी से असंतुष्ट रहने वालों की संख्या 24 फीसदी है.


बंगाल सरकार से कितना असंतुष्ट


ओपिनियन पोल से यह पता चल रहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार के कामकाज से वहां की जनता बहुत खुश नहीं है. चुनाव से पहले ये खबर टीएमसी के लिए चिंता पैदा करने वाली है. बंगाल सरकार के कामकाज को 16 फीसदी बहुत संतुष्ट बताया है जबकि 22 फीसदी लोगों ने संतुष्ट कहा है तो वहीं 49 फीसदी बंगाल सरकार के कामकाज से असंतुष्ट है.


दीदी से जनता बहुत संतुष्ट   


 उधर, पश्चिम बंगाल की 43 फीसदी जनता ने दीदी के कामकाज को बहुत संतुष्ट करार दिया है जबकि 32 फीसदी लोगों ने संतुष्ट बताया है. यानी, कुल 75 फीसदी बंगाल के लोगों ने ममता बनर्जी के कामकाज से संतुष्ट करार दिया है. तो वहीं, 22 फीसदी लोगों ने दीदी के कामकाज को असंतुष्ट करार दिया  है. जाहिर है, पश्चिम बंगाल में मोदी और दीदी दोनों को व्यक्तिगत तौर पर लोग उनकी सरकार के कामकाज की तुलना में ज्यादा पसंद कर रहे हैं.


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