शिखर सम्मेलन 2019: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद एक वर्ग पाकिस्तान के साथ युद्ध की वकालत कर रहा है. इस फेहरिस्त में योगगुरु रामदेव भी शामिल हैं. एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम शिखर सम्मेलन में रामदेव ने कहा कि युद्ध के अलावा कोई रास्ता नहीं है, जवाब नहीं दिया तो भारत लाचार दिखेगा. बिना क्रांति के शांति नहीं आती है


उन्होंने कहा, ''भारत ऐसा देश बने जहां पाकिस्तान आंख उठाकर भी ना देख पाए. हाफिज सईद और अजहर मसूद को दफ्न करना छोटा सा काम है. आने वाले 10-20 दिनों में हाफिज सईद और अजहर मसूद को 72 हूरों वाली जन्नत में पहुंचा देना चाहिए. युद्ध के अलावा कोई रास्ता नहीं, जवाब नहीं दिया तो भारत लाचार दिखेगा. बिना क्रांति के शांति नहीं आती है.''


रामदेव ने कहा, ''जब अस्तित्व का संकट आ जाए तब युद्ध के अलावा और कोई रास्ता नहीं है. अगर सरदार पटेल को प्रधानमंत्री बनाया होता तो ये कश्मीर की समस्या ही नहीं होती.''


उन्होंने कहा, ''मोदी को पराक्रम दिखाना होगा, एक्शन होना चाहिए इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है. 10-20 दिन में बड़ा एक्शन होने वाला है. पाकिस्तान का प्रधानमंत्री इमरान खान सेना की कठपुतली है. पाकिस्तान के साथ साथ अब चीन को भी सबक सिखाने की जरूरत है, इसके लिए चीन बने उत्पादों का बहिष्कार करना होगा. सत्ता में बैठे लोग तब तक बड़ा कदम नहीं उठाते जब तक इनके सामने मजबूरी नहीं होती.''


अनुच्छेद 370
योगगुरु रामदेव ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना चाहिए. एक देश और एक विधान हो. जम्मू-कश्मीर के छात्र कहीं भी पढ़ सकते हैं, चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन देश के बच्चे कश्मीर में चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. पूरा देश को साथ आना चाहिए.


इमरान खान
रामदेव से जब पूछा गया कि क्या आप योग सिखाने कभी पाकिस्तान जाएंगे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान की आम जनता से हमारा कोई बैर नहीं है, हमारा बैर आतंकियों से है, सेना के दुष्ट आकाओं से है. हमारा बैर इमरान खान जैसे हिजड़े लोगों से है.''


शिखर सम्मेलन 2019: जानें- अनुच्छेद 370, राम मंदिर, प्रियंका गांधी और पाकिस्तान पर क्या बोले अमित शाह


राम मंदिर
रामदेव ने राम मंदिर के मुद्दे पर कहा कि राम हमारे सांसों में हैं. दुर्भाग्य है कि राम आज टैंट में हैं. उन्होंने कहा, ''राम वोटबैंक नहीं हैं, वो राष्ट्र के पूर्वज हैं. राम मंदिर के साथ साथ राम और सीता जैसा चरित्र भी बनना चाहिए. रामलला टेंट में हैं ये हमारा दुर्भाग्य है, ये हमें शर्मसार करने वाला है. ये राम का अपमान है. हमने महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाए. राम मेरे अराध्य हैं. बीजेपी को राम मंदिर पर अपना वादा निभाना चाहिए.''


'मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थे'
रामदेव ने कहा, ''मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थे, 1400 साल पहले दुनिया में इस्लाम था ही नहीं. हम मजहब बदल सकते हैं, पूर्वज नहीं. असदुद्दीन ओवैसी अपनी राजनीति चमका रहे हैं, मैंने ये बात देवबंद में कही तो मौलानाओं ने ताली बजाई थी.''


कालाधन
2014 से पहले कालाधन को लेकर आंदोलन करने और उसके बाद चुप्पी पर रामदेव ने कहा, ''आंतरिक अर्थव्यवस्था में जो कालाधन है उसके लिए मोदी सरकार ने कदम उठाए. विदेश से कालाधन लाने के लिए जो प्रर्यत्न किया जाना चाहिए वह नहीं हुआ. पूरी दुनिया में कालाधन से गलत काम शुरू हुआ, आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है.''


पेट्रोल
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी की मांग कर चुके रामदेव ने कहा कि आज भी पेट्रोल 35 रुपये प्रति लीटर मिल सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस ओर मोदी सरकार ने कदम उठाए लेकिन हालत पस्त हो गई.


योग और राजनीति
रामदेव ने कहा, ''जो भी तनाव मुक्त राजनीति करना चाहते हैं वह योग करें. नेहरू और इंदिरा भी योग करते थे. इसलिए मैंने कहा कि जो भी (राहुल गांधी) राजनीति करना चाहते हैं वह योग करें. नहीं तो मोदी जैसे विराट व्यक्तित्व से मुकाबले में वो डिप्रेशन में आ जाएंगे.''


योगगुरु रामदेव ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों में अच्छे-अच्छे लोग हैं. लेकिन मोदी जैसा विराट व्यक्तित्व नहीं है जो 18-18 घंटे तक काम करता है. हम चेहरा को नहीं, चरित्र को अहम मानते हैं.


नशा मुक्ति अभियान
रामदेव ने कहा, ''हम अपने भगवान को ही बदनाम करते हैं. किसी शास्त्र में नहीं लिखा है कि शिव नशा करते थे. कृष्ण रासलीला करते थे. किसी शास्त्र में नहीं लिखा है कि दलितों के साथ अत्याचार किया. ये झूठ थोपे गए और हमने मान लिया. भगवान राम, शिव, कृष्ण कोई भी नशा नहीं करते थे. हमने चिलम मुक्ति अभियान प्रयागराज में चलाए.''


भारत रत्न
भारत रत्न दिये जाने को लेकर उठे विवादों पर योगगुरु रामदेव ने कहा कि हमारा सिर्फ इतना कहना है कि ऋषि मुनि को भी भारत रत्न मिले. भगत सिंह और नेता जी सुभाष चंद्र बोस को भारत रत्न क्यों नहीं मिला.


दो बच्चा अभियान
रामदेव ने कहा कि लोग दो से ज्यादा बच्चे पैदा ना करें, दो से ज्यादा बच्चे वालों के चुनाव लड़ने पर रोक लगे और उन्हें सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जाए. ज्यादा बच्चे पैदा करना कोई बहादुरी का काम नहीं है.