ABP न्यूज से बोले अमित शाह- ‘नागरिकता कानून का विरोध राजनीतिक, जागे हुओं को जगाना मुश्किल’
दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि हालात देखकर सीएम चेहरे का एलान किया जाएगा. दिल्ली में हमारी तैयारी अच्छी है. केजरीवाल सरकार ने अपने वायदे पूरे नहीं किए हैं. बिहार में नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे.
नई दिल्ली: नए साल के आगाज के साथ ही देश के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ABP न्यूज़ को अपना पहला इंटरव्यू दिया. इस इंटरव्यू में उन्होंने महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड विधानसभा चुनाव, नागरिकता संशोधन कानून, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) जैसे सभी अहम मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की.
बातचीत की शुरुआत में अमित शाह ने कहा साल 2019 बहुत अच्छा रहा. देश की जनता ने 303 सीटें देकर एक बार फिर केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनाई. महाराष्ट्र चुनाव नतीजों पर उन्होंने कहा कि नतीजे हमारे खिलाफ नहीं आए. नतीजे हमारे पक्ष में आए. वहीं पश्चिम बंगाल को लेकर उन्होंने कहा कि दो तिहाई सीटें जीतेंगे. वहां बीजेपी की सरकार सुनिश्चित है.
झारखंड के नतीजे आत्मचिंतन का विषय
वहीं झारखंड चुनाव नतीजों पर उन्होंने कहा कि वहां हम जरूर हार गए. ये आत्मचिंतन का विषय है. सरयू राय से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी एक फैसले से पार्टी को चिन्हित नहीं कर सकते. हरियाणा में सरकार बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि अगर हम सरकार नहीं बनाते तो हमसे कम सीटें मिलने वाली पार्टी सरकार बनाती. ये राज्य के लोगों के लिए सही नहीं होता. हरियाणा का जनादेश हमारे खिलाफ नहीं था. हरियाणा में हम सबसे बड़ी पार्टी थे.
बिहार में नीतीश कुमार हमारा चेहरा होंगे
दिल्ली में होने वाले चुनाव में पार्टी के चेहरे पर उन्होंने कहा कि इसपर पार्टी निर्णय करेगी. ऐसे फैसले पार्टी का पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करता है. दिल्ली में हालात देखकर चेहरा दिया जाएगा. हमारी तैयारी अच्छी है. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे. हमारे मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश कुमार होंगे. क्या बिहार में बराबर-बराबर सीटों पर लड़ेंगे इसपर उन्होंने कहा कि जब तय हो जाएगा तब ये मीडिया को बता दिया जाएगा.
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी
सीएए पर उन्होंने कहा कि ये किसी की नागरिकता नहीं ले सकता. ये नागरिकता देने का प्रावधान है. सीएए को लेकर गलतफहमी फैलाई गई. सीएए और एनआरसी को जोड़कर देखे जाने पर उन्होंने कहा कि ये दो अलग-अलग विषय हैं. एक्ट में किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है. सीएए पर उन्होंने कहा कि इसमें संविधान के आर्टिकल 14 (ए) का उल्लंघन नहीं होता है. धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा रही है. शरणार्थी हमारे भाई हैं, उन्हें सम्मान देंगे. उन्होंने कहा कि प्रताड़ित मुसलमानों को भी नागरिकता दी गई है. एनआरसी पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है. जब लाएंगे तब चर्चा होगी.
राहुल गांधी-प्रियंका गांधी साबित कर दें कि CAA से नागरिकता जाएगी
इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को चुनौती दी कि वो एक प्रोविजन बता दें जिससे नागरिकता जा रही हो. सीएए और एनआरसी को जोड़ना ही गुमराह करना है. कानून पढ़े बिना अफवाह फैला रहे हैं. कांग्रेस के आरोप पर गृहमंत्री ने सवाल पूछा कि जहां कांग्रेस की सरकार है वहां हिंसा क्यों नहीं हुई? जनता समझ रही है कि हिंसा कौन करवा रहा है.
एनपीआर
जनगणना हर 10 साल में होनी है. पिछली बार 2011 में हुई थी अब ये 2021 में होनी है. जनगणना और एनपीआर में कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा. एनपीआर में किसी को टारगेट नहीं किया जा रहा है. जनगणना और एनपीआर से एनआरसी का कोई संबंध नहीं है. देश के अल्पसंख्यकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. देश में हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक प्रोटेस्ट ज्यादा है. इसमें कुछ आम लोग भी हैं जिन्हें गुमराह किया गया है. उन्हें इससे धीरे-धीरे बाहर निकाला जा रहा है.
कश्मीर पर
अमित शाह ने कहा कि जहां तक कश्मीर में तीनों नेताओं को छोड़ने की बात है वो ये वहां के प्रशासन पर निर्भर करता है. जब वहां का प्रशासन मंजूरी देगा तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा. कुछ समय के लिए इन नेताओं को हिरासत में रखने का फैसला हुआ है और इसके पीछे उनके कुछ ऐसे बयान हैं जो कि काफी खतरनाक हैं. 'अगर 370 हटा तो कश्मीर में आग लग जाएगी. पाकिस्तान को मौका मिल जाएगा' इस तरह के बयान उन लोगों ने दिए हैं और इस तरह के बयानों के चलते ही उनके खिलाफ ये कार्रवाई हुई है.
राम मंदिर पर
राम मंदिर पर उन्होंने कहा कि 9 फरवरी से पहले तक राम मंदिर ट्रस्ट का एलान हो जाएगा. ट्रस्ट ये तय करेगा कि राम मंदिर कैसा होगा. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि वहां एक भव्य राम मंदिर बनना चाहिए. ये हमारी चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा था.