केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि तुष्टिकरण के खिलाफ आक्रोश का नारा है जय श्रीराम. उन्होंने कहा कि जय श्रीराम के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. गृह मंत्री ने गुरुवार को एबीपी न्यूज शिखर सम्मेलन के दौरान बताया कि कि जय श्रीराम का मुद्दा ममता बनर्जी की गलतियों के कारण बना है. उन्होंने कहा कि वे वोटरों को हिन्दू-मुसलमान के लिहाज से नहीं देखते हैं.


केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा, ''मैं बंगाल की जनता और देश की जनता को कहना चाहता हूं कि कोई भी नारा पार्टी दे देते ये नारा नहीं बनता है. जब नारा जनता के दिलों को छू जाता है तभी ये नारा बनता है. जय श्री राम कोई धार्मिक नारा नहीं है. जय श्री राम का नारा तुष्टिकरण की राजनीति होती थी उसके खिलाफ आक्रोश का नारा है.''


अमित शाह ने सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में लगाए गए जय श्री राम के नारे का जिक्र करते हुए कहा कि टीएमसी को इससे क्या परेशानी है? डर क्या है? आप भी लगा लो. झगड़ा ही समाप्त हो जाएगा. 


उन्होंने आगे कहा, ''दर्शक जो होता है वह सरकारी नहीं होता है. बंगाल सरकार की पद्धति होगी कि दर्शक भी सरकारी होंगे. अगर जनता जय श्री राम का नारा लगाती तो मैं भी लगाने लगता. इसमें रूठने की क्या बात है.''


अमित शाह ने कहा कि 10 साल में सरकार ने ये स्थिति ला दी कि अगर यहां किसी को दुर्गा पूजा करना है तो वकील हायर कर हाई कोर्ट की अनुमति लेना होगा. तीन साल तक ऐसा हुआ. मुझे बहुत अच्छा लगा कि ममता दीदी ने सरस्वती पूजा करने के लिए गई. मेरे दिल को सुकुन मिला. लेकिन शायद उन्हें मालूम नहीं है कि यहां सरस्वती पूजा करने पर एक टीचर की हत्या कर दी गई. इस मामले में कोई पकड़ा नहीं गया.


ये भी पढ़ें: ABP Shikhar Sammelan 2021: बंगाल में ओवैसी के चुनाव लड़ने को लेकर जानिए क्या बोले अमित शाह