ABP Shikhar Sammelan: छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार अपने कार्यकाल का एक साल पूरा कर चुकी है और इस मौके पर अपनी उपलब्धियां गिना रही है. वहीं विपक्षी नेताओं का कहना है कि एक साल निराशा और हताशा के लिए जाना जाएगा. एबीपी न्यूज के खास कार्यक्रम शिखर सम्मेलन में पहुंचे छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे (JCCJ) के प्रमुख अजीत जोगी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के पास राज्य को चलाने के लिए कोई दृष्टि नहीं है.


अजीत जोगी ने कहा, ''एक वर्ष निराशा और हताशा के इसलिए रहे क्योंकि छत्तीसगढ़ को लेकर मौजूदा सरकार के पास कोई दृष्टि-सोच नहीं है. निराशाजनक स्थिति है.'' हालांकि उन्होंने बघेल सरकार द्वारा किसानों के लिए उठाए गए काम की तारीफ की. उन्होंने कहा, ''एक अच्छा काम उन्होंने (कांग्रेस की सरकार) किया है, धान का समर्थन मूल्य इन्होंने 25,00 रुपये घोषित किया और 25 रुपये में खरीदा. उससे किसानों की उन्नति हुई, किसानों के पास पैसे आए, खरीदने की क्षमता बढ़ी.''


कांग्रेस के पूर्व नेता अजीत जोगी ने मोदी सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि देशभर में मंदी, नोटबंदी, जीएसटी का असर हुआ, इसका असर छत्तीसगढ़ में भी देखा गया. छोटे-बड़े उद्योगपति परेशान हैं.


छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम ने कहा कि राजनीति में हूं और राजनीति में अगर सफल होना है तो शाम-दाम-दंड-भेद सब रास्ते अख्तियार करने चाहिए, मैंने भी अख्तियार किए. इसे स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन अंत में लक्ष्य इतना होना चाहिए कि राज्य फायदे में रहे.


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उन्होंने नई पार्टी के गठन और उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिलने को लेकर कहा, ''मैंने नई पार्टी बनाई. सूबे में कभी नई पार्टी सफल नहीं हुई. केवल मुझे दो महीने का समय मिला था. उसके बाद भी मैंने 14-15 प्रतिशत वोट हासिल किए. इसे मैं बड़ी सफलता मानता हूं. मेरा जिस पार्टी (कांग्रेस) के साथ 35 साल का नाता रहा, ज्यादातर आम लोग मुझे उसी पहचान से जानते हैं. लोगों ने हाथ पर बटन दबाए.''


अजीत जोगी ने कहा, ''बीजेपी 90 में 15 सीट लाएगी, ये उम्मीद नहीं थी. अगर बीजेपी 15 सीट भी लाती तो हमारे बिना न तो कांग्रेस की सरकार बनती और न ही बीजेपी की. छत्तीसगढ़ चुनाव में कांग्रेस की जीत इसलिए हुई क्योंकि लोग रमन सिंह की सरकार से थक गए थे, निराश थे. लोगों ने मन बना लिया था कि सरकार के खिलाफ वोट करना है.''


जाति का मुद्दा
उन्होंने जाति का मुद्दा उठाए जाने को लेकर कहा, ''35 साल के सार्वजनिक जीवन में जब एक भी आरोप भ्रष्टाचार का नहीं लगा तो उन्होंने मेरी जाति का मुद्दा उठाया. अयोध्या के बाद अब मेरा प्रकरण सबसे पुराना है. जाति के बारे में जिन्हें भी शक है मेरे गांव चलिए, अगर गांव वालों ने कह दिया कि मैं उनका नहीं हूं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. मैं आदिवासी हूं. मेरे ऊपर कोई दूसरा आरोप नहीं लगाया जा सकता है. जाति का मामला मेरे बेटे के साथ भी चिपकेगा.''


नागरिकता संशोधन कानून
अजीत जोगी ने कहा कि मैं नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करता हूं. मैं मानता हूं कि कोई भी कानून हो तब तक उसको सही कानून नहीं कहा जा सकता है जब तक कि जन सामान्य स्वीकार न करे. पूरे भारत में ये बात फैल गई है कि कानून गलत है. इस कानून से यह साफ हो गया है कि अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय हो रहा है. ये लोगों के दिल में बात जम गई है. नई पीढ़ी इस कानून के खिलाफ बहुत उग्र है.


उन्होंने कांग्रेस पार्टी से संबंधों और आगे फिर से कांग्रेस के पाले में जाने को लेकर कहा कि मैंने जब कांग्रेस पार्टी छोड़ी तो मैं कांग्रेस कार्यसमिति का गुलाम नबी आजाद के बाद सबसे पुराना सदस्य था. मुझे वहां सम्मान मिला, अवसर की कमी नहीं थी. गांधी-नेहरू परिवार से मेरा पारिवारिक संबंध है.


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