ABP Shikhar Sammelan Chhattisgarh LIVE: छत्तीसगढ़ के टॉप अफसर बोले- नक्सली हमले में किसी की जान जाती है तो मजबूर महसूस करते हैं हम
ABP Shikhar Sammelan Chhattisgarh LIVE: छत्तीसगढ़ में 17 दिसंबर को भूपेश बघेल सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर आपका चैनल एबीपी न्यूज़ आज शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है.
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ABP Shikhar Sammelan Chhattisgarh LIVE: छत्तीसगढ़ में 17 दिसंबर को कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर आपका चैनल एबीपी न्यूज़ आज शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. शिखर सम्मेलन में पक्ष और विपक्ष के नेताओं से तीखे सवाल होंगे. साथ ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस में चल रही खींचतान को लेकर भी चर्चा होगी. छत्तीसगढ़ में साल 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं हैं.
तीन साल पूरे होने के मौके पर छत्तीसगढ़ में एक तरफ जहां सरकार अपनी उपलब्धियां गिनवाने में व्यस्त है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार के ही एक वरिष्ठ मंत्री टी. एस. सिंहदेव मुख्यमंत्री पद न मिलने से नाराज़ हैं. कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जब मुख्यमंत्री का चुनाव हो रहा था, उस समय से ये कहा जा रहा है की कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने ढाई ढाई साल मुख्यमंत्री का फॉर्मूला बनाया है. जिसमें पहले ढाई साल भूपेश बघेल मुख्यमंत्री रहेंगे और बाद के ढाई साल में टी.एस. सिंहदेव मुख्यमंत्री रहेंगे. हालांकि आधिकारिक रूप से इस बात को कांग्रेस की तरफ से नहीं कहा गया है.
जून 2021 में मुख्यमंत्री पद पर बघेल के ढाई साल पूरे होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के खेमे ने दावा किया था कि आलाकमान ने ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद के लिए सहमति दी थी. राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर हुए विवाद के बाद कांग्रेस आलाकमान ने विवाद को सुलझाने के लिए अगस्त में बघेल और सिंहदेव को दिल्ली बुलाया था. जब बघेल दिल्ली में थे तब कांग्रेस के 70 में से 54 विधायकों ने उनके समर्थन में दिल्ली का दौरा किया था.
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हमारे पास अच्छे हथियार हैं, AK-47 की संख्या बढ़ी
प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि हमारे पास अच्छे हथियार हैं. एके-47 की संख्या बढ़ी है. अब हमारे पास सेटेलाइट फोन हैं. ऑफिसर्स के पास ट्रैकर्स हैं, जिनसे उनकी लोकेशन मिलती रहती है.
कब अफसर खुद को मजबूर करते हैं महसूस
गौरव सिंह ने कहा कि हर अफसर कई बार मजबूर महसूस करता रहा है. कोरोना के टाइम में तो हमने ये सबसे ज्यादा महसूस किया है. शलभ सिन्हा ने कहा कि एक भी जवान को चोट लग जाती है तो मजबूर महसूस करते हैं. जॉइन करने के बाद पहली घटना थी कि 9 जवानों की जान चली थी. दूसरी घटना सुकमा में थी, जब 17 जवान शहीद हो गए थे. उस वक्त लगा कि हम कितने मजबूर होते हैं.
बस्तर का एक पहलू है कि यहां हिंसा है- रजत बंसल
रजत बंसल ने कहा कि बस्तर का एक पहलू है कि यहां हिंसा है. जगदलपुर और बस्तर का एक ऐसा पहलू भी है जहां हिंसा नहीं है. उन्होंने कहा कि जगदलपुर और आस-पास के क्षेत्रों में खौफ नहीं है.
आखिर क्यों नक्सल पर नहीं लगा पा रहे लगाम? कभी-कभी मन में गुस्सा आता है
रायपुर जिले के एसपी प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि जब अपने किसी की जान जाती है तो बहुत दुख होता है. एक मजबूरी होती है, झकझोरने वाला मूमेंट होता है. मन में गुस्सा भी आता है कि आखिर ये सब क्यों हो रहा है. क्यों हम इस पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं.
एसी कमरों में नहीं बैठ रहते हम अधिकारी- सूरजपुर कलेक्टर गौरव सिंह
सूरजपुर के कलेक्टर गौरव सिंह ने कहा कि ये नहीं है कि हम अधिकारी एसी कमरों में बैठे रहते हैं. मैं खुद 200 से ज्यादा गांवों में जा चुका हूं.
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