नई दिल्ली: देश भर में कोरोना संक्रमितों का आकड़ा 24 लाख के करीब जा पहुंचा है. वहीं वैक्सीन और दवाइयों का इंतजार देश समेत विदेश बेसबरी से कर रहा है. ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एबीपी से खास बातचीत कर कुछ सवालों के जवाब दिये है.


अश्विनी कुमार जौबे ने कहा कि, वैक्सीन और दवाइयों के मामले में भारत दुनिया में 60% से ज्यादा दवा बना कर देता हैं. उनका कहना है कि, ‘भारत में अभी जो वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है, बड़ी-बड़ी कंपनियां ऑस्ट्रेलिया के साइंटिस्ट हो या किसी और देश के साइंटिस्ट हो वो हमारे यहां जो वैक्सीन तैयार करने का उद्योग है उन लोगों के साथ सबका एक समझौता हुआ है.’


कुछ जगहों पर फर्स्ट ट्रायल सेकंड ट्रायल और थर्ड ट्रायल चल रहे हैं. भारत बायोटेक और आईसीएमआर का दूसरे चरण का ट्रायल लगभग खत्म होने जा रहा है. जो 12 इंस्टिट्यूट में चल रहा था. पीएम ने आज से 4 महीने पहले सारे बड़े साइंटिस्ट और साइंटिस्ट से कहा था कि आप इस पर विचार करें और वैक्सीन जितना जल्दी से जल्दी हो तैयार करें.


हालांकि इस में वक्त लगता है लेकिन साइंटिस्ट देश और दुनिया में वैक्सीन का ट्रायल चला रहे है. हमें विश्वास है जो भी वैक्सीन बनेगी वो भारत में ही बनेगी. और जैसा पीएम भी चाहते थे कि हमारे फ्रंटलाइन वर्करों को पहले मिले ऑफिसर लोगों को मिले.


केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे से सवाल करते हुए पूछा गया,


सवाल - रूस ने दावा किया है कि उसने वैक्सीन बना ली है तो क्या भारत रूस से वैक्सीन लेगा?


जवाब- वह सारी टेक्निकल चीज हम नहीं बता सकते हमारे यहां जो टेक्निकल कमेटी है आईसीएमआर और हमारे जो बाकी टेक्निकल लोग हैं उस पर विचार करेंगे. और जहां तक मुझे मालूम है अभी तक पूरी तरह से ट्रायल दुनिया में फाइनल ट्रायल नहीं हुआ है. लेकिन अगर ऐसा कुछ भी होगा तो मानव की रक्षा के लिए जो भी अच्छा हो सकता है जो भी उचित होगा. हमारी सरकार तकनीकी एक्सपर्ट जो है हमारे भारत में जो संस्थाएं हैं वह अगर अनुशंसा करती हैं तो देखा जाएगा. जो अलग-अलग देशों के साइंटिस्ट के साथ हमारे जितने भी यहां वैक्सिंग बनाने वाली कंपनी है उनका समझौता हो रखा है.


सवाल- भारत में लगातार केस बढ़ रहे हैं क्या यह पिक है और कैसे देखते हैं इस हालात को?


जवाब- हम कह सकते हैं कि कॉविड का जो प्रकोप है उसमें भारत में बेहतर किया है. पीएम की दूरदृष्टि रही हो और इसके कारण हमें कह सकते हैं जो दुनिया के बाकी देशों में हालात है उससे हम बेहतर हैं. हम लगातार यह कह रहे हैं कि घबराने की जरूरत नहीं है. मुझे लग रहा है कि भारत में संख्या बढ़ रही है उतने ही बड़ी संख्या में लोग ठीक होकर भी घर जा रहे हैं. संख्या 24 लाख के करीब हुई तो उसमें एक्टिव के सात लाख से कम है और 17 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं. रिकवरी रेट 71 परसेंट के पास है. हम बेहतर कर रहे हैं और उसके बाद भी हमने सारी व्यवस्था कर रखी है.


आज ऐसा पीएम ने कहा है कि जो भी संक्रमित है उसके कांटेक्ट रेसिंग किया जाए और उनकी टेस्टिंग कर उसकी चेन को तोड़ा जा सके. यह काम सभी राज्य में हो रहा है. जहां केस ज्यादा आ रहे हैं वहां पीएम ने खुद बैठक की है. स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय की तरफ से जो गाइडलाइंस है या जो छूट है वह उन राज्यों को दी जाती है.


लगातार कोविड-19 अस्पताल बना रहे हैं 11 लाख के करीब आइसोलेशन और क्वारंटीन बेड बनाए हैं. लगातार हम इसकी संख्या भी बढ़ा रहे हैं. हमने रेलवे कोच में भी आइसोलेशन बेड बनाए हैं. वारी टेस्टिंग केपेसिटी लगातार बढ़ती जा रही है. एंटीजन टेस्ट छोड़कर 5 लाख से ज्यादा टेस्ट रोज हो रहे हैं. ढाई करोड़ से ज्यादा सैंपल जांच की जा चुके हैं. टेस्टिंग को बढ़ाना है और उसकी चेन को तोड़ना है. इसके अलावा सर्विलेंस हम कर रहे हैं.


80 फ़ीसदी लोग एसिंप्टोमेटिक है जबकि 10 फ़ीसदी लोगों को हल के लक्षण होते हैं और 5 फ़ीसदी से कम लोगों को आईसीयू या वेंटीलेटर की जरूरत पड़ती है. 1.77% आईसीयू में है, 0.25% वेंटीलेटर पर है और ऑक्सीजन पर 2.43% मरीज है.


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