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ABP के खास कार्यक्रम 'इन्फोकॉम 2019' में मुश्किलों के आसान फार्मूले पर हुई बात
एबीपी के खास कार्यक्रम 'इन्फोकॉम 2019' के 5वें संस्करण के तहत आज दिल्ली में आईटी क्षेत्र के दिग्गजों का ऐसा मंच जुटा जहां सरकार के नुमाइंदों के साथ मिलकर मुश्किल दौर में संभावनाओं की एक अलख जगी.
नई दिल्लीः मुश्किलों का कोई आसान हल नहीं होता-यही बात अक्सर सुनी और कही जाती है लेकिन, अगर मंच 'इन्फोकॉम 2019' का हो तो यहां मुश्किलों के आसान फॉर्मूले ढूंढे जाते हैं. एबीपी के खास कार्यक्रम "इन्फोकॉम 2019" का मंच दिल्ली में सजा और यहां उद्योग और सरकार के दिग्गजों ने बताए मुश्किल दौर को आसान और सफल बनाने के मूलमंत्र.
मुश्किलों भरे हालातों के दौरान अपने व्यवसाय को बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती होता है. ये वो चुनौती होती है जिसका हल आसान कतई नहीं होता. लेकिन, मुश्किल भरे हालातों के दौरान व्यवसाय, अपने व्यापार का बेड़ा कैसे पार लगाएं, इसकी राह आज एबीपी के खास कार्यक्रम 'इन्फोकॉम 2019' से निकली. आईटी जगत के दिग्गजों और चुनिंदा नामचीन नौकरशाहों के मंथन से आज एबीपी के खास कार्यक्रम से स्टार्ट अप और युवाओं के लिए बहुत कुछ सीखने का दिन था.
एबीपी के खास कार्यक्रम 'इन्फोकॉम 2019' के 5वें संस्करण के तहत आज दिल्ली में आईटी क्षेत्र के दिग्गजों का ऐसा मंच जुटा जहां सरकार के नुमाइंदों के साथ मिलकर मुश्किल दौर में संभावनाओं की एक अलख जगी. "इन्फोकॉम 2019" की इस बार की थीम थी- विनिंग इन VUCA वर्ल्ड. VUCA यानी वॉलेटिलिटी, अनसरटेनिटी, कॉम्पेल्किसिटी एंड एंबिगुटी. उठापटक, अनिश्चितता, जटिलता और उहापोह भरे इस व्यापारिक माहौल में आखिर व्यापार कैसे बढ़े, यही इस कार्यक्रम का मूल मंत्र रहा. एबीपी के खास कार्यक्रम "इन्फोकॉम 2019" में आज 300 से ज़्यादा डेलिगेट्स और तकरीबन 50 सीआईओ के साथ एक ऐसा मंच सजा जहां सबके लिए सीखने को बहुत कुछ मिला.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि एबीपी की ये पहल न सिर्फ युवाओं के लिए सीखने, समझने का बेहतरीन विकल्प है, बल्कि मुश्किल दौर के दौरान नई खोज से सफल होने की प्रेरणा देने वाला भी है. इस कार्यक्रम में बिहार और झारखंड पर खास सेशन अलग से रहे जहां इन सरकारों के वरिष्ठ नौकरशाह सम्मलित हुए और अपने प्रदेश में आईटी के उपयोग को लेकर जानकारी साझा की.
इसके अलावा कई दिग्गजों ने युवाओं और पेशेवरों को अपने अनुभव की वो दास्तानें सुनाईं जो सफलता की ऐसी कहानियां कहती हैं जिनकी डगर हमेशा मुश्किल भरी रही. लेकिन, मुश्किलों से सफलता ढूंढने वाले ही लीडर कहलाते हैं. ऐसी ही एक कहानी थायरोकेयर के एमडी डॉ ए. वेलुमनी ने बताई. किस तरह से एक गरीब किसान परिवार में जन्मे वेलुमनी ने 3000 करोड़ रुपये की कंपनी बनाने तक का सफर तय किया है और वो भी बेहद कम समय में.
कार्यक्रम में सिस्को, आईबी प्लेटफार्म, डॉट1 सॉल्यूशंस, लीनियर स्केवर्ड जैसी आईटी कंपनियों ने हिस्सा लिया. वहीं, दूसरी तरफ सीके बिड़ला ग्रुप, हिंदवेयर ग्रुप, मिंडा ग्रुप, एयरवन एविएशन ग्रुप जैसे बड़े समूह के आईटी अधिकारियों ने भी शिरकत की.
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प्रोफेसर वीरेन्द्र चौहानप्रवक्ता, हरियाणा बीजेपी
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