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सवाल: पीएम मोदी चीन के दौरे पर कब गए और कब लौटे? वहां उनका क्या कार्यक्रम रहा?


(कार्तिकेय, वाराणसी, नेमाराम बेनीवाल, बाड़मेर, प्रभात कुमार, रीवा, अमित जायसवाल, गोरखपुर, फैज अहमद, पूर्णिया)


जवाब: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सालाना शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन गए थे. वो शनिवार नौ जून को चीन के चिंगदाओ पहुंचे, जहां उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग से मुलाकात की. मोदी 9 जून को ही उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति और एससीओ के महासचिव राशिद अलीमोव से भी मिले.


10 जून को पीएम मोदी ने एसीओ के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन भी शामिल हुए. सम्मेलन में एससीओ के आठ सदस्य देशों के अलावा चार देशों ने ऑब्जर्वर के तौर पर भी हिस्सा लिया.


एससीओ में दिए गए भाषण में पीएम मोदी ने आतंकवाद से मिलकर मुकाबला करने का मुद्दा उठाया. इसके अलावा उन्होंने क्षेत्रीय व्यापार और निवेश के मामले में आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया. सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन से हाथ मिलाते और बड़े दोस्ताना अंदाज में बातचीत करते भी नजर आए.


अपनी इस यात्रा के दौरान मोदी ने चीन, मंगोलिया, किर्गिस्तान और कजाखिस्तान समेत कई अन्य देशों के शीर्ष नेताओं के साथ करीब आधा दर्जन द्विपक्षीय बैठकें भी कीं. पीएम मोदी अपनी चीन यात्रा पूरी करके रविवार, 10 जून की रात देश वापस लौट आए.


भारत और पाकिस्तान के एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के बाद ये पहला मौका था जब भारतीय प्रधानमंत्री ने इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. एससीओ के आठ सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस और पाकिस्तान के अलावा कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. दुनिया की 42 फीसदी आबादी इन्हीं आठ देशों में रहती है, जबकि दुनिया की कुल जीडीपी में इन देशों की 20 फीसदी हिस्सेदारी है.


सवाल: पीएम मोदी की चीन यात्रा के दौरान किन अहम समझौतों पर दस्तखत किए गए? उनसे देश को क्या फायदा होगा?


(नरेंद्र, राजस्थान, दशरथ धूमल, लातूर, महाराष्ट्र, पारुल गंगवार, उन्नाव, छगनलाल माली, सांचौर, राजस्थान, मेघ आनंद, मधुबनी, रुपेश सैन, सरदारशहर, आलोक कश्यप, गोंडा, विजय बहादुर सिंह, मऊ)


जवाब: पीएम मोदी अपनी हाल की चीन यात्रा के दौरान 9 जून को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले. इस मुलाकात के दौरान भारत और चीन के बीच दो अहम समझौतों पर दस्तखत किए गए. इनमें एक समझौते के तहत चीन ब्रह्मपुत्र नदी के पानी से जुड़ी जानकारी भारत को देने को तैयार हो गया है. दूसरा समझौता चीन को भारत से चावल एक्सपोर्ट किए जाने के बारे में है. भारत अब तक चीन को सिर्फ बासमती चावल ही एक्सपोर्ट करता रहा है. लेकिन नए समझौते के तहत भारत चावल की दूसरी किस्में भी चीन को एक्सपोर्ट कर पाएगा. शी जिनपिंग ने अगले साल अनौपचारिक बातचीत के लिए भारत आने का पीएम मोदी का न्योता भी स्वीकार कर लिया है. जिससे दोनों देशों के रिश्तों में और सुधार आने की उम्मीद है. इसके अलावा पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल देशों ने साझा घोषणा पत्र और कई अन्य समझौतों पर भी दस्तखत किए. इन समझौतों में सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ आम नागरिकों के बीच आपसी लेन-देन को प्रोत्साहन देने से जुड़े करार शामिल हैं. इन समझौतों से न सिर्फ भारत के अंतरराष्ट्रीय रिश्ते मजबूत होंगे, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होने की उम्मीद है.


सवाल: पीएम मोदी इससे पहले कब-कब चीन की यात्रा कर चुके हैं? उन यात्राओं की खास बातें क्या रहीं


(अभय, लखनऊ, रोहन परमार, जूनागढ़, अतीकुर रहमान, बदरपुर, असम)


जवाब: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह हफ्ते में दूसरी बार चीन की यात्रा की है. इससे पहले वो राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक अनौपचारिक वार्ता में भाग लेने के लिए 27-28 अप्रैल को चीन के वुहान गए थे. मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक कुल पांच बार चीन की यात्रा की है. मई 2015 में वो पहली बार प्रधानमंत्री के तौर पर चीन यात्रा पर गए थे. इसके बाद सितंबर 2016 में उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान दूसरी बार चीन की यात्रा की. इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलकर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का मुद्दा जोर-शोर से उठाया. सितंबर 2017 में पीएम मोदी ने 73 दिनों तक चले डोकलाम विवाद के खत्म होने के बाद तीसरी बार चीन का दौरा किया. इस यात्रा के दौरान भी पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच दोनों देशों के आपसी रिश्ते सुधारने पर अहम बातचीत हुई. पीएम मोदी 27-28 अप्रैल 2018 को चौथी बार चीन यात्रा पर गए. उनकी इस यात्रा को अनौपचारिक शिखर सम्मेलन का नाम दिया गया, जिसमें मोदी और शी जिनपिंग के बीच चीन के वुहान में बेहद दोस्ताना माहौल में बातचीत हुई. अनौपचारिक बातचीत होने के कारण इसका पूरा ब्योरा तो सामने नहीं आया, लेकिन इस मुलाकात को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में सुधार के लिहाज से बेहद अहम माना गया. 9-10 जून 2018 को पीएम मोदी एक बार फिर से चीन के दौरे पर गए. एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर हुई ये यात्रा उनकी पांचवीं चीन यात्रा रही.


सवाल: क्या पीएम मोदी ने अपनी हाल की चीन यात्रा के दौरान डोकलाम विवाद या सीमा विवाद से जुड़े दूसरे मुद्दों पर बात की ?


(अमर नाथ मिश्रा, सुल्तानपुर,विवेक कुमार, सुपौल, विक्रम राजपुरोहित, पुणे, राजीव रस्तोगी, नई दिल्ली, दिलीप कुमार, गुड़गांव)


जवाब: पीएम मोदी की हाल की चीन यात्रा का मुख्य मकसद एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेना था. इस दौरान उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय मुलाकात भी की, जिसमें दोनों देशों के बीच दो अहम समझौते भी किए गए. लेकिन डोकलाम या सीमा विवाद से जुड़े दूसरे मुद्दों पर अलग से चर्चा किए जाने की कोई ख़बर सामने नहीं आयी है. हां, एससीओ घोषणापत्र पर चर्चा के दौरान भारत ने चीन के बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट पर मुहर लगाने से ये कहते हुए इनकार कर दिया कि इसमें क्षेत्रीय संप्रभुता और सीमा विवाद से जुड़ी भारत की चिंताओं का ध्यान नहीं रखा गया है. दूसरी तरफ, पीएम मोदी की लगातार चीन यात्राओं से दोनों देशों के रिश्ते बेहतर हुए हैं. इससे तमाम आपसी विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने का रास्ता साफ होने की उम्मीद भी बढ़ी है.


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