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सवाल– यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर सरकारी बंगला खाली करने से पहले उसमें तोड़फोड़ के जो आरोप लगे हैं, वो सही हैं या इसमें कोई राजनीतिक साजिश है? (लक्ष्मीनारायण मीणा, रायबरेली, मो. इकबाल, बेगूसराय, गणपत चौधरी, गांधीधाम, अनिल तिवारी, रायगढ़, विजयबहादुर सिंह, मऊ, नीतेश, मुंबई, अनिरुद्ध सिंह, नागपुर, जयपत बावलिया, बोटाड)


जवाब- अखिलेश यादव ने जिस सरकारी बंगले को खाली किया है, उसमें टूटफूट नजर आ रही है, इसमें कोई शक नहीं है. लेकिन अखिलेश यादव का कहना है कि जो दिख रहा है वो सिर्फ एक पहलू है. उनका आरोप है कि बंगले की तस्वीरें जानबूझकर ऐसे एंगल से ली गईं, जिससे बंगले में तोड़-फोड़ दिखाई दे रही है, जबकि ये पूरा सच नहीं है.


इस मामले में अखिलेश यादव से लेकर यूपी सरकार और बंगले की तस्वीरों से लेकर चश्मदीदों तक की बातें सुनने के बाद यही लगता है कि बंगले में तोड़फोड़ तो हुई है. लेकिन ये तोड़फोड़ अखिलेश यादव ने करवाई है या नहीं, इसका कोई सबूत फिलहाल किसी के पास नहीं है. ऐसे में तोड़फोड़ के लिए कौन दोषी है, इस बारे में यकीन के साथ कुछ भी नहीं कहा जा सकता. लिहाजा, ये यूपी सरकार की जिम्मेदारी है कि वो पुख्ता सबूतों के साथ बताए कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकारी बंगले पर तोड़फोड़ किसने की.


सवाल– अपने ऊपर लगे आरोपों के बारे में अखिलेश यादव का क्या कहना है? (तारू कुमावत, पिपलिया, राजस्थान)


जवाब- अखिलेश यादव ने बंगला खाली करने से पहले उसमें तोड़फोड़ किए जाने के आरोपों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सफाई दी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि बंगले में तोड़फोड़ करने और सरकारी पैसों से खरीदी गई चीजें उठाकर ले जाने के आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं. अखिलेश का कहना है कि वो बंगले से सिर्फ अपना निजी सामान और कुछ ऐसी चीजें ही ले गए हैं, जो उन्होंने अपने पैसों से लगवाई थीं. उनका दावा है कि बंगले में ऐसी कई चीजें अब भी मौजूद हैं जो उन्होंने अपने पैसों से वहां लगवाई थीं, लेकिन उन्हें ले नहीं गए.


अखिलेश ने दलील दी है कि सरकारी खर्च पर बंगले में जो भी सामान लगा होगा, उसकी लिस्ट और बिल सरकार के पास होने चाहिए. उन्होंने यूपी सरकार को चुनौती दी कि वो ये लिस्ट और बिल पेश करे और अगर ऐसा कोई सामान बंगले से गायब होगा तो वो उसकी भरपाई करने को तैयार हैं. सरकारी बंगला खाली करने से पहले वहां मौजूद स्विमिंग पूल में मिट्टी भरवाने के आरोपों को भी अखिलेश ने मनगढ़ंत बताया है.


अखिलेश का कहना है कि उनके सरकारी बंगले में स्वीमिंग पूल कभी था ही नहीं, इसलिए उसमें मिट्टी भरवाने का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने चुनौती भरे अंदाज में कहा कि उनके बच्चों का जन्मदिन मनाने के दौरान पिछले एक साल में करीब एक हजार बच्चे उस बंगले में आए होंगे. उन बच्चों से भी पूछा जा सकता है कि क्या उन्होंने बंगले में कभी स्वीमिंग पूल देखा था? उन्होंने बंगले को लेकर हो रहे पूरे विवाद को अपने खिलाफ एक साजिश बताया.


सवाल- यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव पर जो आरोप लगे हैं क्या उनकी जांच हो रही है? अगर हां, तो उसमें क्या पता चला है? (तखत सिंह, जोधपुर, हर्ष श्रीवास्तव, उन्नाव)


जवाब– उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर अखिलेश यादव के बंगले में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने के आरोपों की जांच कराने को कहा है. लेकिन सरकार की तरफ से जांच का आदेश दिए जाने की कोई सूचना अब तक सामने नहीं आई है.


सवाल- यूपी में किस-किस पूर्व मुख्यमंत्री के बंगले खाली कराए गए हैं? (घनश्याम जीरन, नीमच)


जवाब– सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले आवंटित करने के प्रावधान को खारिज करते हुए सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगले खाली कराने का आदेश दिया था. इस आदेश के तहत प्रदेश के इन 6 पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने थे– 1. अखिलेश यादव, 2. मुलायम सिंह यादव, 3. मायावती, 4. कल्याण सिंह, 5. राजनाथ सिंह और 6. नारायण दत्त तिवारी. इनमें से नारायण दत्त तिवारी को छोड़कर बाकी सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपने सरकारी बंगले खाली कर दिए हैं.