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सवाल- पतंजलि फूड पार्क का पूरा विवाद क्या हैं? (अयुब खिलजी, जोधपुर) (तारू कुमावत, राजस्थान)

जवाब- योगगुरु रामदेव की कंपनी का नाम है पतंजलि आयुर्वेद. साल 2007 में जब ये कंपनी शुरू हुई तो किसी ने नहीं सोचा था कि 10 साल में ही ये कंपनी कई उत्पाद श्रेणियों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों को चुनौती पेश करने लगेगी. इसी कड़ी में ये कंपनी देश के कई राज्यों में नए प्लांट और फूड पार्क बना रही है. इन्हीं में से एक फूड पार्क यूपी में प्रस्तावित है. पतंजलि कंपनी की नाराजगी ये है कि नोएडा में बनने वाले पतंजलि फूड पार्क की जमीन के टाइटल सूट के लिए केंद्र सरकार की ओर से दो बार नोटिस भेजा गया पर योगी सरकार की ओर से पतंजलि को टाइटल सूट (जमीन का मालिकाना हक) नहीं सौंपा गया. इससे नाराज पतंजलि कंपनी के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर कहा कि पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क को यूपी से बाहर शिफ्ट किया जाएगा. सीएम योगी ने आचार्य बालकृष्ण की बात को गंभीरता से लिया और तुरंत उनसे बात की. योगी ने कहा है किसी कीमत पर पतंजलि फूड पार्क को यूपी से कहीं और शिफ्ट नहीं होने देंगे

सवाल- ये फूड पार्क यूपी के किस शहर में लगने वाला है? (मुकेश कुमार, पीलीभीत) (प्रदीप कुमार, उन्नाव)

जवाब- पतंजलि फूड पार्क यूपी के ग्रेटर नोएडा में बनना है. जिस जगह पतंजलि योगपीठ ने ये मेगा फ़ूड पार्क बनाने की योजना बनाई है, वो सेक्टर 24, 24ए और 22बी में है. ये यमुना एक्सप्रेसवे से सटा है. ये जगह बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर है. यमुना एक्सप्रेसवे ग्रेटर नोएडा को आगरा और उससे आगे लखनऊ से जोड़ता है. पतंजलि ने यहां साइट ऑफिस और फूड पार्क की बाउंड्री भी तैयार कर ली है.

सवाल- पतंजलि फूड पार्क अगर बनेगा तो कितने लोगों को रोजगार मिलेगा? (मुस्तकिन खान, दतिया)

जवाब- साल 2016 में उत्तर प्रदेश में तत्कालीन सपा सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पतंजलि के मेगा फूड पार्क की नींव रखी थी. ग्रेटर नोएडा में ये मेगा फूड पार्क 455 एकड़ में बनना है. पतंजलि के मुताबिक, 6 हजार करोड़ की योजना के इस फूड पार्क में 25,000 करोड़ रुपये के सामान का उत्पादन प्रति वर्ष होगा. इससे 10,000 सीधी नौकरियां भी दी जाएंगी. दावा ये भी है कि फूड पार्क से 50 हज़ार स्थानीय किसानों को फ़ायदा होगा क्योंकि पतंजलि सीधे उन्हीं किसानों से घी, तेल आदि खरीदेगी.

सवाल- पतंजलि फूड पार्क में आखिर क्या-क्या काम होगा? (राहुल रंजन, नोएडा)

जवाब- पतंजलि फूड पार्क पतंजलि योगपीठ की इकाई है जिसमें स्वदेशी चीजों के निर्माण का काम होता है. फूड पार्क में आवश्यक घरेलू वस्तुओं, मसाले से लेकर आयुर्वेदिक दवाएं तैयार की जाएंगी जिन्हें पतंजलि मेगा स्टोर के जरिए बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा

सवाल- पतंजलि के और फूड पार्क कहां-कहां लग रहे हैं, बताइये? पतंजलि का कुल कारोबार कितने का रहा, ये भी बताएं (मयंक अग्रवाल, जयपुर)

जवाब- महाराष्ट्र के नागपुर के मिहान में पतंजलि फूड पार्क का निर्माण अंतिम चरण में है. इसी साल के अंत में यहां सामान के उत्पादन का काम शुरू हो सकता है. असम के तेजपुर में भी फूड पार्क लगा रही है पतंजलि. अभी तक सिर्फ हरिद्वार वाले फूड पार्क में ही सामान का उत्पादन हो रहा है. रामदेव का दावा है कि जल्द ही पतंजलि सबसे बड़ा स्वदेशी ब्रांड बन जाएगा.

पतंजलि का कारोबार-

2015-16 में टर्नओवर - 5000 करोड़ रु.

2016-17 में टर्नओवर - 10651 करोड़ रु.

वित्तीय वर्ष 2016-17 में - पतंजलि ने 940 करोड़ के टूथपेस्‍ट बेचे

825 करोड़ रुपए के हेयर ऑयल केशकांति बेचे

572 करोड़ का नहाने का साबुन बेचा

522 करोड़ रुपए का सरसों तेल बेचा

322 करोड़ रुपए का शहद बेचा

1467 करोड़ रुपए का देसी घी बेचा

सवाल- रामदेव बाबा बीजेपी के ही समर्थक हैं उत्तरप्रदेश में भी बीजेपी की सरकार है, उसके बाद भी विवाद उत्पन्न हो गया ऐसा क्या कारण हो सकता है? (बीएल प्रसाद, दिल्ली) (ऋषि भदौरिया, भिंड)

जवाब- ये सच है कि रामदेव बीजेपी के समर्थक रहे हैं. 2014 में रामदेव ने बीजेपी और मोदी के लिए वोट देने की अपील लोगों से की थी. पतंजलि के मुताबिक ताजा विवाद योगी सरकार की लेटलतीफी और ढुलमुल रवैये की वजह से हुआ. खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की तरफ से पतंजलि को दो बार 6-6 महीने का एक्सटेंशन मिल चुका था लेकिन पतंजलि हर्बल एंड मेगा फूड पार्क नाम के टाइटल को एनओसी देने का काम यूपी सरकार 1 साल तक लटकाती रही. अब क्योंकि खुद सीएम योगी ने आचार्य बालकृष्ण से देरी के लिए खेद जताया है तो माना जा रहा है कि ग्रेटर नोएडा में फूड पार्क के निर्माण का काम जल्द शुरू हो जाएगा.