नई दिल्ली: दर्शकों और पाठकों से जुड़ने के लिए एबीपी न्यूज ने एक नई पहल की है. दिन की ताजा खबर पर दर्शक के मन में कोई सवाल है तो वो अब सीधे हमसे पूछ सकते हैं. एबीपी न्यूज की टीम दर्शकों के हर सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश करेगी.


सवाल- पाकिस्तान ने हाल में जम्मू कश्मीर में कहां-कहां फायरिंग की और भारत ने क्या जवाब दिया? (अश्विन बिंजवा, इंदौर) (वीरेंद्र सिंह, बिलासपुर) (मयंक,मुजफ्फरपुर)


जवाब- रमजान का पवित्र महीना चल रहा है. पाकिस्तान 15 मई से लगातार जम्मू कश्मीर के सांबा, अरनिया में अंधाधुंध फायरिंग कर रहा है. इस फायरिंग में अब तक बीएसएफ के 2 जवान शहीद हो चुके हैं. 6 स्थानीय नागरिक मारे गए हैं और 11 स्थानीय नागरिक घायल हुए हैं. 20 मई को पाकिस्तान ने जम्मू के सांबा के रामगढ़ सेक्टर में गोलाबारी की तो 21 मई को अरनिया सेक्टर में 90 मिनट में 27 मोर्टार दागे. बीएसएफ ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई का वीडियो जारी किया है जिसमें कई पाकिस्तानी चौकियां और बंकरों को ध्वस्त करते दिखाया गया है


सवाल- भारत ने जम्मू कश्मीर में क्यों एकतरफा सीजफायर का एलान किया जबकि हमें पता है कि पाकिस्तान भरोसे के लायक नहीं है? (सागर जाधव, इंदौर)


जवाब- जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रमजान और अमरनाथ यात्रा पूरी होने तक घाटी में सीजफायर की अपील केंद्र सरकार से की थी. रमजान का महीना 17 मई से शुरू हो चुका है जो 15 जून तक चलेगा जबकि अमरनाथ यात्रा अगले 28 जून से शुरू होकर 26 अगस्त तक चलेगी. महबूबा की अपील को मानकर केंद्र सरकार ने 16 मई को सशर्त एकतरफा सीजफायर का एलान किया है. मोदी सरकार ने ये भी साफ किया है कि आतंकी हमले की सूरत में सुरक्षाबल माकूल जवाब देने के लिए स्वतंत्र होंगे.


सवाल- सीजफायर क्या है? (आशुतोष बघेल, बिलासपुर)


जवाब- सीजफायर यानि युद्धविराम किसी भी युद्ध को अस्‍थायी तौर पर रोकने का जरिया होता है. इसके तहत हुए समझौते में दोनों पक्ष सीमा पर आक्रामक कार्रवाई न करने का वादा करते हैं. 25 नवंबर 2003 को भारत और पाकिस्‍तान के बीच सीजफायर यानि युद्धविराम लागू हुआ. इसका मकसद 778 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ कंट्रोल यानि कि एलओसी पर 90 के दशक से जारी गोलीबारी को बंद करना था. भारत की ओर से कहा गया था कि युद्धविराम की सफलता पाकिस्तान पर निर्भर करती है. पाकिस्‍तान को आतंकियों को भारत की सीमा में दाखिल होने और इंडियन आर्मी ट्रूप्‍स और नागरिकों पर हमला करने से रोकना होगा. वहीं इंडियन आर्मी ने पाक को चेतावनी दी थी कि अगर आतंकी सीमा के अंदर दाखिल हुए और हमले की कोशिश की गई तो फिर उन्‍हें माकूल जवाब दिया जाएगा.


सवाल- पाकिस्तान को भारत ऐसा कड़ा जवाब कब देगा कि वो सीजफायर उल्लंघन से पहले सौ बार सोचे. मोदी सरकार क्या कर रही है पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए?? (पंकज पाल सिंह, अमृतसर) (राजीव कुमार)


जवाब- 2016 में भारतीय सेना ने एलओसी पार करके सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया था. पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देते हुए 7 आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने के साथ-साथ 38 आतंकियों को भी मार गिराया था. अब रमजान चल रहा है, अगले महीने अमरनाथ यात्रा शुरू होनी है इसलिए धार्मिक माहौल को ध्यान में रखकर मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में एकतरफा सीजफायर का एलान किया है. लेकिन ये भी कहा है कि इस ऐलान के बाद भी सुरक्षाबल खुद पर हुए हमलों और कानून व्यवस्था के खराब होने की स्थितियों में मनचाही कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं.


सवाल- पाकिस्तान लगातार जम्मू कश्मीर में मासूम लोगों पर फायरिंग कर रहा है तो सरकार दिल्ली-लाहौर बस को बंद क्यों नहीं कर रही? (मोहम्मद सलमान)


जवाब- 19 फरवरी 1999 को तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में दिल्ली से लाहौर तक बस सर्विस ‘सदा ए सरहद’ शुरू की गई थी. हालांकि, 2001 में पार्लियामेंट अटैक के बाद इसे रोक दिया गया था. 16 जुलाई 2003 में द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के बाद इसे दोबारा शुरू किया गया. अगर पाकिस्तान की नापाक करतूतों के खिलाफ भारत ये बस सेवा बंद करता है तो विश्व समुदाय में गलत संदेश जाएगा. इसलिए बस सेवा सरकार बंद नहीं कर रही है.


सवाल- भारत अतीत से सबक क्यों नहीं ले रहा? पाकिस्तान के डीएनए में शांति नाम की कोई चीज नहीं है. हमें इजरायल का फॉर्मूला पाकिस्तान के खिलाफ क्यों नहीं अपनाना चाहिए? (एसपी सिंह, दिल्ली)


जवाब- भारत और इजरायल की परिस्थितियां अलग-अलग हैं. फिलिस्तीन और इजरायल के बीच में येरूशलम को लेकर सदियों से एक धार्मिक युद्ध की स्थिति है लिहाजा वो दोनों एक दूसरे के साथ युद्ध की स्थिति में रहते हैं. इसके साथ-साथ गाजापट्टी को लेकर उन दोनों के बीच गहरे मतभेद हैं इसलिए उनके रिश्ते सामान्य होने की तरफ नहीं बढ़ते जबकि भारत और पाकिस्तान दोनों अलग-अलग मुल्क हैं, दोनों न्यूक्लियर स्टेट हैं. पाकिस्तान में लोकतंत्र हमेंशा से सैनिक तंत्र के दबाव में रहा है. वहां के लोगों की भावनाएं हिंदुस्तान के साथ होने के बावजूद सामने नहीं आ पाती. ऐसे में वहां लोकतांत्रिक शक्तियों की आवाज कम सुनी जाती है. हां ये जरूर है कि हमें हमेशा सैन्य मजबूती बनाई रखनी होगी.


सवाल- GPS लोकेशन से ट्रेस करके हाफिज सईद और अन्य आतंकियो को मिसाइल से मारने मे कोई रुकावट है क्या? (कृष्ण गोपाल राय)


जवाब- ऐसी स्थिति का मतलब फुल फ्लैज वार की घोषणा करना होता है और दो परमाणु शक्तियां अगर युद्ध करती हैं तो ये बहुत मुश्किल है कि उसके युद्ध के बाद का असर दोनों देशों के नागरिकों पर न पड़ें. अभी भारतीय फौजें सीमा पर माकूल जवाब दे रही हैं. जरूरत है कि हाफिज सईद पर पूरी दुनिया के दबाव का इस्तेमाल किया जाए और पाकिस्तान को विश्व समुदाय में अलग-थलग किया जाए. इसके साथ अहम ये भी है कि भारत ये कभी नहीं चाहता कि युद्ध की पहल कभी भी उसकी तरफ से हो और अंतर्राष्ट्रीय जगत में उसकी छवि एक आक्रमणकारी मुल्क की बने.


सवाल- नरेंद्र मोदी जी ने अमेरिका से इतनी दोस्ती की तो पाकिस्तान के खिलाफ वो कितनी काम आई? (सद्दाम अली)


जवाब- ये भारत और अमेरिका के बीच और मजबूत हुए संबंधों का ही नतीजा था कि ट्रंप ने इसी साल जनवरी में पाकिस्तान को 7 हजार करोड़ की वित्तीय मदद रोकी थी. अमेरिका का आरोप है कि पाकिस्तान आज तक आतंक के खिलाफ लड़ाई को लेकर मूर्ख बनाता आया है. साथ ही वह तालिबान के खिलाफ एक्शन में फेल रहा है. आतंकी हाफिज सईद के पाकिस्तान में खुला घूमने से भी अमेरिका खासा चिंतित है. अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्‍ता हीथर नार्ट ने 17 मई को चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अमेरिका ने हाफिज की गिरफ्तारी के लिए 1 करोड़ डॉलर का ईनाम रखा है और वह पाकिस्‍तान में खुलेआम घूम रहा है. अमेरिका का ये पाकिस्तान विरोधी रवैया भारत के लिए बेहद सकारात्मक है.