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सवाल - अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और कोरिया के शासक किम जोंग उन की मुलाकात कब, कहां हुई और कितनी देर तक चली? क्या पहले कभी इनकी मुलाकात हुई थी?


(बगदाराम कुमावत, पिपलिया; अमित चौहान, रायगढ़; तखत सिंह, जोधपुर)


जवाब - अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन की एतिहासिक मुलाकात 12 जून को सिंगापुर में हुई. सिंगापुर की मेजबानी में हुई इस मुलाकात के लिए ट्रंप और किम सुबह अलग-अलग काफिले के साथ सेंतोसा आईलैंड के कैपेला होटल में पहुंचे. दोनों नेताओं ने पुरानी तल्खी भूलकर करीब 12 सेकंड तक बड़ी गर्मजोशी से हाथ मिलाया. फोटोग्राफर्स के सामने ट्रंप ने अपना हाथ किम जोंग के कंधे पर रखा. दुनिया भर की मीडिया के सामने ट्रंप और किम के चेहरे की मुस्कान देखने लायक थी. इसके बाद दोनों ने होटल के कमरे में करीब 50 मिनट तक बातचीत की. जहां उनके अलावा सिर्फ अनुवादक मौजूद थे. मुलाकात के बाद दोनों बाहर निकले और होटल की बालकनी में चहलकदमी की. दोनों नेताओं के बीच ये पहली मुलाकात थी, जो महीनों तक चली कूटनीतिक कोशिशों के बाद संभव हो सकी. इसके ठीक बाद दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी हुई, जिसमें दोनों देशों के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.


सवाल - अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन के बीच बातचीत कैसी रही?


(ओमप्रकाश कुमावत , हैदराबाद, अमरनाथ मिश्रा, सुल्तानपुर)


जवाब – मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से जब पूछा गया कि बातचीत कैसी रही तो उन्होंने कहा, “बहुत, बहुत अच्छी”. ट्रंप ने बातचीत को बेबाक और सकारात्मक बताते हुए अतीत में उलझे रहने की जगह आगे बढ़ने का संदेश दिया. किम जोंग उन ने उम्मीद जताई कि वो और ट्रंप आने वाली चुनौतियों से मिलकर निपटेंगे और सभी तरह की अटकलों और संदेहों को दूर करने में कामयाब होंगे. किम ने कहा कि बातचीत की ये पहल शांति के लिए अच्छी है. ट्रंप ने भी भरोसा जाहिर करते हुए कहा कि वो और किम मिलकर तमाम बड़ी अड़चनों और दुविधाओं को दूर कर लेंगे. दोनों नेताओं ने एक दूसरे और अपने-अपने देश की यात्रा पर आने का निमंत्रण दिया, जिसे दोनों ही नेताओं ने स्वीकार भी कर लिया.


सवाल - इस मुलाकात में ट्रम्प और किम के बीच क्या समझौता हुआ है?


(मेघ आनंद, मधुबनी; अयूब खिलजी, जोधपुर)


जवाब – अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन ने सिंगापुर समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. जिसमें कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से पूरी तरह मुक्त करने की बात कही गई है. ट्रंप ने इस समझौते को काफी व्यापक और महत्वपूर्ण दस्तावेज बताया है. दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण सहमति इस बात पर भी बनी है कि अमेरिका अब दक्षिण कोरिया के साथ युद्ध अभ्यास नहीं करेगा. ट्रंप ने शिखर वार्ता के बाद ये एलान करते हुए कहा, ‘‘हम दोनों देशों के बीच एक नया अध्याय लिखने को तैयार हैं. दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सैन्य अभ्यास रोक दिया जाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ये अभ्यास रोकने से काफी पैसे बचेंगे. ट्रंप ने कहा कि वो अभ्यास रोकने पर इसलिए सहमत हुए हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि ये काफी उकसावे से भरा है. ट्रंप की इस घोषणा से उत्तर कोरिया की एक पुरानी मांग पूरी हो गई है. वो लंबे अरसे से इस सैनिक अभ्यास पर एतराज करता रहा है.


सवाल – ट्रंप और किम के बीच हुए सिंगापुर समझौते से परमाणु हथियारों का खतरा कितना कम हुआ है? क्या इससे दुनिया शांति की तरफ बढ़ेगी?


(अरविंद आनंद, मुजफ्फरपुर; नाजिम, प्रतापगढ़; धर्मेंद्र मित्तल, चुरू; किशन बहादुर, शाहजहांपुर; मो. इकबाल, बेगूसराय; विजयबहादुर सिंह, मऊ; रूबी चौहान, रायगढ़; विकास झा, मधुबनी)


जवाब – अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन के बीच हुए सिंगापुर समझौते में पूरे कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त करने पर सहमति बनी है. इससे उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों का खतरा कम होने की उम्मीद भी बढ़ी है. लेकिन हमें ये भी ध्यान में रखना होगा कि अभी जिस समझौते पर दस्तखत हुए हैं, उसमें हथियारों के खात्मे को लेकर कोई विस्तृत ब्योरा या टाइमलाइन शामिल नहीं है. हालांकि ट्रंप ने कहा कि वो उम्मीद कर रहे हैं कि परमाणु हथियारों को खत्म करने की प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू हो जाएगी. उन्होंने भरोसा जताया कि ये प्रक्रिया उतनी तेजी से आगे बढ़ेगी, जितना तकनीकी और व्यावहारिक तौर पर संभव हो सकता है. ट्रंप ने कहा कि किम ने कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है और वो मिसाइल इंजन का एक परीक्षण स्थल नष्ट करने को भी तैयार हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इस समझौते को लेकर उन्हें किम पर विश्वास है.


हालांकि सारी दुनिया की निगाहें इस बात पर भी टिकी रहीं कि मुलाकात के बाद जब किम से कम से कम तीन बार पूछा गया कि क्या वो परमाणु हथियार छोड़ देंगे, तो उन्होंने ऐसा कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया और सिर्फ मुस्करा कर रह गए.


लेकिन उत्तर कोरिया जब तक अपना वादा पूरा नहीं करता, उस पर लागू प्रतिबंध जारी रहेंगे. समझौते पर दस्तखत के बाद ये बात खुद ट्रंप ने साफ की. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया के खिलाफ परमाणु हथियारों की वजह से लगाए गए प्रतिबंध तभी हटेंगे जब ये भरोसा हो जाएगा कि परमाणु हथियार अब कोई मुद्दा नहीं रह गया है. ट्रंप ने ये भी कहा कि आपसी सहमति को आगे बढ़ाने के लिए वो और किम इसके बाद भी आपस में मिलेंगे और दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच भी मुलाकातें होती रहेंगी.


ट्रंप ने कहा कि उत्तर कोरिया के पास काफी परमाणु हथियार हैं जिनसे दक्षिण कोरिया, जापान समेत कई मुल्कों को खतरा है. इस खतरे को कम करने की कोशिश के तहत ही उन्होंने सिंगापुर आने का फैसला किया.