(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
फर्जी वीजा बनाने वाले इंटरनेशनल इमीग्रेशन रैकेट के फरार सदस्य गिरफ्तार, लोगों से करते थे लाखों की ठगी
Delhi: पेरिस जाने के लिए 15 लाख प्रति यात्री की कीमत से 45 लाख में फ्रांस का फर्जी वीजा देने की बात कह कर 36 लाख में डील फाईनल हुई.
Delhi-International Immigration Racket: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट थाने की पुलिस टीम ने लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले इंटरनेशनल इमीग्रेशन रैकेट (International Immigration Racket) के फरार चल रहे दो और एजेंट को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, भावसिंह भाई और प्रतीक शाह के रूप में हुई है. ये गुजरात के सूरत और सोमनाथ के रहने वाले हैं.
डीसीपी रवि कुमार सिंह के अनुसार इसके पास से 2 लैपटॉप, 2 प्रिंटर, अलग-अलग एम्बेसी के 15 फर्जी स्टैम्प, फर्जी वीजा बनाने वाला डाई, 170 ब्लैंक PR कार्ड्स, चिप के साथ 80 PR कार्ड्स, 12 मोबाइल फोन, 1 प्रेस डाई मशीन, UV लेजर रबर स्टैम्प मशीन, पेपर कटिंग मशीन, लेमिनेशन मशीन, वीजा स्टिकर बनाने वाला 5 पेपर रॉल, 100 वीजा पेपर, 9 UV इंक बॉटल, 2 बॉक्स कलर इंक, वीजा बनाने वाली अन्य सामग्री बरामद किया गया है. गिरफ्तार दोनो एजेंट अपने सहयोगियों के साथ मिलकर भारत सहित विदेशों में भी फर्जी वीजा और ट्रैवल डॉक्युमेंट्स अरेंज करने में शामिल हैं. ये लोगों के लिए फर्जी वीजा अरेंज करते हैं जिसके जरिए वे अनुचित तरीकों से दूसरे देशों में बस सकें.
4 हवाई यात्रियों के फर्जी वीजा पर यात्रा करने की शिकायत मिली
डीसीपी ने बताया कि इस साल मार्च के 16 और 24 तारीख को आईजीआईए के इमीग्रेशन डिपार्टमेंट से दो अलग-अलग मामलों में पेरिस जा रहे कुल 4 हवाई यात्रियों के फर्जी वीजा पर यात्रा करने की शिकायत मिली थी. दोनों मामलों में पुलिस ने पूछताछ के बाद यात्रियों को गिरफ्तार कर लिया था. 16 मार्च को पकड़े गए यात्रियों सुच्चा सिंह, सुरजीत सिंह और अमनदीप सिंह से पूछताछ में उन्होंने पुलिस को बताया कि वो उनके कॉमन फ्रेंड के माध्यम से दिल्ली के ऊत्तम नगर के रहने वाले गुरिंदर सिंह मोखा और रोपड़, पंजाब के रहने वाले संदीप कुमार नाम के एजेंट के संपर्क में आये थे.
इन्होंने उन्हें पेरिस जाने के लिए 15 लाख प्रति यात्री की कीमत से 45 लाख में फ्रांस का फर्जी वीजा देने की बात की थी. जिसकी डील 36 लाख में फाईनल हुई और उन्होंने 5 लाख रुपये बतौर एडवांस उन्हें दिया था. जिसके बाद उन्होंने उनका संपर्क गौरव गुसाईं नाम के एजेंट से करवाया था जो दुबई में बैठ कर दिल्ली से ह्यूमन ट्रैफिकिंग के काम को संचालित करता है.
टूटिस्ट वीजा पर दुबई गया
वहीं दूसरे मामले में पकड़े गए हरियाणा के हवाई यात्री सुशील कुमार ने पुलिस को बताया कि वो उनके भाई के द्वारा गौरव गुसाईं नाम के एजेंट के संपर्क में आये थे. उनके भाई की उससे मुलाकात तब हुई थी जब वो टूटिस्ट वीजा पर दुबई गया हुआ था. वहां उसने गौरव गुसाईं को 50 हजार रुपये एडवांस के रूप में दिए और बाकी के साढ़े 12 लाख रुपये यूरोप पहुंचने के बाद देने की डील तय हुई थी.
ठगी के इस गोरखधंधे के खुलासे के लिए बनी टीम
वैश्विक स्तर पर विदेश भेजने के नाम पर लोगों से ठगी के इस गोरखधंधे के खुलासे के लिए एसीपी आईजीआईए वीरेंद्र मोर की देखरेख में एसएचओ यशपाल सिंह के नेतृत्व में इंस्पेक्टर सुमित कुमार, एएसआई ओम प्रकाश, हेड कॉन्स्टेबल विनीत, विनीत और कॉन्स्टेबल नितिन की टीम का गठन किया गया था.
फेक वीजा और PR कार्ड्स करते थे अरेंज
इस मामले में जांच में जुटी पुलिस टीम ने तीनों आरोपियों, गुरविंदर सिंह मोखा, संदीप कुमार और गौरव गुसाईं को गिरफ्तार कर लिया था और उनके कब्जे से 35 इंटरनेशनल पासपोर्ट, फ्रांस के 4 फर्जी वीजा, 4 एटीएम कार्ड, 1 एमिरेट्स कार्ड, 6 बैंक पासबुक और 3 मोबाइल बरामद किया गया था. पुलिस कस्टडी में पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि भावसिंह भाई और प्रतीक शाह नाम के दो एजेंट उनके लिए फेक वीजा और PR कार्ड्स अरेंज करते थे. जिसके बाद पुलिस ने गुजरात के रहने वाले भावसिंह भाई को दिल्ली स्थित उसके ठिकाने से दबोच लिया. जिसने पूछताछ में प्रतीक शाह से फेक वीजा और पीआर कार्ड लेने का खुलासा किया. उसने बताया कि वो सब-एजेंट से वाट्सएप के माध्यम से पैसेंजर के पासपोर्ट के फ़ोटो प्राप्त करता था और आगे उसे फेक वीजा बनवाने के लिए प्रतीक को फॉरवर्ड कर देता था. भावसिंह भाई ने बताया कि वो कमीशन बेसिस पर काम करता था. वीजा बनने के बाद वो कुरियर से दिए गए पते पर उसे भेज देता था.
गिरफ्तारी के बाद हुआ 4 मामलों का खुलासा
भावसिंह के द्वारा किए गए खुलासे के आधार पर पुलिस ने गुजरात से प्रतीक शाह को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने फेक वीजा बना कर एजेंट भावसिंह भाई को देने की बात स्वीकारी. प्रतीक के कब्जे से पुलिस ने 2 लैपटॉप, 2 प्रिंटर, अलग-अलग एम्बेसी के 15 फर्जी स्टैम्प, फर्जी वीजा बनाने वाला डाई, 170 ब्लैंक पीआर कार्ड्स, चिप के साथ 80 PR कार्ड्स, 12 मोबाइल फोन, 01 प्रेस डाई मशीन, UV लेजर रबर स्टैम्प मशीन, पेपर कटिंग मशीन, लेमिनेशन मशीन, वीजा स्टिकर बनाने वाला 05 पेपर रॉल, 100 वीजा पेपर, 09 UV इंक बॉटल, 02 बॉक्स कलर इंक, वीजा बनाने वाली अन्य सामग्री बरामद किया. जांच में आरोपी एजेंट प्रतीक पर गुजरात के अलग-अलग थानों में 4 मामले होने का पता चला. इस मामले में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई.
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