श्रीनगरजम्मू कश्मीर पुलिस ने कल मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के चीफ कमांडर अबु दुजाना का शव ले जाने के लिए पाकिस्तान उच्चायोग से संपर्क किया है. जम्मू कश्मीर पुलिस ने पाक उच्चायोग से कहा है कि सभी जानते हैं दुजाना पाकिस्तानी है इसलिए इसके शव को ले जाएं. दुजाना के कल मुठभेड़ में मारे जाने के बाद आज किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए कश्मीर घाटी के स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है. कल हुई हिंसा और पत्थरबाजी की घटनाओं के बाद पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं, ताकि हिंसा भड़काने में उनका इस्तेमाल न हो सके.


इतना ही नहीं एहतियात के तौर पर रेल सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. अलगाववादी संगठन हुर्रियत के आज बंद के एलान को देखते हुए कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए गए हैं. कल हुई हिंसा में एक शख्स की मौत हो गई थी जबकि 40 से ज्यादा लोग घायल हुए थे, जिनमें पांच की हालत गंभीर है.


एनकाउंटर में मारा गया लश्कर का आतंकी


कल सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक साझा ऑपरेशन में लश्कर के कमांडर अबु दुजाना को उसी के बिल में घुसकर मौत के घाट उतार दिया. पुलवामा के हाकरीपोरा गांव के इसी घर में अबु दुजाना, एक और आतंकी आरिफ के साथ छिपा हुआ था. सुरक्षाबलों के चंगुल में फंसा अबु दुजाना A++ कैटेगरी यानी बेहद खतरनाक और मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की श्रेणी में था.


17 साल की उम्र में लश्कर में शामिल हो गया था दुजाना


करीब 7 सालों से कश्मीर में सक्रिय अबु दुजाना पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के गिलगिट का रहने वाला था. 27 साल का दुजाना 17 साल की उम्र में लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था. साल 2013 में लशकर कमांडर अबू कासिम के मारे जाने के बाद दुजाना ने कश्मीर में लश्कर की कमान संभाली थी. दुजाना ज्यादा खतरनाक इसलिए हो गया था, क्योंकि वो दूसरे आतंकी संगठनों के साथ मिलकर कश्मीर में आतंक का नेटवर्क बना रहा था.


लगातार दुजाना का पीछा कर रहे थे सुरक्षाबल


पिछले 2 महीनों में तकरीबन 6 जगहों पर अबु दुजाना को घेरे में लिया था. 10 दिन पहले पुलवामा में एक नाके में एक सूमो गाड़ी को घेरे में लिया गया तब गोलीबारी में दुजाना को गोली लगी थी और उसके बाद से ही सुरक्षाबल लगातार उसका पीछा कर रहे थे.


अय्याश था दुजाना


सूत्रों के मुताबिक, दुजाना की अय्याशी भी उसकी मौत का कारण बनी. हाल ही में उसने पुलवामा में एक लड़की से शादी भी की, जिसके कारण वो बार बार पुलवामा आता था. कुछ दिनों पहले सुरक्षाबलों को एक मुठभेड़ के दौरान दुजाना का मोबाइल फोन हाथ लग गया. उस फोन से मिली जानकारियों के आधार पर सुरक्षाबलों ने पुलवामा के इस घर की घेराबंदी की जहां करीब 4 घंटे तक चले एनकाउंटर के बाद अबु दुजाना का हमेशा के लिए अंत हो गया. इस ऑपरेशन में जम्मू कश्मीर पुलिस की बड़ी भूमिका रही.


सुरक्षा एजेंसियों ने तैयार किया था 12 आतंकियों का डॉजियर


आतंकियों के सफाए के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने 12 आतंकियों का डॉजियर तैयार किया था. सेना और सुरक्षाबलों को निशाना बनाने वाले ऐसे आतंकियों के खात्मे के लिए कश्मीर में बड़ा अभियान चल रहा है जिसके तहत इस साल सिर्फ 7 महीने में 112 आतंकी मारे जा चुके हैं. इनमें अबु दुजाना के अलावा 1 जुलाई को लश्कर आतंकी बशीर लश्करी, 16 जून को जुनैद मट्टू और 27 मई को मारा गया सबजार भट्ट शामिल हैं.


कश्मीर में आतंक का पोस्टर ब्वाय बन चुका था दुजाना


अबु दुजाना का खात्मा लश्कर के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वो पिछले साल मारे गए बुरहान वाणी की तरह ही कश्मीर में आतंक का पोस्टर ब्वाय बन चुका था. यही वजह है कि आज दुजाना की मौत के बाद भी कश्मीर में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुआ. इसके बाद से कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सर्विस को बंद कर दिया गया.