नई दिल्ली: एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) दिल्ली के स्वयंसेवकों ने दिल्ली में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने टीएमसी दफ्तर की दीवारों पर ममता बनर्जी के विरोध में नारे भी लिखे. एबीवीपी दिल्ली के स्टेट प्रेसिडेंट सिद्धार्थ यादव ने कहा कि एबीवीपी बंगाल कार्यालय पर कल हमला हुआ, यह रुकना चाहिए.


उन्होंने कहा कि बंगाल में राज्य प्रायोजित हिंसा के खिलाफ राष्ट्र को आवाज उठाने की जरूरत है. बंगाल चुनाव परिणामों के तुरंत बाद लोकतंत्र की गरिमा की धज्जियां उड़ाते हुए टीएमसी के गुंडों ने एबीवीपी के कोलकाता स्थित कार्यालय में हिंसक हमला कर दिया. जिसमें बहुत छात्र-छात्राएं घायल हो गए. चुनाव होने के बाद बंगाल में हिंसा हो रही है. 28 दिनों में 2 मर्डर हो चुके हैं. हम ये बताना चाहते हैं कि उन लोगों की जान की भी कोई कीमत है. हमारे कार्यकर्ता घर नहीं जा पा रहे हैं, ऐसा नहीं चलेगा.


प्रदर्शनकारी एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पूरे पश्चिम बंगाल में हिंसा, लूटपाट, आगजनी और राजनीतिक बदले का एक ऐसा तांडव शुरू किया है, जिससे हजारों लाखों निर्दोष लोग प्रभावित हो रहे हैं. प्रमुख विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या और महिला पार्टी कार्यकर्ताओं से बदसलूकी जैसी घटनाऐं बंगाल के हर कोने से सामने आ रही हैं.


बीजेपी के नेता अमित मालवीय ने ट्विटर पर हुगली में हुई आगजनी का वीडियो शेयर करते हुए सवाल पूछा था. वो लिखते हैं 'पश्चिम बंगाल विधानसभा के नतीजे आने के बाद टीएमसी के गुंडों ने आरामबाग में बीजेपी के पार्टी कार्यालय को जला दिया. क्या अगले 5 वर्षों तक बंगाल को इसी स्थिति से गुजरना पड़ेगा?' हालांकि टीएमसी के समर्थकों ने बीजेपी के दफ्तर में आगजनी के आरोपों को खारिज किया है.


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