JNU Professor Seminar In Odisha: ओडिशा की प्रतिष्ठित उत्कल यूनिवर्सिटी (Utkal University) में रविवार को जेएनयू के एक प्रोफेसर का सेमिनार चल रहा था और उसी दौरान वहां पर एबीपीवी के सदस्य आ गए. एबीपीवी के सदस्यों ने जमकर बवाल काटा और आयोजकों के साथ भिड़ गए. हंगामे को देखते हुए कार्यक्रम को ही रोकना पड़ा. जेएनयू के प्रोफेसर सुरजीत मजूमदार संविधान और शिक्षा नीति पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे.


भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त प्रतीक सिंह ने कहा कि स्थिति को शांत करने के लिए पुलिस तुरंत परिसर में पहुंची. जिन लोगों ने समस्याएं पैदा करने की कोशिश की उन्हें हिरासत में लिया गया और अंडरटेकिंग पर हस्ताक्षर करने के बाद रिहा कर दिया गया.


'जबरदस्ती हॉल में घुसे और स्पीकर को गालियां दी'


सिटीजन फोरम के आयोजन समूह के संयोजक प्रदीप्त नायक ने कहा कि मजूमदार अर्थशास्त्री के नजरिए से भारतीय संविधान और देश के विकास पर चर्चा कर रहे थे. उन्होंने कहा, "वह (जेएनयू प्रोफेसर) सरकार या किसी के खिलाफ कुछ भी चर्चा नहीं कर रहे थे. एबीवीपी समर्थक होने का दावा करने वाले कुछ पूर्व छात्र सेमिनार हॉल में घुस गए और स्पीकर को गालियां देने लगे. इसके बाद वो मंच पर चढ़ गए और सेमिनार को रद्द करने की मांग की."


'उन्होंने भारत विरोधी बयान दिए'


प्रदीप्त नायक ने यह भी आरोप लगाया कि संगोष्ठी के दौरान मौजूद अन्य लोगों के साथ एबीपीवी के कार्यकर्ताओं ने मारपीट की और उन्हें धमकाया. इस बीच, एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने सेमिनार के आयोजकों पर हमला करने का आरोप लगाया. एबीवीपी कार्यकर्ता मासन साहू ने कहा, "अपने भाषण में उन्होंने ऐसे बयान दिए जो 'भारत विरोधी' हैं. उन्होंने कहा कि भारत का संविधान खतरे में है और ऊंची जाति के लोग सरकार चला रहे हैं जिसका विरोध करने की जरूरत है. उन्होंने इस तरह के कई और बयान दिए."


हाथापाई के वीडियो वायरल


मासन साहू ने सवाल किया कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने "बाहरी लोगों" को रविवार को सेमिनार आयोजित करने की अनुमति क्यों दी. बता दें कि साहू विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र है. आयोजकों और ABVP सदस्यों के बीच हाथापाई के कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं. दोनों गुटों ने एक दूसरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर शहीद नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है.


डीसीपी सिंह ने कहा कि शिकायतों के आधार पर दो मामले दर्ज किए गए हैं और स्थिति पर नजर रखी जा रही है. एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने जेएनयू के प्रोफेसर और आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर परिसर के मुख्य द्वार को भी बंद कर दिया है और शाम को धरना शुरू कर दिया.


JNU प्रोफेसर ने क्या कहा


इस पूरे बवाल पर पत्रकारों से बात करते हुए सुरजीत मजूमदार ने कहा कि संगोष्ठी उत्कल विश्वविद्यालय प्राधिकरण की मंजूरी के साथ आयोजित की गई थी और इसमें संविधान, इसके भविष्य और इसे मजबूत करने के कदमों पर चर्चा हुई थी. उन्होंने कहा, "मैंने संविधान से मिले अपने अधिकारों के तहत ही बयान दिए हैं. मैंने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की जो इसके प्रावधानों के खिलाफ हो, लेकिन व्यवधान निश्चित रूप से कानून के अनुसार नहीं था."


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