पुणे: छात्र संघों के बीच दिल्ली में जो लड़ाई शुरू हुई अब वो महाराष्ट्र के पुणे पहुंच गयी है. देर रात पुणे यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और स्टूडेंट फेडेरेशन ऑफ इंडिया यानी SFI के छात्रों के बीच मारपीट हुई. दोनों छात्र संघ एक-दूसरे के ऊपर आरोप लगा रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में एबीवीपी के चार और एसएफआई के पांच छात्रों को हिरासत में लिया है.
छात्रों को दो गुटों के बीच झड़प की शुरूआत ऐसे ही पोस्टर्स लगाने को लेकर हुई. विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया की नौबत मारपीट तक पहुंच गयी.
एसएफआई यानि स्टूडेंट फेडेरेशन ऑफ इंडिया के छात्रों के मुताबिक सेना के जवानों के ऊपर बीजेपी एमएलसी प्रशांत परिचारक ने जो आपत्तिजनक बयान दिया था उसी के विरोध में एक कार्यक्रम का आयोजन 27 फरवरी को किया गया है, जिससे संबंधित पोस्टर वो चिपका रहे थे, तभी एबीवीपी के 25-30 लोग वहां आए और उनसे मारपीट की.
वहीं एबीवीपी के छात्रों का आरोप है कि SFI के लोग एबीवीपी मुर्दाबाद के पोस्टर लगा रहे थे, जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उन्होंने गाली गलौज और मारपीट की.
पुणे के चतुश्रुंगी पुलिस स्टेशन में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी जिसके बाद एसएफआई के पांच और एबीवीपी के चार छात्रों को मिलाकर कुल नौ छात्रों को हिरासत में ले लिया है.
दरअसल एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठनों के बीच इस लड़ाई की शुरूआत मंगलवार को दिल्ली के रामजस कॉलेज से शुरु हुई थी. इतिहास विभाग में एक सेमिनार का आयोजन किया गया था. सेमिनार में जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के आरोपों से घिरे उमर खालिद को भी बुलाया गया था लेकिन एबीवीपी के विरोध के बाद सेमिनार तो रद्द हो गया लेकिन हंगामा जारी रहा. बुधवार को रामजस कॉलेज में एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठन से जुड़े छात्रों की झड़प भी हुई थी जिसमें कुछ छात्रों के अलावा पुलिसवाले भी जख्मी हुए थे.