नई दिल्ली: एबीवीपी ने मारपीट के आरोप में गिरफ्तार अपने दो सदस्य छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की है. एबीवीपी ने प्रशांत और विनायक नाम के इन छात्रों को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है.
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इन दोनों छात्रों पर कल दिल्ली के खालसा कॉलेज की लालबत्ती के पास वामपंथी छात्रों के साथ हुई मारपीट की घटना में शामिल होने का आरोप है. एबीवीपी ने मारपीट की इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि वो कैंपस में हिंसामुक्त माहौल बनाने के हक में हैं.
एबीवीपी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि संगठन इस मामले की आंतरिक जांच कर रहा है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. एबीवीपी ने पुलिस से मामले की पूरी जांच करके दोनों पक्षों के दोषी छात्रों पर कार्रवाई करने की मांग भी की है.
दो छात्रों के इस कृत्य की हम निंदा करते हैं और कैम्पस में हिंसा मुक्त वातावरण की वकालत करते हैं. शुरआती सूचना के आधार पर इन दोनों सदस्यों को उनके अनुशासनहीन कृत्य के कारण पार्टी से निलंबित किया गया है. आगे की कार्रवाई के लिए अंतरिम जांच के आदेश दिये गये हैं.’’
उत्कर्ष और राज ने दावा किया कि श्री गुर तेग बहादुर खालसा कॉलेज के समीप सात से आठ लोगों ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें बेल्टों से मारा था. यह घटना तब की है जब आइसा कार्यकर्ता एबीवीपी विरोधी मार्च समाप्त होने के बाद शाम को पांच बजकर 20 मिनट के करीब नॉर्थ कैम्पस के कला संकाय से लौट रहे थे
क्या है रामजस कॉलेज विवाद ?
डीयू के रामजस कॉलेज के एक सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद को बुलाने से जुड़ा है. देशविरोधी नारे लगाने के आरोपी उमर के साथ ही कन्हैया कुमार और अनिर्बान पिछले साल जेल गए थे. एबीवीपी के विरोध के बाद सेमिनार तो रद्द कर दिया गया लेकिन एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठन आमने-सामने आ गए थे. बाद में एबीवीपी ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि वामपंथी छात्रों ने देश विरोधी नारे लगाए थे.