Kerala Corona Cases: केरल में कोरोना के केस में बढ़ोतरी के पीछे हैं ये चार वजह, जानें एक्सपर्ट्स क्या बोले?
Kerala Corona Cases: जानकारों को कहना है कि केरल में कोरोना के केस में आए उछाल के पीछे मुख्य रूप से चार वजहें हैं. फिलहाल केरल में कोरोना के कुल 1 लाख 59 हजार 870 एक्टिव केस हैं.
Kerala Corona Cases: भारत में कोरोना खत्म नहीं हुआ. पिछले 24 घंटो में सामने आए नए मामलों में 65 फीसदी मामले सिर्फ एक राज्य केरल से सामने आए हैं. केरल में हालात अभी चिंताजनक बनी हुई है. वहीं जानकारों का मानना है कि केरल में बढ़ते मामलों के पीछे की सबसे बड़ी वजह ये है कि वहां की बड़ी आबादी संक्रमणसे बची हुई थी, जो अब संक्रमित हो रही है.
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ो के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में 37,593 नए कोरोना केस सामने आए और 648 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है. इसमें से 24,296 कोरोना केस सिर्फ केरल से रिपोर्ट हुए हैं, जोकि 24 घंटो में सामने आए कुल मामलो का करीब 65 फीसदी है. जानकारों के मुताबिक इसकी तीन बड़ी वजह है.
पहली वजह एक बड़ी आबादी जो संक्रमित नहीं हुई, जिसके होने की संभावना है. दूसरी अनलॉक की प्रक्रिया में कोविड अप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन नहीं होना है. तीसरी वजह कोरोना की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और कन्टेनमेंट का नहीं होना है. चौथी वजह हाल में आए त्योहार हैं.
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट एम्स के डॉ संजय राय और आइसीएमआर की एडवाइजर और कम्युनिटी मेडिसिन की डॉ सुनीला गर्ग दोनों का मानना है कि केरल में केस बढ़ने की बड़ी वजह है बड़ी आबादी कोरोना संक्रमित नहीं हुई है.हाल में आइसीएमआर के चौथे सीरो सर्वे में भी सामने आया था कि केरल में सिर्फ 44 फीसदी आबादी को संक्रमण हुआ है. ऐसे में संक्रमण का खतरा ज्यादा है.
डॉ संजय राय के मुताबिक, “जो भी समझ आती है एपिडेमियोलॉजी की उसके हिसाब से जब तक ससेप्टिबल आबादी रहेगी इस तरह की बीमारी को रोकना मुश्किल है. अभी 50 फीसदी लोग भी संक्रमित नहीं हुए थे जो आइसीएमआर के सीरो सर्वे में आया है...और जब इस तरह की ससेप्टिबल आबादी है जिसे नहीं हुआ, तब तक वहां इसके फैलने का खतरा रहता है. एक बार जब कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो जाता है तो ज्यादातर लोगों को इन्फेक्ट करने के बाद ही खत्म होता है, जैसे उत्तर भारत मे हुआ.”
वहीं, डॉ सुनीला गर्ग कहती हैं, “केरल में बहुत सारे कारण हैं लेकिन जब हमारा सीरो सर्वे का रिजल्ट आया तो 44 फीसदी लोगों में सीरो पॉजिटिविटी पाई गई यानी 44 फ़ीसदी लोग संक्रमित हो चुके थे. बाकी लोगों को इंफेक्शन नहीं हुआ था. यानी केरल ने अपनी पॉपुलेशन को बचा लिया था लेकिन अब ऐसी स्थिति आ रही है कि अब केस बढ़ रहे हैं.”
वहीं दूसरी वजह है जो जानकार बताते है और जो केंद्र सरकार ने भी पाया था कि केरल में ठीक से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और कन्टेनमेंट जोन का पालन नहीं हो रहा है. केरल में उस तरह से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग नहीं हो रही जैसे होना चाहिए.
डॉ सुनीला गर्ग ने कहा कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ठीक से नहीं हो रही है. एक केस के साथ 15 केस ट्रेस करने होते हैं जो नहीं हो रहा है. हमने देखा कि 8 जिलों में सेंट्रल टीम गई तो पाया गया कि एक के खिलाफ एक कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर रहे थे जो कि ठीक नहीं है. इससे ठीक से संक्रमण का पता नहीं चलता है.
इसके अलावा अनलॉक के दौरान कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन नहीं होना है. यही वजह है कि संक्रमण अभी भी फैल रहा है. साथ ही हाल में आये त्योहार जैसे ओनम और उसे पहले के त्योहार में लोग निकले और इस दौरान भी कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन नहीं होना भी एक वजह है.
केरल में बुधवार को कोविड के 24,296 नए मामले सामने आने के साथ ही कोरोना वायरस संक्रमितों की कुल संख्या 38 लाख 51 हजार 984 हो गयी. वहीं संक्रमण से अब तक 19,757 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं अब कुल 1,59,870 एक्टिव केस है.
भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कुल 3 करोड़ 25 लाख 12 हज़ार 366 है. इसमें 3,22,327 एक्टिव केस जबकि 4,35,758 लोगों की संक्रमण से मौत हो गई है. वहीं 3,17,54,281 संक्रमण से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं. देश में कोरोना संक्रमण से ठीक होने की दर 97.67 फीसदी है जबकि मृत्यु दर 1.34 फीसदी है.