नई दिल्ली: केंद्र की एनडीए सरकार धर्म और विचारधारा के नाम पर शाकाहरी खाने की हिमायती रही है. इन दिनों रेलवे बोर्ड भी इस बात की कोशिश कर रहा है कि 2 अक्टूबर यानी कि गांधी जंयती को शाकाहार दिवस के रूप में मनाया जाए और उस दिन ट्रेनों में नॉन वेज खाना नहीं मिले. लेकिन इंडियास्पेंड की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि भारत में आमतौर पर 80 फीसदी पुरुष और 70 फीसदी महिलाएं अंडे, फिश, चिकन और मीट का सेवन करते हैं. हालांकि रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में लोगों के रोजाना की डाइट में दूध, दही, दाल जैसा वेज खाना ही शामिल रहता है.


इस रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि भारत में 42.8 फीसदी महिलाएं और 48.9 फीसदी पुरुष ऐसे जो कि हफ्ते में एक बार मीट, चिकन या फिश का सेवन जरूर करते हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 15 से 45 साल की उम्र की 45 फीसदी महिलाएं दूध और दही खाती हैं, जबकि 44.8 दाल का सेवन करती हैं. वहीं 15 से 45 की उम्र के 46.2 फीसदी पुरुष दूध और दही खाते हैं, जबकि 46.5 फीसदी दाल खातें हैं.


पंजाब की महिलाएं खाती हैं सबसे कम नॉन वेज


रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा केरल की 92.8 फीसदी महिलाएं हफ्ते में एक बार चिकन या मीट खाती हैं, जबकि गोवा की 85.7 फीसदी और असम की 80.4 फीसदी महिलाएं हफ्ते में एक बार मीट या चिकन का सेवन करती हैं.

सबसे कम नॉन वेज खाने के मामले में पंजाब की महिलाएं आगे हैं. पंजाब की केवल 4 फीसदी महिलाएं ही नॉन वेज का सेवन करती हैं, जबकि राजस्थान की 6 फीसदी महिलाएं और हरियाणा की 7.8 फीसदी महिलाएं नॉन वेज खाती हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार नॉर्थ ईस्ट और साउथ इंडिया में सबसे ज्यादा मीट का सेवन किया जाता है.