श्रीनगर: कश्मीर घाटी में सिख लड़कियों के जबरन धर्मांतरण को लेकर राजनीति गरमायी हुई है. अकाली दल नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस मामले में जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा से मुलाकात कर शिकायत की. मुलाकात के बाद सिख नेताओं ने कहा कि प्रशासन की तरफ से भरोसा दिया गया है कि जिन लड़कियों का धर्मांतरण करवाया गया है उन्हें परिवारों को वापस लौटाया जाएगा. 


सिख नेताओं ने यह भी कहा कि उप राज्यपाल ने कश्मीर घाटी में लड़कियों की सुरक्षा को लेकर भी भरोसा दिया है. मनजिंदर सिंह सिरसा दो सिख लड़कियों के जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए कल श्रीनगर में धरना दिया था. सिरसा का आरोप है कि श्रीनगर में पिछले एक महीने के दौरान चार सिख लड़कियों का जबरन धर्मांतरण किया गया है. सिख नेताओं ने जम्मू कश्मीर में भी लवजेहाद कानून की तर्ज पर कानून बनाने की मांग की है. इस मामले को लेकर दिल्ली में भी सिख संगठनों ने भी प्रदर्शन किया है.


इस पूरे मामले को लेकर मनजिंदर सिंह सिरसा ने एबीपी न्यूज़ से बात की. उन्होंने कहा, ''मैं आज भी कहता हूं कि इन लड़कियों के धर्मपरिवर्तन के लिए हम जिम्मेदार हैं. कोई भी धर्म इतना कमजोर नहीं होना चाहिए कि उनकी बच्चियों का धर्मपरिवर्तन करवा दिया जाए. लेकिन यहां हम बात कर रहे कि एक लड़की को जबरन अगवा करना और फिर जिस राज्य एक धर्म विशेष बहुसंख्यक है, उसके द्वारा एक 18 साल एक महीने की बच्ची को अगवा किया गया. इस बच्ची को कोर्ट में पेश किया गया लेकिन उसके परिवार को कोर्ट में अंदर नहीं जाने दिया गया.''


उन्होंने कहा, ''इस तरह से कहीं भी जबरन धर्म परिवर्तन ना हो इसके लिए देश में और जम्मू कश्मीर में कानून आना चाहिए. यहां के स्थानीय सिख और हमारी सबसे बड़ी संस्था ने भी इसकी मांग की है. कोई भी धर्म बहुत पवित्र होता है, सिख धर्म भी इसी तरह बड़ी शहादत के साथ बना है. इसीलिए जबरन धर्मपरिवर्तन को लेकर सरकार को ध्यान देना चाहिए.'' 


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