नई दिल्ली: दरभंगा रेलवे स्टेशन पर विस्फोट मामले में एनआईए ने शुक्रवार को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था. आज एनआईए की टीम इन आरोपियों को लेकर पटना पहुंच गई है. इन्हें यहां पटना में विशेष एनआईए अदालत में पेश किया जाएगा. उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना निवासी मोहम्मद सलीम अहमद और कफील को यूपी की सक्षम अदालत से ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद पटना लाया गया.
मामला असल में पिछले महीने बिहार के दरभंगा में तब दर्ज किया गया था जब दरभंगा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म-1 पर एक पार्सल में विस्फोट हुआ. यह पार्सल सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस से दरभंगा पहुंचा था. एनआईए ने मामला फिर से दर्ज किया और 30 जून को मोहम्मद नासिर खान और इमरान मलिक नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया.
सलीम और कफील मामले में प्रमुख साजिशकर्ता
एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि सलीम और कफील मामले में प्रमुख साजिशकर्ता हैं. उन्होंने फरवरी में सलीम के घर बैठक की और चलती ट्रेन में आईईडी विस्फोट करने की योजना बनाई जिससे कि जान-माल का अधिक से अधिक नुकसान हो सके. सलीम पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी इकबाल काना का करीब सहयोगी था. वह काना और गिरफ्तार सभी आरोपियों के बीच प्रमुख मध्यस्थ के रूप में काम कर रहा था. वह काना द्वारा भेजे गए धन को संबंधित लोगों तक पहुंचाने में भी शामिल था जिसका इस्तेमाल आतंकी कृत्य को अंजाम देने में किया गया.
एनआईए ने कहा कि लश्कर, खान और मलिक के पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देशों के तहत काम करते हुए एक आग लगाने वाला आईईडी बनाया था और इसे कपड़े के एक पार्सल में पैक किया था और सिकंदराबाद से दरभंगा तक लंबी दूरी की ट्रेन में बुक किया था. इसका उद्देश्य चलती यात्री ट्रेन में विस्फोट और आग लगाना था, जिसके परिणामस्वरूप जान और माल का भारी नुकसान हुआ.
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